Diwali पर दुर्लभ संयोग : कई दशक बाद रूप चौदस और दिवली एक साथ, पूजा का शुभ मुहूर्त

Diwali पर इस बार बेहद दुर्लभ संयोग में बन रहा है. दरअसल, इस बार रूप चौदस और दीपावली एक ही दिन में मनाए जाएंगे. महालक्ष्मी की पूजन के लिए लोगों को शाम का इंतजार करना पड़ेगा.

Diwali पर इस बार बेहद दुर्लभ संयोग में बन रहा है. दरअसल, इस बार रूप चौदस और दीपावली एक ही दिन में मनाए जाएंगे. महालक्ष्मी की पूजन के लिए लोगों को शाम का इंतजार करना पड़ेगा. रात 8:35 बजे तक महालक्ष्मी की पूजन का विशेष महत्व है.

ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, इस बार दीपावली पर्व खास मुहूर्त और दुर्लभ संयोग के साथ आ रहा है. उन्होंने बताया कि 22 अक्टूबर को धनतेरस का पर्व मनाया जाएगा. इस दिन खरीदी का विशेष महत्व है धनतेरस पर्व पर सोना, चांदी या अन्य वस्तुएं खरीदी जा सकती है.

इस मुहूर्त में करें महालक्ष्मी की पूजा

इसके बाद 23 अक्टूबर को भगवान धन्वंतरी की पूजन का विशेष संयोग है. पंडित डिब्बावाला के मुताबिक 24 अक्टूबर को दीपावली पर्व मनाया जाएगा लेकिन इस दिन रूप चौदस का पर्व भी रहेगा.

उन्होंने बताया कि सुबह से शाम 5:22 बजे तक रूप चौदस रहेगी. इसके बाद 5:22 बजे से रात 8:35 बजे तक महालक्ष्मी पूजन का विशेष मुहूर्त है. उन्होंने बताया कि कुछ लोग 22 और 23 अक्टूबर को धनतेरस मना रहे हैं लेकिन 22 अक्टूबर को ही धनतेरस का संयोग है.

कई दशक बाद रूप चौदस और दिवली एक साथ

आमतौर पर रूप चौदस का त्यौहार दीपावली के पूर्व मनाया जाता है लेकिन कई दशक के बाद इस बार रूप चौदस और दीपावली एक ही दिन आ रहे हैं. पंडित अमर डिब्बावाला के मुताबिक पांच दिवसीय दीपोत्सव का विशेष महत्व है. यह हिंदुओं का सबसे बड़ा पर्व है. लोग दीपावली पर्व से नए व्यापार और शुभ कार्य का भी आगाज करते हैं.

दिवाली की पूरी रात यहां जलाएं रखें दीपक

मां लक्ष्मी की पूजा के बाद एक बड़ा दीपक देवी के समक्ष रातभर जलाने की परंपरा है. कहते हैं मां लक्ष्मी रात में ही पृथ्वी पर घूमती हैं. मां लक्ष्मी को बहुत चंचल माना गया है. दीपक लगाकर इन्हें सदैव घर में निवास करने का विधान है. मान्यता है इससे देवी घर से जाती नहीं और जातक को धन, यश, वैभव, कीर्ति, आरोग्य प्राप्त होता है.

दिवाली की रात एक दीपक को रातभर जलाकर काजल भी बनाया जाता है. जिसे अगली सुबह घर के सदस्य अपने आखों में लगाते हैं. साथ ही इस काजल का टीका घर की तिजोरी, अलमारी पर भी लगाया जाता है. मान्यता है इससे बाधाएं दूर होती हैं, घर में समृद्धि आती है.

Deepak Vishwakarma

दीपक विश्वकर्मा एक अनुभवी समाचार संपादक और लेखक हैं, जिनके पास 13 वर्षों का गहरा अनुभव है। उन्होंने पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं में कार्य किया है, जिसमें समाचार लेखन, संपादन और कंटेंट निर्माण प्रमुख हैं। दीपक ने कई प्रमुख मीडिया संस्थानों में काम करते हुए संपादकीय टीमों का नेतृत्व किया और सटीक, निष्पक्ष, और प्रभावशाली खबरें तैयार कीं। वे अपनी लेखनी में समाजिक मुद्दों, राजनीति, और संस्कृति पर गहरी समझ और दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं। दीपक का उद्देश्य हमेशा गुणवत्तापूर्ण और प्रामाणिक सामग्री का निर्माण करना रहा है, जिससे लोग सच्ची और सूचनात्मक खबरें प्राप्त कर सकें। वह हमेशा मीडिया की बदलती दुनिया में नई तकनीकों और ट्रेंड्स के साथ अपने काम को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत रहते हैं।
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