बरेली: साहब! मरने जा रही थी वो, मैंने उसे बचाया, यहीं पर हो गया इश्क, नाबालिग ने जीआरपी को सुनाई मोहब्बत की दास्तां

बरेली
घर वालों से तंग आकर बाली उमर में आत्महत्या की कोशिश, फिर शुरू हो गई लवस्टोरी। यह कोई फिल्म की कहानी नहीं बल्कि हकीकत है। मामला यूपी के गोंडा जिले का है। यहां की रहने वाली एक नाबालिग लड़की घर वालों से इतनी परेशान हो गई कि वह अपनी जान देने के लिए निकल पड़ी। यह देखकर लड़का सुपर हीरो की तरह उसकी जान बचाने पहुंच गया। लड़की लड़के से इंप्रेस हो गई। यहीं पर बाली उमर में एक-दूसरे को प्यार हो गया।  

फिर दोनों के बीच लव स्टोरी शुरू हो गई। तीन साल बीत चुके थे, दोनों अभी भी नाबालिग थे। दोनों साथ रहना चाहते थे तो एक दिन घर से भागने का फैसला कर लिया, लेकिन बरेली जंक्शन पर जीआरपी के हत्थे चढ़े तो पूरी माजरा सामने आ गया। लड़के ने जीआरपी को अपनी मोहब्बत की लव स्टोरी सुनाई। इसके बाद दोनों के घर वालों को बुलाकर उनके हवाले कर दिया गया।

दरअसल गोंडा में लकड़ी के परिजनों ने गुमशुदगी लिखाई थी। पुलिस उनकी तलाश में जुट गई। गुरुवार की रात लड़की के फोन की लोकेशन बरेली जंक्शन पर मिली। जीआरपी को सूचना दी गई कि तत्काल प्लेटफॉर्म चेक करें। टीम नाबालिग प्रेमी युगल की तलाश में जुट गई। रात में किशोर-किशोरी प्लेटफॉर्म नंबर एक पर मिले। पूछताछ में दोनों पहले तो गुमराह करते रहे, जब उनके फोन चेक किए गए, तो मोहब्बत की कहानी खुल गई।

किशोर बोला- साहब, कई साल पहले लड़की अपने परिवार वालों से तंग आकर स्टेशन पर आत्महत्या करने पहुंची थी। मैंने उसे बचा लिया। यही लड़की को मोहब्बत कर बैठा। तीन साल से दोनों एक-दूसरे से प्यार करते हैं। अब शादी करना चाहते हैं। भागकर दिल्ली जा रहे थे। मैं अभी बालिग होने में थोड़ा ही छोटा हूं। लड़की अभी 13 साल की है। हालांकि लकड़े की उम्र 15 के आसपास बताई जा रही है। जीआरपी इंस्पेक्टर ध्रुव कुमार का कहना है, लड़का-लड़की दोनों नाबालिग हैं। परिवार वाले बरेली आ गए हैं। चाइल्ड लाइन के माध्यम से काउंसलिंग कराई जाएगी। दोनों को परिवार वालों के सुपुर्द किया जाएगा।

 

Deepak Vishwakarma

दीपक विश्वकर्मा एक अनुभवी समाचार संपादक और लेखक हैं, जिनके पास 13 वर्षों का गहरा अनुभव है। उन्होंने पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं में कार्य किया है, जिसमें समाचार लेखन, संपादन और कंटेंट निर्माण प्रमुख हैं। दीपक ने कई प्रमुख मीडिया संस्थानों में काम करते हुए संपादकीय टीमों का नेतृत्व किया और सटीक, निष्पक्ष, और प्रभावशाली खबरें तैयार कीं। वे अपनी लेखनी में समाजिक मुद्दों, राजनीति, और संस्कृति पर गहरी समझ और दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं। दीपक का उद्देश्य हमेशा गुणवत्तापूर्ण और प्रामाणिक सामग्री का निर्माण करना रहा है, जिससे लोग सच्ची और सूचनात्मक खबरें प्राप्त कर सकें। वह हमेशा मीडिया की बदलती दुनिया में नई तकनीकों और ट्रेंड्स के साथ अपने काम को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत रहते हैं।

Related Articles

Back to top button