MP Breaking News : आदिवासी युवक ने सरकार व पुलिस पर ठोका 10 हजार करोड़ का दावा
MP Breaking : मध्यप्रदेश में एक आदिवासी युवक ने पुलिस पर 10,000 करोड़ रुपए का क्षतिपूर्ति दावा ठोक दिया है। पुलिस ने इस व्यक्ति को गैंगरेप के मामले में गिरफ्तार किया था। 2 साल तक जेल में रहा। अब कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया है।
MP Breaking : उज्जवल प्रदेश, रतलाम. मध्यप्रदेश में एक आदिवासी युवक ने पुलिस पर 10,000 करोड़ रुपए का क्षतिपूर्ति दावा ठोक दिया है। पुलिस ने इस व्यक्ति को गैंगरेप के मामले में गिरफ्तार किया था। 2 साल तक जेल में रहा। अब कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया है। युवक ने पुलिस की कार्रवाई को प्रताड़ना की कार्रवाई बताया और क्षतिपूर्ति का दावा किया।
झूठी कार्रवाई के कारण बर्बाद हो गया पूरा परिवार
रतलाम के घोड़ाखेड़ा निवासी कांतिलाल सिंह उर्फ कांतु को 2 साल पहले गैंगरेप के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। 2 साल तक जेल में रहा। जिला एवं सत्र न्यायालय रतलाम में सुनवाई के दौरान उसे बेगुनाह पाया गया और दोषमुक्त कर दिया। कांतु के अनुसार, बेगुनाह होते हुए भी उसे 2 साल तक जेल की प्रताड़ना सहना पड़ी। इसकी वजह से उसका परिवार सड़क पर आ गया। बच्चों के लिए खाने-पीने का इंतजाम नहीं कर पा रहा हूं। पुलिस ने मुझे जबरदस्ती झूठे केस में फंसा दिया। 5 साल हो गए परेशान होते-होते। 3 साल पुलिस परेशान करती रही, 2 साल जेल में रहा।
10 हजार 6 करोड़ 2 लाख रुपए का क्षतिपूर्ति दावा क्यों, वकील ने बताया
कांतू की ओर से वकील विजय सिंह यादव ने राज्य शासन और पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध 10 हजार 6 करोड़ 2 लाख रुपए का क्षतिपूर्ति दावा जिला एवं सत्र न्यायालय में पेश किया है। वकील विजय सिंह यादव का कहना है कि मानव जीवन का कोई मूल्य तय नहीं किया जा सकता है। पुलिस और राज्य सरकार की वजह से कांतु का जीवन बर्बाद हो गया। उसे बेगुनाह होने के बावजूद 2 साल तक जेल की प्रताड़ना सहनी पड़ी।
कांतु के परिवार में बुजुर्ग मां मीरा, पत्नी लीला और 3 बच्चे हैं। सभी के पालन पोषण की जिम्मेदारी उसी पर है। कांतु की लंबी हिरासत के कारण उसका परिवार भुखमरी की स्थिति में आ गया। बच्चों की पढ़ाई-लिखाई छूट गई। समाज में वापस जाने के लिए और रोजगार के लिए उसे मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसी वजह से दावा लगाया गया है। समाज को यह भी संदेश देना चाहते हैं कि महिलाएं अपने अधिकारों का दुरुपयोग न करें।
घटना का विवरण जिसमें पुलिस इन्वेस्टिगेशन गलत साबित हुई
मामला 18 जनवरी 2018 का है। एक विवाहित महिला ने बाजना थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। उसने बताया था कि दोपहर 12 बजे वह घर पर थी। कांतु अमलियार घर आया और बोला कि साथ चलो, मुझे भाई के घर पर छोड़ देगा। मैं उसके साथ बाइक पर बैठकर चली गई। कांतू भाई के घर न ले जाकर घोड़ाखेड़ा के जंगल में ले गया। वहां उसके साथ रेप किया।
इसके बाद उसने भैरू सिंह को बुलाकर मुझे उसके सुपुर्द कर दिया। भैरू गमनाका मनासा का रहने वाला है। भैरू उसे मजदूरी कराने के लिए इंदौर तरफ ले गया। 6 महीने तक साथ रखा। इस बीच रेप भी करता रहा। इसके बाद भैरू ने मुझे भैरू सरपंच के हवाले कर दिया। वह मुझे बाजना छोड़ गया। घटना पति को बताई।