Guru Purnima 2022: गुरु के बिना अधूरा है जीवन, राशि के अनुसार करें दान
गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) हिंदू धर्म का पावन पर्व है। यह पर्व गुरुओं के प्रति सम्मान, श्रद्धा एवं समर्पण का प्रतीक है। सनातन परंपरा में गुरु को सदैव ईश्वर से भी ऊंचा स्थान दिया गया है।
Guru Purnima 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रति वर्ष आषाढ़ पूर्णिमा तिथि को Guru Purnima पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन ब्रह्मसूत्र, महाभारत और श्रीमद्भागवत जैसे 18 पुराणों के रचयिता महर्षि वेद व्यास जी का जन्म हुआ था। गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु की पूजा की जाती है। गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2022) के दिन लोग अपने गुरुओं को उपहार देते हैं। साथ ही उनका आशीर्वाद लेते हैं।गुरुपूर्णिमा के दिन चारों वेदों का ज्ञान देने वाले महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था।
इसी वजह से इसे वेद व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस बार गुरु पूर्णिमा पर पांच राजयोगों में गुरु पूजन होगा। इस दिन गिरिराज मंदिर पर 108 दीपों से महाआरती की जाएगी। पूर्णिमा के दिन मंगल, बुध, गुरु और शरिन शुभ स्थिति में विराजमान रहेंगे। इस स्थिति के कारण गुरु पूर्णिमा पर रूचक योग, भद्र योग, हंस योग और शश नामक राजयोग का निर्माण होगा। साथ ही बुधादित्य योग भी रहेगा।
इस वर्ष गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2022) का पर्व 13 जुलाई, दिन बुधवार को मनाया जाएगा. इस दिन गुरुओं का सम्मान और पूजन किया जाता है. इस लेख में हम आपको बताएंगे कि गुरु पूर्णिमा का महत्व, पूजा मुहूर्त और पूजा विधि.
गुरु पूर्णिमा 2022 तिथि (Date Guru Purnima 2022)
पंचांग के मुताबिक, आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 13 जुलाई को प्रात: काल 04:00 बजे हो रहा है. जबकि पूर्णिमा तिथि का समापन 13 जुलाई को ही देर रात 12:06 बजे होगा.
गुरु पूर्णिमा का महत्व (importance of Guru Purnima)
गुरु ही सभी को ज्ञान देता है. गुरु पूर्णिमा के दिन गुरुओं का सम्मान और उनकी पूजा करने करने की परंपरा है. गुरु ही अज्ञान रूपी अंधकार को ज्ञान रूपी प्रकाश के द्वारा दूर करता है. गुरु की कृपा और आशीर्वाद से व्यक्ति इस भवसागर को पार करता है. बता दें कि ग्रन्थों में गुरु का स्थान ईश्वर से ऊपर बताया गया है. व्यक्ति को जीवन सच्चा मार्ग गुरु ही दिखाता हैं.
Guru Purnima पर बन रहे हैं शुभ योग
ज्योतिषीय गणना के मुताबिक इस बार गुरु पूर्णिमा पर मंगल, बुध, गुरु और शनि के अनुकूल स्थिति में विराजमान होने की वजह से शुभ योग बन रहे हैं। इसमें रूचक योग, भद्र योग, हंस योग और शश नामक राजयोग है। माना जाता है कि इस शुभ योग में गुरु पूजन करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी और जीवन सफल हो जाता है।
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Guru भगवान शिव – आदियोगी और सप्तऋषि
दिलचस्प बात यह है कि योगिक संप्रदाय के अनुसार, भगवान शिव पहले गुरु या योगी हैं जिन्होंने सप्तऋषियों (सात ऋषि) को ज्ञान प्रदान किया. कहा जाता है कि उन्होंने ऋषियों के साथ अपने ज्ञान को साझा करने और उन्हें योगिक ज्ञान का आशीर्वाद देने के लिए एक योगी का रूप धारण किया था. और चूंकि वे पहले गुरु हैं, इसलिए उन्हें आदियोगी कहा जाता है.
महावीर और इंद्रभूति गौतम
जैन धर्म का पालन करने वालों के लिए भी गुरु पूर्णिमा अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है. ऐसा इसलिए है क्योंकि 24 वें जैन तीर्थंकर भगवान महावीर ने कैवल्य प्राप्त करने के बाद गणधर इंद्रभूति गौतम को अपना पहला शिष्य बनाया था.
गौतम बुद्ध का पहला उपदेश
बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए गुरु पूर्णिमा तिथि महत्वपूर्ण है क्योंकि बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त करने के बाद सारनाथ में अपना पहला उपदेश दिया था. इसलिए, बौद्ध गौतम बुद्ध को श्रद्धांजलि देने के लिए गुरु पूर्णिमा मनाते हैं.
गुरु पूर्णिमा पूजा विधि
इस दिन आप सबसे पहले उठकर स्नान कर साफ कपड़े पहने. इसके बाद अपने घर के मंदिर में भगवान को प्रणाम करें और उन्हें फूल अर्पित करें. सभी का तिलक करें. अब आप अपने गुरु के घर जाएं और उनके पैर छूकर उनका आशीर्वाद करें.
गुरु पूर्णिमा पूजन सामग्री
गुरु पूर्णिमा के दिन कुछ सामग्री को पूजा में शामिल करना बहुत जरूरी है। गुरुजनों की पूजा के लिए पीला कपड़ा,पान का पत्ता, पुष्प,नारियल,पीला मिष्ठान,कपूर लौंग और इलायचीजरूर शामिल करें.
राशि के अनुसार गुरु पूर्णिमा
गुरु पूर्णिमा के दिन राशि के अनुसार ऐसी कौन सी चीजें हैं, जिनको दान करने से आप अपने जीवन की समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं.
मेष (Aries) – (चू,चे,चो, ला,ली,लू,ले,लो,अ)
मान्यताओं के मुताबिक, गुरु पूर्णिमा के दिन मेष राशि के लोगों को गुड़ और लाल रंग के कपड़े जरूरतमंद लोगों को दान करने चाहिए. ऐसा करने से आर्थिक संकट दूर होता है.
वृषभ (Taurus) – (ई,उ,ए,ओ,वा,वी,वु,वे,वो)
वृषभ राशि वाले जातकों को गुरु पूर्णिमा के दिन मिश्री का दान करने की सलाह दी जाती है. इसके साथ ही वृषभ राशि वाले लोगों को अपने पूजा घर में घी की अखंड ज्योति जलानी चाहिए.
मिथुन (Gemini) – (क,की,कु,घ,छ,के,को,ह)
मिथुन राशि वाले जातकों को गुरु पूर्णिमा के दिन गाय को हरा चारा खिलाएं. इसके साथ ही आप हरी मूंग का दान भी कर सकते हैं. ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से दांपत्य जीवन सुखमय होता है.
कर्क (Cancer)– (हि,हे,हु,हो,डा,डी,डू,डे,डो)
कर्क राशि के जातकों को गुरु पूर्णिमा के दिन गरीब व जरूरतमंद लोगों को चावल का दान करना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि इससे तनाव से मुक्ति मिलती है.
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सिंह (Leo) – (मा,मी,मू,मे,मो,टा,टी,टु,टे)
सिंह राशि वाले जातकों को गुरु पूर्णिमा के दिन गेहूं का दान करना चाहिए. इससे व्यक्ति की मान-प्रतिष्ठा बढ़ती है.
कन्या (Virgo) – (टो,पा,पी,पू,ष,ण,ठे,पे,पो)
कन्या राशि वाले जातकों को गुरु पूर्णिमा वाले दिन किसी योग्य ब्राह्मण को भोजन करार अपने सामर्थ्य अनुसार दक्षिणा देनी चाहिए. इसके अलावा कन्या राशि वाले गाय को हरा चारा भी खिला सकते हैं.
तुला (Libra) – (रा,री,रू,रे,रो,ता,ती,तू,ते)
तुला राशि वाले जातकों को गुरु पूर्णिमा के दिन कन्याओं को खीर खिलानी चाहिए. ऐसा करने से यश और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है.
वृश्चिक (Scorpio) – (तो,ना,नी,नू,ने, यो,या,यि,यु)
वृश्चिक राशि वाले जातकों को गुरु पूर्णिमा वाले दिन बंदरों को चने और गुड़ खिलाने चाहिए. इसके अलावा गरीब छात्रों को किताबें व पढ़ने लिखने की चीजें दान करनी चाहिए.
धनु (Sagittarius) – (ये,यो,भा,भी,भू,धा,फ,ढ,भे)
धनु राशि वाले जातकों को गुरु पूर्णिमा के दिन मंदिरों में चने का दान देना चाहिए. ऐसा करने से घर में सुख- समृद्धि आती है.
मकर (Capricorn) – (भो,जा,जी,जू,खि,खा,खु,खो,गा,गि)
मकर राशि वाले जातकों को गुरु पूर्णिमा के दिन गरीब और जरूरतमंद लोगों को कंबल का वितरण करना चाहिए. ऐसा करने से जातक की नौकरी या व्यवसाय में आ रही बाधाएं दूर होती हैं.
कुंभ (Aquarius) – (गू,गे,गो,सा,सी,सू,से,सो,द)
कुंभ राशि वाले जातकों को गुरु पूर्णिमा के दिन वृद्ध आश्रम में वृद्धजनों को कपड़े, अन्न का दान देना चाहिए. इसके अलावा कुंभ राशि वाले जातक मंदिरों में काली उड़द का दान भी कर सकते हैं.
मीन (Pisces) – (दा,दु,थ,झ,दे,दो,चा,चि)
मीन राशि वाले जातकों को गुरु पूर्णिमा के दिन हल्दी और बेसन से बनी मिठाइयां गरीबों और जरूरतमंद लोगों को दान देनी चाहिए. ऐसा करने से व्यक्ति की मनोकामना पूर्ण होती है.