Astrology Tips: उत्तर दिशा की ओर सिर करके नहीं सोना चाहिए, होता है यह नुकसान

Astrology Tips: हम जब भी शयन करें तो इस बात का विशेष ध्यान दें कि हमारा सिर उत्तर दिशा की ओर न हो। क्योंकि उत्तर दिशा में चुम्बकत्व होता है जो हमारे शरीर को खींचता है। इससे कई बीमारियां सामने आने लगती हैं।

Astrology Tips: उज्जवल प्रदेश डेस्क. हम जब भी शयन करें तो इस बात का विशेष ध्यान दें कि हमारा सिर उत्तर दिशा की ओर न हो। क्योंकि उत्तर दिशा में चुम्बकत्व होता है जो हमारे शरीर को खींचता है। इससे कई बीमारियां सामने आने लगती हैं। वहीं वास्तु की मानें तो हमारा सिर हमारे शरीर के उत्तरी ध्रुव की तरह काम करता है इसलिए, उत्तर दिशा की ओर सिर करके सोने से तनाव पैदा होता है जो समय के साथ सिरदर्द व कई प्रकार की बीमारियां पैदा होने लगती हैं।

घर में खुशहाली बनी रहती है

आदमी के जीवन में वास्तु शास्त्र का अपना अलग महत्व है। क्योंकि इसमें आदमी के जागने से लेकर उसके सोने तक की दिनचर्या शामिल रहती है। वास्तु की मानें तो आदमी वास्तु के नियमों के अनुसार अपनी दिनचर्या का अगर पालन करे, तो वह जीवन के हर क्षेत्र में सफल रहेगा. इसके साथ ही घर में खुशहाली बनी रहती है और परिवार में समृद्धि रहेगी.

वैज्ञानिक कारण भी है

वास्तु के साथ साथ वैज्ञानिक कारण भी है कि आदमी को उत्तर दिशा की तरफ सिर करके नहीं सोना चाहिए। यह भी बताया गया है कि व्यक्ति को सोते समय उत्तर की दिशा में सिर या पैर करके नहीं सोना चाहिए, वरना परेशानी हो सकती है. उत्तर दिशा की ओर सिर करके क्यों नहीं सोना चाहिए?

दक्षिण दिशा में नेगेटिव चुम्बकीय क्षेत्र होता है

विज्ञान कहता है कि शरीर जब क्षैतिज अवस्था में होती है तो पल्स के रेट गिरने लगते हैं। यह व्यवस्था खुद शरीर की ही होती है, क्योंकि शरीर यदि ऐसा न करे तो रक्त समान स्तर पर पम्प होता रहेगा। अगर हम ज्योतिष की मानें तो पृथ्वी में उत्तर दिशा की ओर पॉजिटिव चुम्बकीय क्षेत्र और दक्षिण दिशा में नेगेटिव चुम्बकीय क्षेत्र होता है।

चुंबकीय खिंचाव से आपके मस्तिष्क पर दबाव

जब आदमी उत्तर दिशा की तरफ सिर करके सोता है और वह कम से कम 5 से लकर 6 घंटे उस तरह से रहता है, तो ऐसे में पृथ्वी के चुंबकीय खिंचाव से उसके मस्तिष्क पर दबाव बनता है, क्योंकि चुम्बकत्व के नियमनुसार, असमान चुम्बकीय क्षेत्र (निगेटिव और पॉजिटिव) आपस में आकर्षित होते हैं जबकि समान चुम्बकीय क्षेत्र (निगेटिव –निगेटिव या पॉजिटिव- पॉजिटिव) एक दूसरे से प्रतिकर्षित होते हैं.

नोट: हम इन सभी बातों की पुष्टि नहीं करते। अमल करने से पहले संबंधित विषय विशेषज्ञ से संपर्क करें।

Deepak Vishwakarma

दीपक विश्वकर्मा एक अनुभवी समाचार संपादक और लेखक हैं, जिनके पास 13 वर्षों का गहरा अनुभव है। उन्होंने पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं में कार्य किया है, जिसमें समाचार लेखन, संपादन और कंटेंट निर्माण प्रमुख हैं। दीपक ने कई प्रमुख मीडिया संस्थानों में काम करते हुए संपादकीय टीमों का नेतृत्व किया और सटीक, निष्पक्ष, और प्रभावशाली खबरें तैयार कीं। वे अपनी लेखनी में समाजिक मुद्दों, राजनीति, और संस्कृति पर गहरी समझ और दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं। दीपक का उद्देश्य हमेशा गुणवत्तापूर्ण और प्रामाणिक सामग्री का निर्माण करना रहा है, जिससे लोग सच्ची और सूचनात्मक खबरें प्राप्त कर सकें। वह हमेशा मीडिया की बदलती दुनिया में नई तकनीकों और ट्रेंड्स के साथ अपने काम को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत रहते हैं।

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