MP Breaking: NIA ने MP समेत 5 राज्यों के 17 शहरों में मारे छापे
MP Breaking News: भारत में प्रतिबंधित संगठन PFI पर NIA ने एक बार फिर बड़ा एक्शन लिया है। जांच एजेंसी ने पीएफआई के उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार समेत कई राज्यों में 17 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की है।
MP Breaking News: उज्जवल प्रदेश, नई दिल्ली/भोपाल. भारत में प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी ने एक बार फिर बड़ा एक्शन लिया है। जांच एजेंसी ने पीएफआई के उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार समेत कई राज्यों में 17 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की है।
एनआईए की टीम ने बिहार के मोतिहारी जिले में भी दस्तक दी है। टीम ने चकिया के कुंआवा गांव में छापेमारी की है। छापा कुंआवा गांव के सज्जाद अंसारी के घर पर मचा। सज्जाद पिछले 14 महीनों से दुबई में नौकरी कर रहा है। यह एक्शन पहले ही गिरफ्तार हो चुके हरपुर किशुनी निवासी इरशाद की निशानदेही पर हुई है।
एनआईए की टीम छापेमारी के दौरान सज्जाद का आधार ,पैन कार्ड और अन्य कागजात साथ ले गई है। गौरतलब है कि पिछले साल 2022 में केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को बैन किया था। केंद्र ने संगठन पर 5 साल का बैन लगाया है। दरअसल, कई राज्यों ने पीएफआई को प्रतिबंधित करने की मांग की थी।
केंद्र ने पीएफआई के अलावा रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन , नेशनल वीमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन पर भी बैन लगाया गया था।
क्योंकि: फिर सक्रिय हुए कार्यकर्ता
आरोप है कि पीएफआई के कई ओवर ग्राउंड सर्कर एक बार फिर देश विरोधी गतिविधियों में अपना कदम बढ़ा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक पीएफआई पर प्रतिबंध लगने और इसके शीर्ष नेताओं के जेल जाने के बाद संगठन ने अपने कार्यकर्ताओं को दोबारा संगठित और मजबूत करने का काम शुरू कर दिया है।
मप्र के उज्जैन में छापेमारी…बिहार में 12 लोकेशन पर कार्रवाई
पीएफआई के खिलाफ देश के 5 राज्यों के 17 लोकेशन पर कार्रवाई की जा रही है। इनमें से 12 बिहार में, दो उत्तर प्रदेश में और 1-1 मध्यप्रदेश, पंजाब और गोवा में हैं। इसके पहले भी एनआईए और तमाम राज्यों की पुलिस और एजेंसियों ने पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी कर सैकड़ों गिरफ्तारियां की थीं। 2022 में 22 सितंबर और 27 सितंबर को एनआईए, ईडी और राज्यों की पुलिस ने पीएफआई पर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी।
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पहले राउंड की छापेमारी में 106 लोग गिरफ्तार हुए थे। दूसरे राउंड की छापेमारी में 247 लोग गिरफ्तार/हिरासत में लिए गए थे। जांच एजेंसियों को पीएफआई के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले थे। इसके बाद जांच एजेंसियों ने गृह मंत्रालय से कार्रवाई की मांग की थी। जांच एजेंसियों की सिफारिश पर गृह मंत्रालय ने पीएफआई पर बैन लगाने का फैसला किया था।
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पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई 22 नवंबर 2006 को तीन मुस्लिम संगठनों के मिलने से बना था। इनमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिता नीति पसरई साथ आए। पीएफआई खुद को गैर-लाभकारी संगठन बताता है। पीएफआई में कितने सदस्य हैं, इसकी जानकारी संगठन नहीं देता है।
देश के 15 राज्यों में एक्टिव है पीएफआई
पीएफआई अभी दिल्ली, आंध्र,प्रदेश, असम, बिहार, केरल, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, हरियाणा, तमिलनाडु, तेलंगाना, मध्य प्रदेश में एक्टिव है। पीएफआई की जड़ें 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद मुसलमानों के हितों की रक्षा के लिए खड़े हुए आंदोलनों से जुड़ती हैं।