Bhopal News : उच्च शिक्षा मंत्री बोले – MP के जनजातीय बाहुल्य जिलों में खोले जायेंगे कॉलेज, उच्च शिक्षा को मिलेगा बढ़ावा
Bhopal News : मंत्री डॉ. यादव ने विभागीय समीक्षा बैठक में कहा कि मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिपेक्ष्य में हमें उच्च शिक्षा के लिए भविष्य की स्ट्रेटेजी प्लान करना आवश्यक है। जहां निर्माण कार्यों की आवश्यकता है उनको चिन्हित कर प्रस्ताव तैयार करें।
Bhopal News : उज्जवल प्रदेश, भोपाल. उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने विभागीय समीक्षा के दौरान कहा कि प्रदेश के ऐसे जनजातीय बहुल्य जिले जहाँ स्नातकोत्तर महाविद्यालय नहीं हैं, वहाँ पीजी कॉलेज शुरू करने के निर्देश दिए।
प्रदेश के जनजातीय बाहुल्य जिलों में बेहतर और उच्च शिक्षा के अवसर मुहैया कराने के लिए स्नाताकोत्तर कॉलेज खोले जाने की तैयारी है। इसी क्रम में उमरिया जिले में भी स्नातकोत्तर पढ़ाई के लिए महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने निर्देश दिए।
मंत्री डॉ. यादव ने विभागीय समीक्षा बैठक में कहा कि मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिपेक्ष्य में हमें उच्च शिक्षा के लिए भविष्य की स्ट्रेटेजी प्लान करना आवश्यक है। जहां निर्माण कार्यों की आवश्यकता है उनको चिन्हित कर प्रस्ताव तैयार करें। आवश्यकता के अनुरूप महाविद्यालयों का निर्माण कार्य हो। डॉ. यादव ने महाविद्यालय और विश्वविद्यालय के निर्माण कार्यों की निगरानी के लिए सेल का गठन करने के निर्देश भी दिए।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.यादव ने निर्देश दिये कि जन-भागीदारी समिति के अध्यक्षों के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला की जाए। उन्होंने कहा कि समिति के अध्यक्षों के साथ संबंधित कॉलेज के प्राचार्य को भी कार्यशाला में आमंत्रित करें। कार्यशाला में महाविद्यालयों के विकास की अपेक्षाओं के संबंध में प्रशिक्षण दिए जाएं।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश के 462 शासकीय महाविद्यालय में से 314 शासकीय महाविद्यालयों में जन-भागीदारी समिति अध्यक्षों का मनोनयन किया जा चुका है। उच्च शिक्षा मंत्री ने निर्देश दिए कि महाविद्यालयों में जन-भागीदारी समिति गठित नहीं है, उनमें समिति गठन की कार्यवाही करें।
बताया गया कि शैक्षिणिक सत्र 2022-23 में 10 नवीन व्यवसायिक विषय प्रारम्भ किए गए हैं, जिसमें फैशन डिजाइनिंग, एग्री मार्केटिंग, कैटरिंग मैनेजमेंट, बेकरी एवं कंफेक्शनरी, हॉस्पिटलिटी एन्ड कैटरिंग मैनेजमेंट, प्लांट डिसीजेस एंड प्रोटेक्शन, मृदा विज्ञान एवं उर्वरक और सूचना प्रौद्योगिकी शामिल हैं।