PWD तबादला धांधली में दो और निलंबित, सीएम योगी को कई अन्य अफसरों की फाइलें भेजी

लखनऊ
लोक निर्माण विभाग (PWD) के इंजीनियरों और अफसरों के तबादले में हुई धांधली में दो और अधिकारियों पर गाज गिरी है। प्रशासनिक अधिकारी और प्रधान सहायक को निलंबित कर दिया गया है। दोनों जेई सेक्शन में तैनात थे। कई अन्य अफसरों की फाइलें सीएम योगी को भेजी गई हैं। इससे पहले सोमवार को सीएम योगी ने बड़ा एक्शन लेते हुए पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद के ओएसडी अनिल कुमार पांडेय को हटा दिया था। उन्हें डेपुटेशन से वापस केंद्र में भेजने का आदेश भी जारी करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति कर दी गई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गठित तीन आईएएस अधिकारियों की जांच कमेटी की सिफारिश के बाद से कार्रवाई हो रही है। जांच रिपोर्ट के बाद मंगलवार को जेई सेक्शन में तैनात प्रशासनिक अधिकारी पंकज दीक्षित और प्रधान सहायक संजय चौरसिया को निलंबित करने का आदेश जारी हुआ। बताया जाता है कि अभी कई अन्य लोगों पर तलवार लटकी है।

जितिन प्रसाद के ओएसडी को सीएम योगी ने हटाया
इनमें विभागाध्यक्ष, प्रमुख अभियंता परिकल्प और स्टाफ ऑफिसर भी शामिल हैं। स्टाफ ऑफिसर शैलेन्द्र यादव के खिलाफ भी कार्रवाई की फाइल तैयार हो गई है। विभागाध्यक्ष मनोज गुप्ता और प्रमुख अभियंता परिकल्प के खिलाफ कार्रवाई की फाइल सीएम योगी को भेजने की बात भी कही जा रही है। तबादले में की गई धांधली की शिकायत करने वालों ने उन अफसरों व अभियंताओं के नामों की सूची दी थी जो 15-20 साल से एक ही स्थान अथवा जिले में जमे हैं। यह भी बताया था कि अवर अभियंता के तबादले के 9 आदेश 29 जून और 7 आदेश 30 जून को किया जाना दर्शाया गया है जबकि पहले 4 आदेश दो जुलाई, दूसरे छह आदेश तीन जुलाई, पांच आदेश चार और एक आदेश सात जुलाई को किया गया। इसकी पुष्टि विभागीय वेबसाइट, मेल आईडी, रजिस्टर्ड डाक और विभागीय व्हाट्सऐप ग्रुप से की जा सकती है।

तबादला सूची जारी होने पर नियमानुसार इसकी प्रति संबंधित समय पर संघ और संगठन को उपलब्ध कराई जाती है, लेकिन संगठन को इसकी प्रति 11 जुलाई तक उपलब्ध नहीं कराई गई थी। स्टाफ अफसर पर बैक डेट का कार्य 12 जुलाई तक करने का आरोप लगाया गया था। दुर्भावनावश कई अभियंताओं का तबादला 500 किमी. तक दूर करने तथा एक अधिशासी अभियंता के दस दिन के अंदर तीन तबादले और एक खंड में दो अधिशासी अभियंताओं को नई तैनाती दिए जैसी लापरवाहियों की शिकायतें भी थीं।

 

Deepak Vishwakarma

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