मकर संक्रांति पर 1.32 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी, अखाड़ों पर हेलीकॉप्टर से की पुष्प वर्षा
Makar Sankranti: महाकुंभ 2025 के पहले अमृत स्नान के दौरान मंगलवार को सुबह 10.30 बजे तक 13.8 मिलियन यानी एक करोड़ 32 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में पवित्र डुबकी लगाई है।
Makar Sankranti: उज्जवल प्रदेश, प्रयागराज. महाकुंभ 2025 के पहले अमृत स्नान के दौरान मंगलवार को सुबह 10.30 बजे तक 13.8 मिलियन यानी एक करोड़ 32 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में पवित्र डुबकी लगाई है। अधिकारियों ने बताया कि आज सुबह 10:30 से प्रयागराज एयरपोर्ट से एक हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी और सभी अखाड़ों पर पुष्प वर्षा की।
इसके पहले दुनिया के सबसे बड़े समागम के पहले दिन सोमवार को करीब 1.5 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में पवित्र डुबकी लगाई थी। इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को पहले अमृत स्नान में भाग लेने वाले सभी श्रद्धालुओं को हार्दिक बधाई दी। सीएम योगी ने एक्स पर एक पोस्ट में इस पवित्र आयोजन को भारत की सनातन संस्कृति और आस्था।
उन्होंने कहा, यह हमारी सनातन संस्कृति और आस्था का जीवंत स्वरूप है। आज लोक आस्था के महापर्व ‘मकर संक्रांति’ के पावन अवसर पर प्रयागराज में महाकुंभ-2025 के त्रिवेणी संगम पर प्रथम अमृत स्नान कर पुण्य अर्जित करने वाले सभी श्रद्धालुओं को बधाई! इससे पहले सीएम ने मकर संक्रांति पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं भी दीं, प्रदेशवासियों, सभी पूज्य संतों, श्रद्धालुओं और अनुयायियों को मकर संक्रांति की हार्दिक बधाई! यह ब्रह्मांड के पिता सूर्य देव के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का पर्व है।
अपने तीसरे कुंभ मेले में भाग लेने पर एक विदेशी श्रद्धालु ने कहा, मैं इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकती। यह मेरा तीसरा कुंभ है। मैं 2010 में हरिद्वार गई थी, 2013 में प्रयागराज गई थी और अब फिर से यहां आई हूं। यहां बहुत सारी पागलपन भरी चीजें हैं, लेकिन इसके पीछे कुछ ऐसा है जो नहीं बदलता…। सौभाग्य से यहां भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बहुत सारे पुलिसकर्मी हैं…यहां, आप बस प्रवाह के साथ चलना सीखते हैं।
महानिर्वाण अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबरानंद ने कुंभ को भारतीय सभ्यता की भव्यता का अनुभव बताया। स्वामी चिदंबरानंद ने कहा, हम भारतीय सभ्यता की भव्यता का अनुभव करते हैं। करोड़ों लोग हमारी संस्कृति का गौरव देख रहे हैं। हर जगह खुशी और उत्साह है। लोग ठंड को भूल चुके हैं और संतों के दर्शन के लिए सुबह 2 बजे से इंतजार कर रहे हैं। यहां अविश्वसनीय दृश्य हैं।
उन्होंने कहा, जो लोग जातिवाद का भेद पैदा करते हैं और हमारे धर्म को दोष देते हैं, उन्हें यहां आकर देखना चाहिए कि करोड़ों की भीड़ में कोई ब्राह्मण या शूद्र नहीं है, केवल हिंदू और हिंदू संस्कृति है। कुंभ में शामिल एक विदेशी श्रद्धालु ने कहा, महाकुंभ सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक अवसर है।