National News : 6 करोड़ नौकरीपेशा लोगों के लिए बड़ी खबर, सरकार ने बढ़ाया आपके PF पर मिलने वाला ब्याज

National News : ईपीएफओ ने मंगलवार को अपनी बैठक में कर्मचारियों की भविष्य निधि (ईपीएफ) जमा पर 2022-23 के लिए 8.15 प्रतिशत ब्याज दर तय की।

Latest National News : उज्जवल प्रदेश,नईदिल्ली . ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ट्रस्ट ने पीएफ पर मिलने वाले ब्याज पर इजाफा कर दिया है. सरकार ने ईपीएफ ब्याज दर को 8.10 फीसदी से बढ़ाकर 8.15 फीसदी कर दिया है. इस बढ़ोतरी से भी ईपीएफ सदस्यों को काफी राहत मिलेगी. पिछले साल सीबीटी ने ईपीएफ की दरों को 40 साल के लोअर लेवल पर ला दिया था. ईपीएफओ सीबीटी की दो दिनों से बैठक चल रही थी. जिसमें अनुमान लगाया जा रहा था कि सरकार या तो ब्याज दरों में मामूली इजाफा करेगी या फिर स्टेबल रखेगी.

सीबीटी के फैसले के बाद 2022-23 के लिए ईपीएफ डिपॉजिट पर ब्याज दर पर सहमति के लिए फाइनेंस मिनि​स्ट्री को भेजा जाएगा. EPFO सरकार द्वारा वित्त मंत्रालय के माध्यम से इसकी पुष्टि के बाद ही ब्याज दर प्रदान करता है.

“कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के टाॅप निर्णय लेने वाले निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने मंगलवार को अपनी बैठक में 2022-23 के लिए ईपीएफ पर 8.15 प्रतिशत ब्याज दर देने का फैसला किया है।”

6 करोड़ लोगों के खाते में आएंगे पैसे

आपको बता दें कि सीबीटी के फैसले के बाद 2022-23 के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर सहमति के लिए वित्त मंत्रालय को भेजी जाएगी। सरकार के समर्थन के बाद, 2022-23 के लिए ईपीएफ पर ब्याज दर ईपीएफओ के करीबन छह करोड़ से अधिक ग्राहकों के खातों में जमा की जाएगी। बता दें कि EPFO सरकार द्वारा वित्त मंत्रालय के माध्यम से इसकी पुष्टि करने के बाद ही ब्याज दर देता है।

8.80 प्रतिशत तक मिला है ब्याज

मार्च 2020 में EPFO ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को घटाकर सात साल के निचले स्तर 8.50 प्रतिशत कर दिया था। एक साल पहले यानी वित्त वर्ष 2018-19 में ब्याज की दर 8.65 प्रतिशत थी। वहीं, EPFO ने वित्त वर्ष 2016-17 में अपने ग्राहकों को 8.65 प्रतिशत और 2017-18 में 8.55 प्रतिशत ब्याज दर दी थी। वित्त वर्ष 2015-16 में ब्याज दर 8.80 प्रतिशत थी, जो दशक की सबसे ज्यादा ब्याज दर है। इसके अलावा रिटायरमेंट फंड बॉडी EPFO ने वित्त वर्ष 2013-14 के साथ-साथ वित्त वर्ष 2014-15 में 8.75 फीसदी ब्याज दिया था, जो 2012-13 के 8.50 फीसदी से ज्यादा है।

ऐसे चेक करें पीएफ बैलेंस

आपको बता दें कि आप अपने पीएफ अकाउंट का पासबुक घर बैठे चेक कर सकते हैं और देख सकते हैं कि आपका ब्याज का पैसा आया है या नहीं। इसके लिए कई तरीके हैं। इसे आप एसएमएस या फिर Missed Call के जरिए भी चेक कर सकते हैं। या फिर आप EPFO की ऑफिशियल वेबसाइट पर जा सकते हैं। मैसेज के लिए 7738299899 नंबर पर ‘EPFOHO UAN ENG’ लिखकर भेजना होगा। वहीं, 9966044425 Missed call भी कर सकते हैं।

कुछ ऐसी रही है ईपीएफओ दरों की हिस्ट्री

 

  • हिस्टोरिकल डेटा को देखें तो एक समय था जब ईपीएफ की दरें 90 के दशक के अंत में 10 फीसदी से ऊपर थीं.
  • 1985-86 से दरें 10 फीसदी से अधिक हो गईं और वित्त वर्ष 2000-01 के अंत तक बढ़कर 12 फीसदी हो गईं.
  • वित्तीय वर्ष 2001-02 से, ईपीएफ दरें 10 फीसदी से कम ही देखने को मिली हैं.
  • वित्तीय वर्ष 2001-02 से 2004-05 तक, EPF की दर 9.50 फीसदी रखी गई थी, लेकिन 2005-06 से 2009-10 के वित्तीय वर्षों के बीच इसे घटाकर 8.50 फीसदी कर दिया गया.
  • वित्तीय वर्ष 2010-11 में ईपीएफ दर में 9.50% की अस्थायी वृद्धि देखी गई थी, लेकिन जल्द ही 2011-12 में इसे 8.25% कर दिया गया.
  • पिछले एक दशक में ईपीएफ की दरें 8.10 फीसदी से 8.80% के बीच रही हैं.
  • 2011-12 से वित्त वर्ष 2022 तक हाईएस्ट ईपीएफ रेट वित्तीय वर्ष 2015-16 में 8.80 फीसदी था और वित्त वर्ष 2022 में सबसे कम 8.10 फीसदी देखने को मिला.
  • वित्त वर्ष 2022 से पहले, EPF की दरें लगातार दो वित्त वर्ष 2020-21 और 2019-20 के लिए 8.50% थीं.

17 सालों में ईपीएफओ का इंटस्ट रेट

वित्त वर्षईपीएफ रेट (फीसदी में)
2005—068.50
2006—078.50
2007—088.50
2008—098.50
2009—108.50
2010—119.50
2011—128.25
2012—138.50
2013—148.75
2014—158.75
2015—168.80
2016—178.65
2017—188.55
2018—198.65
2019—208.50
2020—218.50
2021—228.10

7 करोड़ से ज्यादा मेंबर

मौजूदा समय में ईपीएफओ में 7 करोड़ से ज्यादा मेंबर हैं. जिन्हें बढ़ी हुई ब्याज दरों का फायदा मिलेगा. इस साल जनवरी में ईपीएफओ ने भविष्य निधि अकाउंट में कुल 14.86 लाख मेंबर जोड़े थे. कुल मिलाकर करीब 7.77 लाख नए सदस्य पहली बार ईपीएफओ के दायरे में आए हैं. जबकि इस महीने केवल 3.54 लाख सदस्य ईपीएफओ से बाहर निकले जो कि पिछले चार महीनों में सबसे कम निकासी है.

पिछले साल 40 साल के लोअर लेवल पर थी दरें

पिछले साल मार्च में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कर्मचारियों की भविष्य निधि डिपॉजिट पर ब्याज दर में 8.10 फीसदी कर दिया था. जोकि 40 साल का लोअर लेवल था. जिसका बचाव करते हुए उन्होंने कहा था कि 8.10 फीसदी की दर अभी भी दूसरी स्मॉल सेविंग स्कीम की ब्याज दरों के मुकाबले बेहतर है.

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