सरकार ने संपत्ति का बटवारा करते समय बेटे के अधिकार नियम में किये दो कड़े बदलाव, Property Rights New Rules 2024

Property Rights New Rules 2024: हाल ही में सरकार ने संपत्ति अधिकारों को लेकर कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इन नए नियमों का मुख्य उद्देश्य माता-पिता के अधिकारों की रक्षा करना और बेटे-बेटियों के बीच समानता लाना है।

Property Rights New Rules 2024: उज्जवल प्रदेश, नई दिल्ली. सरकार ने नए नियमों का मुख्य उद्देश्य माता-पिता के अधिकारों की रक्षा करना और बेटे-बेटियों के बीच समानता लाना है। इन बदलावों से माता-पिता की स्वयं अर्जित संपत्ति पर बच्चों का अधिकार समाप्त हो जाएगा, जिससे वे अपनी इच्छा से अपनी संपत्ति का उपयोग कर सकेंगे। इस लेख में, हम जानेंगे कि नए नियम क्या हैं और उनका परिवारों पर क्या असर पड़ेगा।

नए संपत्ति अधिकार नियम 2024 – Property Rights New Rules 2024

2024 में संपत्ति अधिकारों को लेकर कुछ नए नियम बनाए हैं। इन नियमों का मुख्य उद्देश्य माता-पिता के अधिकारों की रक्षा करना और बेटे-बेटियों के बीच समानता लाना है।

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यहाँ देखे नए नियमों की लिस्ट

नियमविवरण
स्वयं अर्जित संपत्तिमाता-पिता की इच्छा पर निर्भर
पैतृक संपत्तिबेटियों को बराबर हिस्सा मिलेगा
संपत्ति का बंटवारासभी सदस्यों को समान अधिकार
नए नियम लागू होने की तारीख2024 के शुरुआत से
संपत्ति हक की अवधिबेटों का हक समाप्त, बेटियों का शादी के बाद भी बना रहेगा
संयुक्त परिवारसभी सदस्यों का समान अधिकार
शादी के बाद का अधिकारबेटियों को शादी के बाद भी संपत्ति पर हक मिलेगा

स्वयं अर्जित संपत्ति पर माता-पिता का पूरा अधिकार

नए नियमों के अनुसार, माता-पिता की स्वयं अर्जित संपत्ति पर उनके बच्चों का कोई कानूनी अधिकार नहीं होगा। इसका मतलब है माता-पिता अपनी कमाई की संपत्ति को अपनी इच्छा से किसी को भी दे सकते हैं। बच्चे इस संपत्ति पर दावा नहीं कर सकते, चाहे वे बेटे हों या बेटियां। माता-पिता चाहें तो अपनी स्वयं अर्जित संपत्ति किसी अन्य व्यक्ति या संस्था को भी दे सकते हैं। यदि माता-पिता बिना वसीयत किए मर जाते हैं, तभी बच्चों को यह संपत्ति मिलेगी। यह नियम माता-पिता के अधिकारों की रक्षा करता है और उन्हें अपनी कमाई की संपत्ति के बारे में निर्णय लेने की आजादी देता है।

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बेटियों को पैतृक संपत्ति में बराबर का हक

पुरानी मान्यता यह थी कि बेटी की शादी के बाद उसका पैतृक संपत्ति पर हक समाप्त हो जाता है, लेकिन नए कानून में इसे बदल दिया गया है। अब शादी के बाद भी बेटी को अपने पिता की संपत्ति में हिस्सा मिलेगा। 2024 के नए कानूनों में सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब बेटियों को पैतृक संपत्ति में बेटों के बराबर अधिकार मिलेगा।

संयुक्त परिवार की संपत्ति पर सभी का हक

नए कानून में संयुक्त परिवार की संपत्ति पर सभी सदस्यों के अधिकारों को स्पष्ट किया गया है। संयुक्त परिवार की संपत्ति पर सभी सदस्यों का बराबर अधिकार होगा। इस संपत्ति के बंटवारे में सभी सदस्यों की सहमति जरूरी होगी। किसी एक सदस्य को दूसरों के हिस्से से वंचित नहीं किया जा सकता। संयुक्त संपत्ति के बेचने या किराए पर देने के लिए सभी सदस्यों की अनुमति चाहिए।

वसीयत का महत्व

  • माता-पिता की वसीयत को सर्वोपरि माना जाएगा।
  • वसीयत में दी गई संपत्ति पर बच्चों का कोई कानूनी अधिकार नहीं होगा।
  • वसीयत के खिलाफ कोर्ट में चुनौती देना मुश्किल होगा।
  • वसीयत न होने पर ही कानूनी उत्तराधिकार लागू होगा।

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बच्चों की जिम्मेदारी

  • माता-पिता की देखभाल न करने वाले बच्चों के संपत्ति अधिकार सीमित किए जा सकते हैं।
  • माता-पिता अपनी वसीयत में ऐसे बच्चों को संपत्ति से वंचित कर सकते हैं।
  • कोर्ट भी ऐसे मामलों में बच्चों के हक को सीमित कर सकता है।

किन परिस्थितियों में बच्चों को संपत्ति में हक नहीं मिलता?

जब माता-पिता ने अपनी स्वयं अर्जित संपत्ति को किसी अन्य व्यक्ति या संस्था को दान कर दिया हो। यदि माता-पिता ने अपनी संपत्ति का बंटवारा अपने जीवनकाल में ही कर दिया हो। अगर माता-पिता ने अपनी संपत्ति के लिए वसीयत लिख दी हो जिसमें बच्चों को शामिल न किया गया हो। यदि कोई बच्चा धर्म परिवर्तन कर लेता है (कुछ धार्मिक कानूनों के अनुसार)। अगर किसी बच्चे ने अपने माता-पिता की हत्या की हो या उसमें शामिल रहा हो। इन परिस्थितियों में बच्चों के संपत्ति अधिकार प्रभावित हो सकते हैं।

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