MP Breaking News : करणी सेना के आंदोलन में उमड़ा जनसैलाब, लाखों लोग हुए शामिल
MP Breaking Karni Sena Andolan News : राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना द्वारा रविवार को भेल जंबूरी मैदान पर महाआंदोलन का आयोजन किया गया। आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग, जातिगत आरक्षण की पुन: समीक्षा और एट्रोसिटी एक्ट के विरोध सहित 21 सूत्रीय मांगों रखी गई।
MP Breaking News in Hindi : उज्जवल प्रदेश, भोपाल. राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना द्वारा रविवार को भेल जंबूरी मैदान पर महाआंदोलन का आयोजन किया गया। जिसमें आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग, जातिगत आरक्षण की पुन: समीक्षा और एट्रोसिटी एक्ट के विरोध सहित 21 सूत्रीय मांगों रखी गई। सुबह 11 बजे तक जंबूरी मैदान पर हजारों की संख्या में लोग पहुंच चुके थे। मैदान में इस वक्त लाखों की तादाद में करणी सैनिक जमा हैं। करणी सेना के महाआंदोलन की वजह से भेल के आस-पास की सड़कों पर जाम लग गया। भीड़ बढ़ती देख ट्रैफिक पुलिस ने जंबूरी मैदान की ओर जाने वाले रास्तों पर ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया।
इस महाआंदोलन में मप्र सहित उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों से करीब तीन लाख लोग जुटने का दावा है। इस जनआंदोलन में अन्य समाज का भी समर्थन मिला है। ब्राह्मण समाज के लोग भी शामिल। पाटीदार समाज के लोग भी बड़ी संख्या में पहुंचे हैं। भेल महात्मा गांधी चौराहे से अवधपुरी, आनंद नगर तक भीड़ जमा है। 21 सूत्रीय मांगों को लेकर यह आंदोलन किया जा रहा है।
इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले की कुंडा विधानसभा क्षेत्र के विधायक रघुराज प्रताप सिंह (राजा भैया), शेर सिंह राणा, राजेश शेखावत समेत बड़ी संख्या में लोग शनिवार रात से ही पहुंचने लगे थे। वहीं आठ वर्षीय एना बाईसा 400 किलोमीटर रतलाम से पैदल यात्रा करके जंबूरी मैदान पर शनिवार को पहुंचीं।
मांगें नहीं मानीं तो उतरेंगे राजनीति में
करणी सेना प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर ने कहा कि हमारी मांगें नहीं मानी तो हम राजनीति में उतरने से भी परहेज नहीं करेंगे। सवर्णों, पिछड़ा वर्ग का साथ भी हमें मिल रहा है। हम व्यवस्था सुधार के लिए यह आंदोलन कर रहे हैं। इससे पूर्व शनिवार को करणी सेना के प्रदेश मीडिया प्रभारी प्रदीप राजपूत ने बताया कि जनआंदोलन के पहले अचानक क्षत्रिय समागम का आयोजन कर सर्व समाज की आवाज को दबाने का प्रयास किया गया।
आंदोलन में कई समाजों के लोग शामिल हो रहे हैं। हमारे आंदोलन को दबाने के लिए जंबूरी मैदान के आसपास शेड की चादरें लगाई गईं। लोग भोजन का प्रबंध करके आए हैं। वहीं करणी सेना परिवार के योगेंद्र सिंह ने बताया कि दो लाख के करीब राजपूत आंदोलन का हिस्सा बनेंगे। आंदोलन को रोकने के लिए सरकार तमाम प्रयास किए गए। आयोजन की अनुमति बड़ी मुश्किल से मिली। कई जिलों में बसों के परमिट नहीं दिए जा रहे हैं, इसलिए जिला स्तर पर भी आंदोलन करना पड़ रहा है।
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गौरतलब है कि कुछ दिन पहले राजपूत समाज के कुछ लोगों ने सीएम हाउस में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर अपनी मांगों के संदर्भ में ज्ञापन सौंपा था। यहां पर यह भी बता दें कि तीन दिन पहले मुख्यमंत्री आवास में क्षत्रिय समागम कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने रानी पद्मावती का स्मारक बनाने का ऐलान करते हुए महाराणा प्रताप जयंती पर छुट्टी करने सहित अनेक घोषणाएं की थीं। उन्होंने मनुआभान टेकरी पहुंचकर रानी पद्मावती की प्रतिमा स्थापना के लिए भूमिपूजन भी किया था।
खुफिया विभाग भी नहीं भांप पाया
इस महाआंदोलन में आसपास के राज्यों से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचेंगे, यह खुफिया विभाग भी आकलन नहीं कर पाया। लोकल इंटेलिजेंस के पास 30 हजार से 40 हजार लोगों के पहुंचने की सूचना थी। इसमें एक गुट ने पहले से ही आठ जनवरी को पहले से ही जंबूरी मैदान में सम्मेलन की अनुमति पुलिस आयुक्त से ले रखी थी। इसके बाद मुख्यमंत्री आवास पर राजपूत समाज की महापंचायत हुई। इसमें मुख्यमंत्री ने कई घोषणाएं भी कीं।
इस महापंचायत में शामिल हुए दूसरे गुट ने कुछ मांगें पूरी होने और कुछ में मुख्यमंत्री का आश्वासन मिलने के बाद जंबूरी मैदान में सम्मेलन की अनुमति निरस्त करा दी। निरस्त कराने के बाद जब इस गुट को लगा कि दूसरा ग्रुप मानने को तैयार नहीं है और बड़ी संख्या में लोग आठ जनवरी को इकट्ठे होने वाले हैं, जिससे उन्हें बड़ा श्रेय मिल सकता है। इसके बाद मुख्यमंत्री आवास में महापंचायत कराने वाला गुट भी इस सम्मेलन में मजबूरी में शामिल हुआ और उनके दबाव से फिर से सभा करने की अनुमति पुलिस आयुक्त ने दे दी।