Health Tips: स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी…प्लास्टिक से सेहत को खतरा, प्रजनन क्षमता और दिमाग पर पड़ता है बुरा असर
Health Tips: स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि प्लास्टिक के बर्तनों और बोतलों से निकला बिस्फेनॉल ए (बीपीए) शरीर में जाकर हार्मोन असंतुलन, प्रजनन क्षमता की कमी और मस्तिष्क पर बुरा असर डाल सकता है। शोध बताते हैं कि यह कैंसर, हृदय रोग, मोटापा और मधुमेह जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ा सकता है।

Health Tips: उज्जवल प्रदेश डेस्क. आजकल प्लास्टिक का उपयोग हर घर में आम हो गया है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आपके स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक हो सकता है? प्लास्टिक में मौजूद बिस्फेनॉल ए (बीपीए) और माइक्रोप्लास्टिक शरीर में प्रवेश कर कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। आइए जानते हैं इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां।
बीपीए क्या है और यह कितना खतरनाक है?
बिस्फेनॉल ए (बीपीए) एक औद्योगिक रसायन है, जिसका उपयोग 1950 के दशक से पॉलीकार्बोनेट प्लास्टिक और एपॉक्सी रेजिन बनाने के लिए किया जा रहा है। यह प्लास्टिक बोतलों, खाने के कंटेनरों और अन्य पैकेजिंग सामग्रियों में व्यापक रूप से पाया जाता है। जब ये उत्पाद गर्म होते हैं या लंबे समय तक उपयोग में रहते हैं, तो बीपीए धीरे-धीरे बाहर निकलकर भोजन और पानी में घुल सकता है, जिसे हम अनजाने में अपने शरीर में ले लेते हैं।
प्लास्टिक के उपयोग से स्वास्थ्य पर असर
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, बीपीए हमारे शरीर में प्रवेश कर एंडोक्राइन सिस्टम को प्रभावित करता है। यह हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकता है, जिससे प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है और गर्भावस्था में जटिलताएं आ सकती हैं।
बीपीए और दिमागी विकास
मैसाचुसेट्स एमहर्स्ट विश्वविद्यालय के जीवविज्ञान प्रोफेसर आर. थॉमस जोलर के अनुसार, बीपीए का असर मस्तिष्क के विकास और थायरॉइड हार्मोन पर भी पड़ सकता है। कुछ शोधों में यह पाया गया है कि यह न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर और बच्चों में व्यवहार संबंधी समस्याओं से जुड़ा हो सकता है।
हृदय रोग और मधुमेह का खतरा
कई अध्ययनों में यह देखा गया है कि जिन वयस्कों के शरीर में बीपीए का स्तर अधिक होता है, उनमें हृदय संबंधी समस्याएं ज्यादा पाई जाती हैं। इसके अलावा, यह मोटापा और मधुमेह जैसी बीमारियों से भी जुड़ा हो सकता है।
कैंसर से संभावित संबंध
जानवरों पर किए गए अध्ययनों से यह संकेत मिलता है कि बीपीए का लंबे समय तक संपर्क कुछ प्रकार के कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है। हालांकि, इस विषय पर अभी और गहन शोध की जरूरत है, लेकिन प्रारंभिक निष्कर्ष चिंता बढ़ाने वाले हैं।
माइक्रोप्लास्टिक का खतरा
बीपीए के अलावा, माइक्रोप्लास्टिक भी स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा बन चुका है। यह छोटे-छोटे प्लास्टिक कण होते हैं, जो पानी, भोजन और यहां तक कि हवा के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। यह पाचन तंत्र, लीवर और अन्य महत्वपूर्ण अंगों पर बुरा प्रभाव डाल सकते हैं।
प्लास्टिक से बचाव के उपाय
- स्वास्थ्य विशेषज्ञों का सुझाव है कि प्लास्टिक के उपयोग को कम करके बीपीए और माइक्रोप्लास्टिक के खतरे से बचा जा सकता है। इसके लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:
- प्लास्टिक की बोतलों की जगह स्टील या कांच की बोतलों का उपयोग करें।
- गर्म खाने को प्लास्टिक के कंटेनरों में रखने से बचें।
- प्लास्टिक रैप और डिस्पोजेबल प्लास्टिक उत्पादों का उपयोग कम करें।
- बीपीए-फ्री लेबल वाले उत्पादों को प्राथमिकता दें।
- प्राकृतिक और ऑर्गेनिक उत्पादों का अधिक उपयोग करें।