MP News : रीवा में मप्र की सबसे लंबी टनल का गडकरी ओर शिवराज ने किया लोकार्पण
MP News : मोहनिया घाटी में 1004 करोड़ की लागत से तैयार भारत की सबसे चौड़ी और मध्यप्रदेश की सबसे लंबी 2.28 किमी लंबी टनल का केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री शिवराज ने लोकार्पण किया।
MP News : उज्जवल प्रदेश, भोपाल. रीवा-सीधी मार्ग के कैमोर पहाड़ की मोहनिया घाटी में 1004 करोड़ की लागत से तैयार भारत की सबसे चौड़ी और मध्यप्रदेश की सबसे लंबी 2.28 किलोमीटर लंबी टनल का शनिवार को केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकार्पण किया।
इसके साथ ही 2 हजार 443 करोड़ 89 लाख रुपए के 89 विकास कार्यो का भूमिपूजन, 64 करोड़ 49 लाख रुपए की लागत के 116 विकास कार्यो का लोकार्पण भी किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि क्षेत्र में जनता का बरसो पुराना सपना आज साकार हो रहा है। सीधी टनल और अन्य राष्टÑीय राजमार्गो की सौगात सीधी की जनता को मिल रही है। भाजपा की सरकार पूरे प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाकर तरक्की की राह खोल रही है। समूचे विंध्य के लिए आज एक एतिहासिक दिन है।
देश की चौथी सबसे बड़ी सुरंग
रीवा में भारत की चौथी सबसे बड़ी टनल बनी है जो एक विशेष उपलब्धि है। मोहनिया घाटी को काटकर दो सुरंग बनाई गई है चुरहट बाइपास में तीन-तीन लेन की दो टनल बनाई गई है जो आपस में सात स्थानों पर जुड़ी है। एक टनल में एक तरफ से तीन वाहन आराम से गुजर सकेंगे।
इस परियोजना में एक माइनर ब्रिज, एक ओवर ब्रिज, एक एक्वाडक्ट और एक रेलवे ब्रिज केसाथ कई छोटे-छोटे पुल-पुलियों का निर्माण किया गया है। यातायात को सुगम करने में दोनो के बीच सात स्थानों पर इंटर पासिंग की व्यवस्था की गई है। यह काम निर्धारित समय से छह माह पहले ही पूरा हो गया है।
ऐसी सुव्यवस्थित टनल देश में पहली बार बनी
टनल के अंदर सीसीटीवी कैमरे , पंखे और फायर कंट्रोल सिस्टम भी लगाया गया है। अत्याधुनिक लाइटिंग की सुविधा भी की गई है। आपातकाल में संपर्क के लिए कालिंग सिस्टम भी लगाया गया है। बारिश का पानी न भरे इसके लिए दोनों ओर सुविधायुक्त नालियों का निर्माण किया गया है।
कंक्रीट में सीमेंट और मिट्टी को मिलाकर बनाई गई इस चैनल में पानी छनकर एक कुुंड में आएगा। इस टनल के बनने से सीधी की दूरी सात किलोमीटर कम हो जाएगी और वाहनों को मोहनिया घाटी के घुमावदार और कठिन मोड़ और चढ़ाव से मुक्ति मिलेगी। घाटी पार करने में तीस या पैतीस मिनट लगते थे अब केवल तीन से पांच मिनट पूरी हो जाएगी।