Vishnu Laxmi Story : क्या आप जानते है की विष्णु से रुष्ट हो कर माता लक्ष्मी घर छोड़ चली गई थी, जानिए रोचक कथा

Vishnu Laxmi Interesting Story : लक्ष्मी जी एक भक्त से इतनी प्रसन्न हुई, कि उसके बुलावे पर उसके घर चली गई. माता की वह भक्त अत्यंत निर्धन थी, पर फिर भी मां के प्रति उसकी आस्था देख, लक्ष्मी जी का हृदय वात्सल्य से भर आया

Vishnu Laxmi Interesting Story : जगन्नाथ धाम भारत के चार धामों में से एक है. भारतीयों के लिए यह मंदिर अटूट आस्था और भक्ति का वह स्थल है, जो अत्यंत चमत्कारी है. पुरी में स्थित जगन्नाथ धाम की महिमा अटूट है, जिसके चमत्कारों में पत्तों का हवा से विपरीत बहना, मंदिर के ऊपर से किसी पंछी का ना उड़ना, भगवान के प्रसाद निर्माण में होने वाला अजूबा आदि काफी प्रसिद्ध हैं. मंदिर में जगन्नाथ भगवान, बड़े भाई बलदेव जी, बहन सुभद्रा जी, और पत्नी लक्ष्मी जी के साथ विराजते हैं.

मान्यता है, आज भी भगवान की प्रतिमा में श्री कृष्ण का हृदय स्थापित है, जो इस मंदिर को भारत के अन्य मंदिरों से विशेष बनाता है. आज हम जगन्नाथ मंदिर से संबंधित वह विशेष कथा आपको बताने वाले हैं, जब माता लक्ष्मी जगन्नाथ स्वामी से नाराज होकर घर छोड़कर चली गई थी.

अपनी भक्त के घर माता लक्ष्मी का जाना

धन, संपदा और वैभव की देवी श्री लक्ष्मी जी अपनी एक भक्त से इतनी प्रसन्न हुई, कि उसके बुलावे पर उसके घर चली गई. माता की वह भक्त अत्यंत निर्धन थी, पर फिर भी मां के प्रति उसकी आस्था देख, लक्ष्मी जी का हृदय वात्सल्य से भर आया, और उन्होंने उस भक्त के घर पर भोजन भी ग्रहण किया.

बलभद्र जी का कुपित होना

इधर जब निर्धन के घर जाकर भोजन ग्रहण करने की बात बलदेव जी को पता लगी, तो उन्हे बहुत क्रोध आया. उन्होंने जगन्नाथ स्वामी से कहा “हे अनुज, घर की बहु का यूं निर्धनों के घर अकेले जाना और वहां पर भोजन ग्रहण करना बिल्कुल भी ठीक नही है. घर की बहुओं को मर्यादा की सीमारेखा नही लांघनी चाहिए”

लक्ष्मी जी द्वारा घर छोड़ने की बात कहे जाना

जब ये बात लक्ष्मी जी के कानो तक पहुंची तो उन्होंने भगवान की तरफ देखते हुए कहा “हे स्वामी, यदि आप कह दें, कि मैने यह गलत किया, तो मैं इसी क्षण घर छोड़कर चली जाऊंगी. भक्त को भक्ति का फल देना कोई अपराध है क्या?”लक्ष्मी जी के प्रश्न के बाद भी विष्णु जी चुप रहे, यह देख लक्ष्मी जी को क्रोध आ गया, वो बोली “मौन का अर्थ भी हां ही होता है, अर्थात मैं अब अपने कहे अनुसार घर से जाती हूं.”

लक्ष्मी जी के घर छोड़ने के बाद घर का हाल बेहाल

यह कहकर वो घर छोड़कर चली गई. लक्ष्मी जी के जाते ही घर से श्री भी चली गई और घर में निर्धनता छा गई. प्रभु के खाने का, रहने का, वैभव और वस्त्र का भी ठिकाना नही रहा. लक्ष्मी जी के जाते ही घर कंगाल हो गया. यह देख बलभद्र जी को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने भगवान से पुनः लक्ष्मी जी को वापिस लाने को कहा. जिसके बाद लक्ष्मी जी से क्षमा मांग विष्णु जी काफी यत्न कर उन्हे वापिस वहां पर लाए.

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