CG News: बीजापुर के गंगालूर क्षेत्र में पुलिस बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़, 8 नक्सली मारे गए
CG News: कोरचोली-तोड़का के जंगल में मारे गए 8 नक्सली, 2025 में मुठभेड़ में 50 से अधिक ढेर। वही 2024 में कई अभियानों में 239 नक्सली मारे गए थे।
CG News: उज्जवल प्रदेश, बीजापुर। थाना गंगालूर क्षेत्र में 31 जनवरी को डीआरजी, एसटीएफ, कोबरा 202 एवं केरिपु 222 वाहिनी की संयुक्त टीम को पश्चिम बस्तर डिवीजन के प्रतिबंधित नक्सली संगठन के सशस्त्र नक्सलियों की उपस्थिति की सूचना मिली थी। इसी आधार पर पुलिस बल ने इलाके में नक्सल विरोधी अभियान चलाया।
अभियान के दौरान प्रातः 8:30 बजे से कोरचोली-तोड़का के जंगलों में पुलिस बल और नक्सलियों के बीच रुक-रुक कर मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में 8 नक्सलियों के मारे जाने की खबर मिली है।
मुठभेड़ में कुछ शव और हथियार बरामद
पुलिस ने मुठभेड़ स्थल से नक्सलियों के शव और हथियार बरामद किए हैं। जिले की पुलिस ने जानकारी दी कि फिलहाल क्षेत्र में गश्त और सर्चिंग अभियान जारी है। एएसपी चंद्रकांत गवर्ना ने बताया कि मुठभेड़ स्थल पर मौजूद पुलिस बल वापस लौट रहा है, जिसके बाद पूरी जानकारी साझा की जाएगी। बता दे कि 2025 में नक्सली विरोधी अभियान तेज किया गया है। वहीं एक फरवरी तक मारे गए नक्सलियों की संख्या 50 के ऊपर पहुंच चुकी है। वर्ष 2024 में 239 नक्सली मारे गए थे।
वर्ष 2025 में मारे गए नक्सली-
- 8 नक्सली ढेर हुए 1 फरवरी को कोरचोली-तोड़का के जंगलों में
- 16 नक्सली मारे गए 21 जनवरी को गरियाबंद मुठभेड़ में।
- 18 नक्सली मारे गए 16 जनवरी को बीजापुर मुठभेड़ में
- 5 नक्सली मारे गए 5 जनवरी को अबूझमाड़ मुठभेड़ में
- 5 नक्सली मारे गए। 2 जनवरी को बीजापुर मुठभेड़ में
- 3 नक्सली ढेर हुए 3 जनवरी को गरियाबंद के कांडेसर में
मुठभेड़ में 10 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
नक्सल विरोधी अभियान के तहत पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज, पुलिस महानिरीक्षक केरिपु सीजी सेक्टर रायपुर, उप पुलिस महानिरीक्षक दंतेवाड़ा रेंज एवं बीजापुर सेक्टर के मार्गदर्शन में चलाए जा रहे माओवादी उन्मूलन अभियान का सकारात्मक परिणाम सामने आया।
बस्तर फाइटर, एसटीएफ, कोबरा और केरिपु बल की संयुक्त रणनीति एवं छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास और आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर कुल 10 नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में से कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं, जिनमें—
- अर्जुन मड़काम उर्फ अर्जुन गेन्ने (एरिया कमेटी पार्टी सदस्य) – ₹2 लाख का इनामी
- हड़मा ताती उर्फ मोरली (सीएनएम अध्यक्ष) – ₹1 लाख का इनामी
- हुंगा माड़वी उर्फ पेद्दा (डीएकेएमएस अध्यक्ष) – ₹1 लाख का इनामी
- भीमा माड़वी उर्फ नंदू भीमा (एर्रापल्ली आरपीसी अध्यक्ष) – ₹1 लाख का इनामी
- नंदा मड़काम उर्फ कायर नंदा (आरपीसी अध्यक्ष) – ₹1 लाख का इनामी
- भीमा हेमला उर्फ मासा (एलजीएस सदस्य)
- भीमा मड़काम उर्फ मिन्ना (एर्रापल्ली आरपीसी सदस्य)
- जोगा हेमला उर्फ बक्कू जोगा (पालागुड़ा आरपीसी सदस्य)
- हड़मा रव्वा उर्फ गोमा बिटटो (सीएनएम सदस्य)
- दुला माड़वी उर्फ बोड्डा (पालागुड़ा आरपीसी सदस्य)
ये सभी नक्सली गड्ढा खोदने, मार्ग अवरुद्ध करने, स्पाइक लगाने, ग्रामीणों की हत्या करने और आईईडी लगाने जैसी हिंसक गतिविधियों में शामिल रहे हैं।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा चलाई जा रही पुनर्वास नीति का असर
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा चलाई जा रही “नियद नेल्ला नार” योजना और पुनर्वास नीति के कारण आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने बताया कि संगठन में उनके कार्यों की उपेक्षा की जा रही थी और उनके साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार किया जा रहा था।
इसके अलावा, नक्सली संगठन के भीतर आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार बढ़ रहे थे, जिससे वे त्रस्त थे। इन परिस्थितियों से परेशान होकर, उन्होंने सरकार की आत्मसमर्पण नीति के तहत पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने का निर्णय लिया।
आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को सरकार की पुनर्वास नीति के तहत ₹25,000 प्रति नक्सली की नगद प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई। इसके अलावा, उनके पुनर्वास और सुरक्षित भविष्य के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत सहायता दी जाएगी।