तेल गैस की कीमत में आएगी भारी गिरावट , वैश्विक अर्थव्यवस्था मे उथल-पुथल मचेगी
अर्थव्यवस्थाओं के लिए चिंताजनक , भारतीय रुपये के मूल्य मे भारी गिरावट: डॉ. अशोक शास्त्री
धार
तेल की बढ़ी हुई कीमत से परेशान हैं तो आपके लिए राहत भरी खबर यह है कि आने वाले दिनों में तेल गैस की कीमत में कमी आ सकती है। इस संदर्भ मे मालवा के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य डाॅ. अशोक शास्त्री ने विशेष मुलाकात मे विस्तृत रुप से बताते हुए बताया की ग्रहों की ऐसी स्थिति बनी है जिससे कच्चे तेल की कीमत में एक बार फिर जबरदस्त गिरावट आएगी और वैश्विक अर्थव्यवस्था में उथल – पुथल मचेगी ।
ग्रहों की स्थिति से अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
डाॅ. शास्त्री के अनुसार शनि का मकर राशि में पुनः प्रवेश विश्व भर की अर्थव्यवस्थाओं के लिए चिंताजनक संकेत है । 5 जून को शनि कुंभ राशि में वक्री हुए और 12 जुलाई 2022 को वक्री अवस्था में मकर राशि में प्रवेश किया । 23 अक्टूबर 2022 को शनि मार्गी हो जाएंगे , किन्तु मकर राशि से वह 17 जनवरी 2023 को ही बाहर आएंगे । 5 जून को शनि के वक्री होने के बाद से कुछ अभूतपूर्व आर्थिक परिवर्तन देखे गए हैं । भारतीय रुपये के मूल्य में भारी गिरावट देखी गई है और अब यह अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 80.00 के निचले स्तर पर पहुंच गया है । साथ ही जून में बीएसई और एनएसई सेंसेक्स में गिरावट आई । दुनिया की अन्य अर्थव्यवस्थाओं में भी स्थिति कुछ ऐसी ही दिखाई पड़ रही है।
सूर्य शनि की दृष्टि से मचेगी हलचल
डाॅ. शास्त्री के मुताबिक कट्टर शत्रु ग्रह सूर्य और शनि का कर्क राशि में पारस्परिक दृष्टि संबंध वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में अस्थिरता बढ़ाएगा । इसका असर तेल और गैस क्षेत्र पर भी दिखाई पड़ेगा । जब शनि और बृहस्पति जैसे ग्रह वक्री होते हैं तो वे वित्तीय बाजारों में भ्रमित करने वाले संकेत देते हैं । मांग और आपूर्ति संकेतक एक संशोधन से गुजरते हैं और नए रुझान सामने आते हैं । इस संयोजन में बुध – जो सट्टा , अल्पकालिक व्यापार और शेयर बाजार का प्रतीक है – अति पीड़ित अवस्था में होंगे जो वैश्विक व्यापार में अस्थिरता का संकेत देता है।
भारत और विश्व की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
डाॅ. शास्त्री के मुताबिक यह अनिश्चित निवेशक भावनाओं को भी दर्शाता है जो अर्थव्यवस्था के लिए शुभ समाचार नहीं है। 28 – 30 जुलाई के बीच चंद्रमा भी इस युति में शामिल होंगे और तभी आर्थिक स्तर पर भारत और विश्व की अन्य अर्थव्यवस्थाओं में कुछ परेशान करने वाली खबरें सुनाई पड़ सकती हैं । कुछ इसी तरह की स्थिति पिछली बार मार्च 2020 में सामने आई थी जब कच्चे तेल की कीमतें निम्न स्तर पर पहुँच गयी थी । जनवरी 2020 के अंत में शनि ने मकर राशि में गोचर किया था और मंगल भी धनु राशि से कर्क राशि पर अपनी अशुभ दृष्टि डाल रहे थे । यह वह समय था जब तेल उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ था । अगले कुछ महीनों में विश्व में आर्थिक मंदी आने की आशंका पहले से ही जताई जा रही है । ज्योतिषीय संकेत भी इसी तरफ इशारा करते हैं ।
वैश्विक अर्थव्यवस्था में गिरावट देखी जा सकती है
डाॅ. शास्त्री के बताया की जनवरी 2023 के मध्य तक संकेत हैं कि भारत सहित वैश्विक अर्थव्यवस्था में गिरावट देखी जा सकती है । इस परिदृश्य में वैश्विक तेल की कीमतें कमजोर होने के लिए बाध्य हैं । अगले तीन से चार महीनों में कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिल सकती है तथा तेल की कीमत 75 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल से भी नीचे गिर सकती है ।