Amit Shah ने कहा- मणिपुर में स्थिति अब पहले की तुलना में काफी शांतिपूर्ण है, पहली बार नहीं हुई जातीय हिंसा

केंद्रीय गृह मंत्री Amit Shah ने कहा है कि मणिपुर में स्थिति अब पहले की तुलना में काफी शांतिपूर्ण है और सरकार स्थायी शांति स्थापित करने के लिए मेइती और कुकी समुदायों के साथ चर्चा कर रही है।

Amit Shah: उज्जवल प्रदेश,मणिपुर. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि मणिपुर में स्थिति अब पहले की तुलना में काफी शांतिपूर्ण है और सरकार स्थायी शांति स्थापित करने के लिए मेइती और कुकी समुदायों के साथ चर्चा कर रही है। शाह ने यह भी कहा कि मणिपुर में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए उचित समय पर राष्ट्रपति शासन लगाया गया है।

केंद्रीय गृह मंत्री समिट, 2025′ में कहा, “अब स्थिति अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण है। सामान्य जीवन फिर से शुरू हो गया है। गृह मंत्रालय ने दोनों समुदायों के साथ अलग-अलग बैठकें की हैं। दोनों समुदायों ने एक-दूसरे से बात भी की है। धीरे-धीरे चीजें सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही हैं। अब चिंता की कोई बात नहीं है।”

गृह मंत्री ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब राज्य में जातीय हिंसा हो रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में पहले भी इस तरह की हिंसा हो चुकी है और यह तीन से चार साल तक चली है। यह पूछे जाने पर कि क्या मणिपुर में केंद्रीय शासन लागू करने में देरी हो रही है, शाह ने कहा कि दूर बैठकर टिप्पणी करना आसान है। उन्होंने कहा, “जब तक दोनों समुदाय इसे स्वीकार नहीं करते, राष्ट्रपति शासन सफल नहीं हो सकता। जब उचित समय था, हमने इसे लागू कर दिया।”

जम्मू-कश्मीर को लेकर क्या बोले शाह

अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को वादे के मुताबिक पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा लेकिन इस तरह से सार्वजनिक मंच पर समय का ऐलान नहीं किया जा सकता है। राज्य का दर्जा बहाल करने की समयसीमा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “हमने आश्वासन दिया है कि राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा। लेकिन सार्वजनिक मंच पर यह नहीं बताया जा सकता कि यह कब दिया जाएगा।”

जब 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया गया था और तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था, तो शाह ने संसद में कहा था कि उचित समय पर जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा, “कश्मीर में 40 साल बाद यह पहला चुनाव था जिसमें किसी भी स्थान पर पुनर्मतदान नहीं हुआ। एक भी आंसू गैस या गोली नहीं चलाई गई। 60 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, यह बहुत बड़ा बदलाव है।”

 

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