भारत में 119 Mobile Apps Banned: राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर सरकार का बड़ा कदम

119 Mobile Apps Banned : भारत सरकार ने 119 मोबाइल ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिनमें से कई के तार चीन और हांगकांग से जुड़े हैं। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69A के तहत यह कार्रवाई की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ ऐप्स अभी भी डाउनलोड के लिए उपलब्ध हैं। जानिए इस बैन का पूरा मामला।

119 Mobile Apps Banned : उज्जवल प्रदेश डेस्क. भारत सरकार ने एक और बड़ा साइबर सुरक्षा कदम उठाते हुए 119 मोबाइल ऐप्स को बैन करने का आदेश दिया है। इनमें से अधिकांश ऐप्स वीडियो चैट और वॉयस प्लेटफॉर्म से संबंधित हैं, जिनका संबंध चीन और हांगकांग से बताया जा रहा है। इस बैन के पीछे राष्ट्रीय सुरक्षा की चिंता प्रमुख कारण मानी जा रही है। हालांकि, अभी भी कई ऐप्स डाउनलोड के लिए उपलब्ध हैं, जिससे यह मामला और भी गंभीर हो गया है। आइए जानते हैं इस फैसले का पूरा विवरण।

भारत सरकार ने एक बड़ा साइबर सुरक्षा कदम उठाते हुए 119 मोबाइल ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया है। ये ऐप्स मुख्य रूप से वीडियो और वॉयस प्लेटफॉर्म से संबंधित हैं, जिनके तार चीन और हांगकांग से जुड़े होने की बात कही जा रही है। सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69A के तहत यह कार्रवाई की है, जिसके तहत राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन कंटेंट को प्रतिबंधित किया जा सकता है।

बैन किए गए ऐप्स

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा संचालित लुमेन डेटाबेस पर इन ऐप्स की जानकारी दी गई थी, लेकिन अब इस लिस्टिंग को हटा दिया गया है। सरकार ने इस प्रतिबंध को लागू करने के पीछे मुख्य रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े खतरे को कारण बताया है। इससे पहले 2020, 2021 और 2022 में भी भारत सरकार ने कई चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाए थे। 2020 में TikTok और ShareIt सहित लगभग 100 ऐप्स बैन किए गए थे, जबकि 2021 और 2022 में कम संख्या में प्रतिबंध लगाए गए।

कौन-कौन से ऐप्स हुए प्रभावित?

रिपोर्ट्स के अनुसार, इन 119 ऐप्स में से केवल तीन की विशेष रूप से पहचान की गई है। इनमें सिंगापुर स्थित वीडियो चैट और गेमिंग प्लेटफॉर्म चिलचैट (ChillChat) शामिल है, जिसे 10 लाख से अधिक बार डाउनलोड किया गया है और गूगल प्ले स्टोर पर इसकी रेटिंग 4.1 स्टार है। दूसरा ऐप चांगऐप (ChangApp) है, जिसे एक चीनी कंपनी ब्लोम द्वारा विकसित किया गया है। तीसरा ऐप हनीकैम (HoneyCam) है, जो ऑस्ट्रेलियाई कंपनी शेलिन पीटीवाई लिमिटेड द्वारा संचालित किया जाता है। हनीकैम में कंटेंट मॉडरेशन के लिए ऑटोमेटेड फिल्टरिंग और मैन्युअल ओवरसाइट जैसी सुविधाएं शामिल हैं।

सरकार के आदेश की गोपनीयता

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69A के तहत जारी किए गए आदेश गोपनीय होते हैं, और सरकार आमतौर पर इन पर सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं करती। इस बार भी इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इन ऐप्स के बैन होने से जुड़ी कोई आधिकारिक जानकारी सार्वजनिक रूप से साझा नहीं की है। हालांकि, रिपोर्ट्स के मुताबिक, गूगल ने 18 फरवरी को इस ब्लॉकिंग को लेकर डिटेल्स प्रकाशित की थी, जिसे बाद में हटा दिया गया।

क्या अभी भी ऐप्स डाउनलोड के लिए उपलब्ध हैं?

रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित किए गए 119 ऐप्स में से अधिकांश अभी भी डाउनलोड के लिए उपलब्ध हैं। गूगल प्ले स्टोर से अब तक केवल 15 ऐप्स को हटाया गया है, जबकि बाकी अभी भी यूजर्स द्वारा एक्सेस किए जा सकते हैं। प्रभावित ऐप्स के डेवलपर्स ने मनीकंट्रोल को बताया कि उन्हें इस प्रतिबंध की जानकारी गूगल के माध्यम से मिली और वे भारतीय अधिकारियों के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं। चिलचैट ने कहा कि इस बैन से उनके भारतीय यूजर्स की रोजमर्रा की कम्युनिकेशन और एंटरटेनमेंट एक्टिविटीज प्रभावित होंगी।

पूर्व में लगे प्रतिबंध और उनका असर

यह पहली बार नहीं है जब भारत सरकार ने चीन और चीन से जुड़े ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया हो। 2020 में गलवान घाटी में भारत-चीन संघर्ष के बाद सरकार ने TikTok, ShareIt, UC Browser, WeChat और कई अन्य चीनी ऐप्स को राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर बैन कर दिया था। इसके बाद 2021 और 2022 में भी इसी तरह के प्रतिबंध देखने को मिले।

इस बार के प्रतिबंध के प्रभावों को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि यह डेटा सुरक्षा को लेकर भारत सरकार की मजबूत नीति को दर्शाता है। यह प्रतिबंध भारत की डिजिटल संप्रभुता को सुरक्षित करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

इस प्रतिबंध का भविष्य में क्या असर होगा?

यह प्रतिबंध भारत में साइबर सुरक्षा और डेटा प्रोटेक्शन को मजबूत करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। सरकार का यह कदम साफ दर्शाता है कि वह अपने डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा के लिए कोई समझौता नहीं करेगी। हालांकि, इस प्रतिबंध से प्रभावित कंपनियों को भारतीय बाजार में अपनी स्थिति फिर से मजबूत करने के लिए सरकार से बातचीत करनी पड़ सकती है।

Deepak Vishwakarma

दीपक विश्वकर्मा एक अनुभवी समाचार संपादक और लेखक हैं, जिनके पास 13 वर्षों का गहरा अनुभव है। उन्होंने पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं में कार्य किया है, जिसमें समाचार लेखन, संपादन और कंटेंट निर्माण प्रमुख हैं। दीपक ने कई प्रमुख मीडिया संस्थानों में काम करते हुए संपादकीय टीमों का नेतृत्व किया और सटीक, निष्पक्ष, और प्रभावशाली खबरें तैयार कीं। वे अपनी लेखनी में समाजिक मुद्दों, राजनीति, और संस्कृति पर गहरी समझ और दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं। दीपक का उद्देश्य हमेशा गुणवत्तापूर्ण और प्रामाणिक सामग्री का निर्माण करना रहा है, जिससे लोग सच्ची और सूचनात्मक खबरें प्राप्त कर सकें। वह हमेशा मीडिया की बदलती दुनिया में नई तकनीकों और ट्रेंड्स के साथ अपने काम को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत रहते हैं।

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