Good News: मोदी सरकार एक्शन मोड में, 1 करोड़ वर्कर्स के पेंशन का होगा इतंजाम

Good News: बीते एक फरवरी को पेश किए गए आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फ्रीलांसर, डिलीवरी ब्वॉय और कैब ड्राइवर्स जैसे गिग वर्कर्स के लिए एक बड़ा ऐलान किया।

Good News: उज्जवल प्रदेश,नई दिल्ली. बीते एक फरवरी को पेश किए गए आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फ्रीलांसर, डिलीवरी ब्वॉय और कैब ड्राइवर्स जैसे गिग वर्कर्स के लिए एक बड़ा ऐलान किया। इसके तहत गिग वर्कर्स को हेल्थ बेनिफिट समेत कई बड़ी सुविधाएं दी जाएंगी।

इसकी प्रक्रिया अब शुरू कर दी गई है। दरअसल, लेबर मिनिस्ट्री ने कहा है कि जल्द ही ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जुड़े एक करोड़ गिग श्रमिकों के लिए पेंशन योजना लाने को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मांगेगा। एक आधिकारिक सूत्र ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इसके तहत हर लेनदेन से हुई आय से सामाजिक सुरक्षा योजना में योगदान दिया जाएगा।

क्या है प्लान

कहा कि श्रम मंत्रालय एक ऐसी व्यवस्था पर काम कर रहा है, जिसके तहत जोमैटो, स्विगी के अलावा ओला, उबर जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म इन श्रमिकों की आय पर हर लेनदेन पर प्रतिशत के रूप में सामाजिक सुरक्षा अंशदान काट लेंगे। सूत्र के मुताबिक इस योजना के तहत श्रमिकों को रिटायरमेंट के समय दो विकल्प दिए जा सकते हैं, जब उनकी पेंशन तय हो जाएगी।

वे जमा पर ब्याज को पेंशन के रूप में निकाल सकते हैं या संचित धन को निर्धारित अवधि के लिए बराबर किस्तों में विभाजित कर सकते हैं। हालांकि, सूत्र ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा योजना के लिए योगदान की जाने वाली राशि अभी तय नहीं की गई है। गिग श्रमिक एक साथ दो या अधिक प्लेटफॉर्म के लिए काम कर सकते हैं।

बजट में हुआ बड़ा ऐलान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में घोषणा की थी कि सरकार ई-श्रम प्लेटफॉर्म पर गिग कर्मचारियों के लिए पहचान पत्र और रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था करेगी। साथ ही उन्हें पीएम जन आरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जाएगी। बता दें कि ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए डिलिवरी सर्विसेज प्रोवाइड करने वाले कर्मचारी आदि ‘गिग’ कर्मियों की श्रेणी में आते हैं।

व्यव सचिव Wने कही थी ये बात

बीते दिनों व्यय सचिव मनोज गोविल ने कहा कि श्रम मंत्रालय और संबंधित अन्य मंत्रालयों के साथ परामर्श कर योजना के मापदंडों तथा विवरणों पर काम किया जा रहा है। गोविल ने कहा कि ‘गिग’ श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना या तो 100 प्रतिशत केंद्रीय क्षेत्र की योजना हो सकती है या केंद्र प्रायोजित योजना हो सकती है, जहां लागत केंद्र व राज्यों के बीच 60:40 के अनुपात में साझा की जाएगी।

Back to top button