आपके घर में छिपा खतरनाक Hantavirus: जानें लक्षण और बचाव, ऑस्कर विजेता जीन हैकमेन की परिवार संग हो चुकी है हंता वायरस से मौत
Hantavirus एक घातक संक्रमण है जो चूहों के मल, मूत्र या लार के संपर्क में आने से फैलता है। इसके लक्षणों में थकान, बुखार, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, मतली और सांस लेने में कठिनाई शामिल हैं। समय पर चिकित्सा सहायता से बचाव संभव है, लेकिन सावधानी बरतना आवश्यक है।

Hantavirus: उज्जवल प्रदेश डेस्क. हाल ही में ऑस्कर विजेता अभिनेता जीन हैकमेन, उनकी पत्नी और बेटी की हंता वायरस के कारण मृत्यु ने इस घातक संक्रमण की ओर सबका ध्यान आकर्षित किया है। चूहों के संपर्क से फैलने वाला यह वायरस तेजी से फैलता है और इसके लक्षण पहचानना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। आइए, इस वायरस के लक्षण, कारण और बचाव के तरीकों पर विस्तृत जानकारी प्राप्त करें।
हंता वायरस एक घातक संक्रमण
हाल ही में ऑस्कर विजेता अभिनेता जीन हैकमेन, उनकी पत्नी और बेटी बेट्सी अराकावा की हंता वायरस के संक्रमण से मृत्यु ने पूरे विश्व में चिंता की लहर दौड़ा दी है। यह घटना हमें इस घातक वायरस के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता का संकेत देती है। हंता वायरस एक ऐसा संक्रमण है जो मुख्यतः चूहों और गिलहरियों के माध्यम से फैलता है, और इसके लक्षण प्रारंभ में सामान्य फ्लू जैसे होते हैं, जिससे इसकी पहचान में देरी हो सकती है।
हंता वायरस क्या है?
हंता वायरस एक विषाणु है जो मानव शरीर में पल्मोनरी सिंड्रोम (फेफड़ों से संबंधित बीमारी) पैदा कर सकता है। यह वायरस रक्तस्राव, बुखार और गुर्दे में तकलीफ जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। यह हवा से नहीं फैलता, बल्कि चूहे और गिलहरी जैसे जानवरों के काटने, मूत्र, मल और लार के संपर्क में आने से मानव शरीर में प्रवेश करता है।
हंता वायरस का प्रसार कैसे होता है?
अमेरिकी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, हंता वायरस मुख्यतः जंगली चूहों से फैलता है। यह वायरस चूहों के मूत्र, थूक और मल में मौजूद होता है, और जब ये सूखकर धूल के रूप में हवा में मिलते हैं, तो सांस के माध्यम से मानव शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। इसके अलावा, दूषित सतहों को छूने के बाद हाथों को मुँह या नाक से लगाने से भी संक्रमण हो सकता है। चूहे के काटने से भी यह वायरस फैल सकता है।
हंता वायरस के लक्षण
हंता वायरस के संक्रमण के लक्षण संक्रमण के एक से आठ सप्ताह बाद दिखाई देने लगते हैं। शुरुआती लक्षणों में थकान, बुखार और मांसपेशियों में दर्द शामिल हैं। इसके अलावा, सिरदर्द, ठंड लगना, मतली, उल्टी और पेट दर्द जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, खांसी, सांस लेने में तकलीफ और फेफड़ों में पानी भरने के कारण सीने में जकड़न जैसी परेशानियां हो सकती हैं। सीडीसी के अनुसार, इस बीमारी से श्वसन संबंधी लक्षण विकसित होने वाले लगभग एक तिहाई लोगों की मृत्यु हो सकती है।
हंता वायरस का निदान और उपचार
हंता वायरस के संक्रमण का कोई विशिष्ट उपचार या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। हालांकि, यदि संक्रमण की पहचान जल्दी हो जाती है, तो मरीजों को इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू) में भर्ती करके सहायक चिकित्सा दी जा सकती है, जिससे उनकी जीवित रहने की संभावना बढ़ जाती है। गंभीर सांस की समस्या होने पर ऑक्सीजन थेरेपी दी जाती है। citeturn0search3
हंता वायरस से बचाव के उपाय
हंता वायरस से बचाव के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए:
- चूहों की रोकथाम: अपने घर और कार्यस्थल को चूहों से मुक्त रखें। खाद्य पदार्थों को सुरक्षित स्थानों पर रखें और कचरे का उचित निपटान करें।
- सफाई के दौरान सावधानी: चूहों के मल, मूत्र या घोंसलों को साफ करते समय सुरक्षात्मक दस्ताने पहनें और ब्लीच के घोल का उपयोग करें।