Astrology Tips: जल्द धनवान बनना है तो धारण करें पुखराज
Astrology Tips: आज की भागमभाग जिंदगी में हर व्यक्ति शांति और जल्द धनवान बनने की चाह रखता है। लेकिन कुछ गलतियों के कारण वह उस मुकाम तक नहीं पहुंच पाता जो वह काफी दिनों से सोचता आ रहा है ।
Astrology Tips: आज की भागमभाग जिंदगी में हर व्यक्ति शांति और जल्द धनवान बनने की चाह रखता है। लेकिन कुछ गलतियों के कारण वह उस मुकाम तक नहीं पहुंच पाता जो वह काफी दिनों से सोचता आ रहा है । हालांकि ज्योतिष के नियमों का अगर पालन किया जाए तो वह सबकुछ संभव होगा जो वह चाहता है।
राशि के अनुसार ही धारण करें
ज्योतिष के अनुसार पुखराज गुरु बृहस्पति का रत्न है। यह पीले रंग का रत्न है। पुखरात को पुरूष दाएं हाथ की तर्जनी उंगली में और महिलाएं दाएं व बाएं दोनों हाथों की तर्जनी उंगली में धारण कर सकती है। इसे सोने, पंच धातु या अष्ट धातु के साथ ही पहनना चाहिए। ज्योतिष की मानें तो नवरत्न हमारे जीवन पर सबसे ज्यादा प्रभाव डालते हैं। रत्नों को यदि राशियों के हिसाब से धारण किया जाए, तो इसका सकारात्मक परिणाम मिलते हैं। वहीं अगर इन्हें गलत राशियों के जातकों द्वारा पहना जाता है तो इससे परिणाम गलत मिलने शुरू हो जाते हैं।
समस्याओं से छुटकारा मिलता है
पुखराज, धन-संपत्ति, शिक्षा, करियर, दांपत्य जीवन के लिए लाभकारी सिद्ध होता है। पुखराज बृहस्पति ग्रह का रत्न है इसलिए इस रत्न को धारण करने से घर में धन संपत्ति की कभी को कमी नहीं होती है और बृहस्पति के कारण विवाह में आने वाली समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है।
पुखराज धारण करने से काफी उन्नति मिलती है
मेष, वृषभ, सिंह, धनु और मीन राशि के लोगों को पुखराज पहनना चाहिए, उनके लिए यह लाभदायक होता है। जिन राशियों के लिए पुखराज शुभ होता है, वे काफी उन्नति करते हैं।
किन लोगों को नहीं करना चाहिए धारण
ज्योतिष के अनुसार, वृष, मिथुन, कन्या, तुला, मकर और कुंभ राशि वाले लोगों को पुखराज रत्न धारण नहीं करना चाहिए वरना लाभ की जगह वह काफी नुकसानदायक हो जाता है। वहीं, किसी जातक की कुंडली में गुरु ग्रह नीच स्थिति में हो, तो वह भी पुखरात धारण न करे। वरना फलस्वरूप दांपत्य जीवन में समस्याएं, धन हानि, अपयश, शिक्षा में संकट आदि झेलना पड़ सकता है।
ॐ बृं बृहस्पतये नम: मंत्र का जाप करें
इसे धारण करने से पहले सुबह शुभ मुहूर्त में देव गुरु बृहस्पति की पूजा अर्चना विधिपूर्वक करें। इसके बाद ॐ बृं बृहस्पतये नम: मंत्र का जाप करें। उसके बाद पुखराज को अपने हाथ की तर्जनी अंगुली में पहनें। पुखराज इस तरह हो कि उसका एक हिस्सा आपकी अंगुली को टच कर रहा हो। पुखराज को हमेशा सोने की अंगूठी में ही धारण करना चाहिए, तभी इसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा।। इसलिए बृहस्पतिवार के दिन ही आपको पुखराज पहनना चाहिए। जब भी आप पुखराज पहनें, उसे गंगाजल और दूध से धोकर पवित्र कर लें।
नोट: अमल करने से पहले ज्योतिष शास्त्र विशेषज्ञ से संपर्क करें ।