एक सितंबर से सरकार के रोक हटाने के बाद बढ़ सकता है उड़ानों का किराया

इंदौर
कोरोना काल में यात्रियों की कमी से जुझने वाली एयरलाइंस ने अपना घाटा कवर करने और एविएशन टरबाइन फ्यूल ( एटीएफ )में वृद्धि के बाद किराए में वृद्धि कर दी है। केंद्र सरकार द्वारा घरेलू हवाई किराए पर लगाई गई अधिकतम और न्यूनतम किराये की सीमा 31 अगस्त से हटाने के बाद लोगों को अधिक किराया देना पड़ सकता है। मालूम हो कि पहले ही बीते कुछ माह से प्रदेश की औद्योगिक राजधानी इंदौर से देश की राजधानी दिल्ली, मुंबई और अन्य शहरों का किराया बढ़ गया है। दो माह बाद का दिल्ली- मुंबई जैसे शहरों का जो टिकट ढाई से तीन हजार में मिलता था। अब दिल्ली के लिए वह करीब 7000 और मुंबई का 5000 रुपये में मिल रहा है। अगस्त के बाद यह और बढ़ सकता है। वहीं वर्षाकाल के बाद सीजन में तो इस बार किराया काफी अधिक रहेगा।

जानकारी हो कि कोरोना के मामलों में कमी कम होने के बाद यात्री सफर कर रहे है। ट्रेवल एजेंट्स के अनुसार इस साल यात्रियों की संख्या बढ़ी है। दो साल तक कपंनियों ने घाटा उठाया है। अब कंपनिया यात्रियों की संख्या बढ़ने पर इसे कवर करने का प्रयास कर रही है। एटीएफ की कीमतें भी बढ़ रही है, जिस कारण भी किराया बढ़ा है। मालूम हो कि बुधवार को ही केंद्र सरकार ने इस संबध में आदेश जारी कर दिया और एयरलाइंस को 31 अगस्त के बाद किराया तय करने की छूट दे दी है, जिससे अब वे ही अधिकतम और न्यूनतम किराया ले सकेगी। हालांकि इस साल अब यात्रियों की संख्या बढ़ रही है।

जानकारी के अनुसार इंदौर से कई बार ट्रेन के थर्ड एसी कोच के टिकट के बराबर उड़ान का टिकट मिल जाता था, लेकिन अब यह काफी बढ़ गया है। मुंबई के लिए भी यही स्थिति है। उसके टिकट की कीमत भी बढ़ गई है। देश के दूसरे शहरों के लिए भी उड़ानों के टिकट की कीमतें भी बढ़ गई है। वहीं, एजेंट के अनुसार इंदौर से दिल्ली का एक दिन पहले का किराया करीब 5 हजार तक होता था। इतने में टिकट मिल जाता था। लेकिन अब यह बढ़ कर 7500 तक हो गया है। दो से तीन माह पहले टिकट बुक करवाने पर काफी कम कीमत पर मिल जाता था। इसी का असर है कि अब सफर मंहगा हो गया है।

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