Control Uric Acid: यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के तरीके

Control Uric Acid: यूरिक एसिड की वजह से हमें आगे चलकर गठिया या अन्य दर्द की समस्या होने लगती है और एसिड का लेवल हमारे खून में बढ़ते जाता है। यूरिक एसिड के इस प्रभाव को एक चटनी से दूर किया जा सकता है।

Control Uric Acid: उज्जवल प्रदेश डेस्क. आज के समय की बात करें तो यूरिक एसिड बनना सभी के लिए एक मुसीबत बनते जा रहा है, हालांकि इसका बनना हमारे लिए एक सामान्य सी प्रक्रिया है जब यह बनता है तो किडनी इसे शरीर से अलग कर यूरिन के द्वारा बाहर कर देती है। यूरिक एसिड का निर्माण प्यूरीन नामक पदार्थ के विघटन से होता है। यही हमारे शरीर से यूरिन के रूप में बाहर निकलती है जिसे अलग करने का काम हमारी किडनी का है। यही कारण है कि जब हमारी किडनी खराब हो जाती है या फिर ठीक से काम नहीं करती तो यूरिक एसिड की वजह से हमें आगे चलकर गठिया या अन्य दर्द की समस्या होने लगती है और एसिड का लेवल हमारे खून में बढ़ते जाता है। यूरिक एसिड के इस प्रभाव को एक चटनी से दूर किया जा सकता है।

धनिया पत्ती की चटनी के फायदे

भारत में धनिया सभी जगह आसानी से उपलब्ध होता है और अक्सर लोगों के घरों में धनिए की चटनी बनाई ही जाती है, यह खाने में स्वाद को डबल करने का काम करता है साथ ही यह हमारे सेहत के लिए भी काफी लाभदायक है। इस चटनी के सेवन से यूरिक एसिड की समस्या को आसानी से कम किया जा सकता है,क्योंकि इसमें विटामिन सी, कैल्शियम, फ़ॉस्फ़ोरस, आयरन, प्रोटीन, कैरोटीन, फ़ाइबर, जैसे पोषक गुण पाए जाते हैं जो हमारे शरीर को कई सकारात्मक प्रभाव पहुंचते हैं।

कैसे बनाएं धनिया पत्ती की चटनी

यह चटनी बनाना काफी आसान है, हरी धनिया की चटनी बनाने की प्रक्रिया से पहले आपको धनिया की पत्ती ,हरी मिर्च, पुदीने व अदरक के छोटे टुकड़े को अच्छे से पानी में धो लें। उसके बाद इन सभी को मिलाकर एक साथ अच्छे से पीस लें। बीच-बीच में पानी डालकर फिर से पीसें। इस बनी हुई चटनी को सुबह शाम का सकते हैं जिससे आपके यूरिक एसिड की समस्या जड़ से समाप्त हो जाएगी।

Sourabh Mathur

सौरभ माथुर एक अनुभवी न्यूज़ एडिटर हैं, जिनके पास 13 वर्षों का एडिटिंग अनुभव है। उन्होंने कई मीडिया हॉउस के संपादकीय टीमों के साथ काम किया है। सौरभ ने समाचार लेखन, संपादन और तथ्यात्मक विश्लेषण में विशेषज्ञता हासिल की, हमेशा सटीक और विश्वसनीय जानकारी पाठकों तक पहुंचाना उनका लक्ष्य रहा है। वह डिजिटल, प्रिंट और ब्रॉडकास्ट मीडिया में भी अच्छा अनुभव रखतें हैं और पत्रकारिता के बदलते रुझानों को समझते हुए अपने काम को लगातार बेहतर बनाने की कोशिश करते रहतें हैं।

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