MP Crime News: एमबीए ग्रेजुएट सरगना समेत 5 गिरफ्तार, 2.5 करोड़ रुपए का माल बरामद

MP Crime News: राजधानी की अवधपुरी पुलिस ने साइबर जालसाजों के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया, जो किराए पर कार उपलब्ध कराने वाले ऐप के जरिए लोगों को ठगते थे.

MP Crime News: उज्जवल प्रदेश, भोपाल। राजधानी की अवधपुरी पुलिस ने साइबर जालसाजों के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया, जो किराए पर कार उपलब्ध कराने वाले ऐप के जरिए लोगों को ठगते थे। पुलिस ने रैकेट के सरगना समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरोह का एक एमबीए ग्रेजुएट है, जिसका पहले भी आपराधिक रिकॉर्ड रहा है और वह दूसरे शहरों में किराए पर कार लेने के इच्छुक लोगों को ठगता था। पुलिस अधिकारी ने बताया कि उनके पास से 2.50 करोड़ रुपये के मोबाइल, लैपटॉप, लग्जरी कारें आदि बरामद की गई हैं।

डीसीपी जोन-2 संजय अग्रवाल ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि रीगल टाउन के एक फ्लैट में रहने वाले पांच युवक संदिग्ध गतिविधियों में शामिल हैं। अवधपुरी थाने के टीआई रतन सिंह परिहार और उनकी टीम ने फ्लैट पर छापा मारा और संदिग्धों को पकड़ा।

इनकी पहचान कटारा हिल्स निवासी यश सलूजा (27), झांसी निवासी अंशुल प्रियांश (28), छिंदवाड़ा निवासी मयंक ठाकुर (23), छतरपुर निवासी अविनाश पांडे (28) और पंजाब निवासी सहजप्रीत सिंह (23) के रूप में हुई है। युवकों से पूछताछ में पता चला कि वे देशभर में लोगों को किराए पर कार उपलब्ध कराने वाली एक कंपनी के ऐप का इस्तेमाल कर अलग-अलग शहरों में कार किराए पर देने के नाम पर लोगों को ठग रहे थे। गिरफ्तार किए गए युवक जुलाई 2024 से फ्लैट में किराए पर रह रहे थे और साइबर ठगी कर रहे थे। 48 मोबाइल फोन, टैबलेट, 37 एटीएम कार्ड बरामद युवक आलीशान जीवनशैली जी रहे थे और पुलिस ने उनके पास से 2.50 करोड़ रुपये की कीमत की बीएमडब्ल्यू, एक्सयूवी 50048 मोबाइल फोन और टैबलेट, 37 एटीएम कार्ड, 8 बैंक पासबुक, करेंसी काउंटिंग मशीन, बार कोड स्कैनर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट जब्त किए हैं।

गिरोह का सरगना अंशुल प्रियांश एमबीए ग्रेजुएट है और छतरपुर में उसके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि मयंक ठाकुर पर छिंदवाड़ा में 4 मामले दर्ज हैं। दसवीं पास यश सलूजा पर भी दमोह, भोपाल, जबलपुर और छतरपुर जिलों में नौ आपराधिक मामले दर्ज हैं। गिरोह के सदस्य बेंगलुरु स्थित जूम कार कंपनी के ऐप पर कारों की तस्वीरें अपलोड करते थे, जिसमें उनका मोबाइल नंबर, बैंक खाता और अन्य फर्जी विवरण होता था। वे उन्हें किराए पर देने का ऑफर देते थे।

आरोपी दिल्ली, मुंबई और अन्य शहरों में कार किराए पर देने का दावा करते थे। जैसे ही कार बुक होती थी और कंपनी उनके बैंक खातों में 60 फीसदी नकदी ट्रांसफर करती थी, आरोपी तुरंत रकम निकाल लेते थे। जिस व्यक्ति को कार दी जानी थी, उसके फोन करने पर आरोपी अपना फोन बंद कर देते थे। कंपनी आरोपियों का मोबाइल नंबर और बैंक खाता ब्लॉक कर देती थी, लेकिन वे जूम ऐप के जरिए ठगी करने के लिए दूसरे मोबाइल नंबर और बैंक विवरण और दूसरी कार की तस्वीरों का इस्तेमाल करते थे। आरोपी ने ऐप के जरिए कई धोखाधड़ी करने की बात कबूल की है।

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