Big Breaking: बोरिंग किया तो होगी 2 साल की जेल, 30 जून तक प्रतिबन्ध

BOREWELL BORING BANNED | Big Breaking: मध्य प्रदेश के कई जिलों में 30 जून 2025 तक नहीं करा सकेंगे बोरिंग, प्रदेश सरकार ने जारी किया आदेश, प्रशासन को लेना पड़ा ये कड़ा फैसला?

BOREWELL BORING BANNED | Big Breaking: उज्जवल प्रदेश, भोपाल. अगर आप ट्यूबवेल के लिए बोरिंग कराने की तैयारी में हैं तो ये खबर आपके लिए हैं. जबरदस्त गर्मी और भूजल स्तर के गिरने के कारण भोपाल, इंदौर सहित प्रदेश के कई शहरों में ट्यूबवेल खनन यानी बोरिंग पर बैन लग गया है. इन शहरों में प्रशासन ने बोरिंग पर रोक लगा दी है. 30 जून तक कोई भी व्यक्ति या संस्थान ट्यूबवेल का खनन नहीं करा सकेगा.

बोरिंग पर सरकार ने लगाया बैन | BOREWELL BORING BANNED

बात करें मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की तो भोपाल कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने बोरिंग प्रतिबंधित करने के संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं. मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 व संशोधन अधिनियम 2002 की धारा 3 के तहत भोपाल जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र को जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया गया है.

बेरिंग कराने पर होगी 2 साल की जेल

भोपाल जिला कलेक्टर द्वारा जारी आदेश के मुताबिक अब नलकूप, बोरिंग मशीन लगाने के लिए अब अनुमति लेनी होगी. अनुविभागीय अधिकारी की अनुमति के बिना बोरिंग मशीन प्रदेश में न तो प्रवेश करेगी और न ही खनन करेगी. यदि बोरिंग मशीन अवैध रूप से जिले में प्रवेश करेगी और बोरिंग करते पकड़े जाती है तो इसमें सजा का प्रावधान किया गया है.

अवैध बोरिंग करने पर जुर्माना और जेल

अवैध रूप से बोरिंग करने या कराए जाने पर बोरिंग मशीन को जब्त किया जा सकेगा और पुलिस इस मामले में एफआईआर भी दर्ज कर सकेगी. अनुविभागीय अधिकारी यानी एसडीएम को किसी विशेष मामले में उचित जांच के बाद इसकी अनुमति देने का अधिकारी होगा. राज्य शासन के आदेश का उल्लंघन करने और बोरिंग करते पकड़े जाने पर अधिनियम की धारा-3 या धारा -4 के तहत दो हजार रुपए का जुर्माना और दो साल तक की सजा या फिर दोनों से दंडित करने का प्रावधान है.

सरकारी कार्यों की बोरिंग पर बैन नहीं

सरकारी कार्यों के लिए किए जाने वाली बोरिंग पर रोक नहीं रहेगी. पीएचई विभाग बोरिंग का काम कर सकेगा और इसके लिए उन्हें अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी. यानी पहले से चले आ रहे सरकारी बोरिंग के कार्य और आगे होने वाले कार्यों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.

क्यों लगाना पड़ा बोरिंग पर बैन?

दरअसल, खेती, निजी और व्यवसायिक कार्यों के लिए भूजल का अत्यधिक दोहन हो रहा है. इसकी वजह से भूजल का स्तर नीचे जा रहा है. इसे देखते हुए प्रशासन ने यह निर्णय लिया है. वहीं, यह भी निर्णय लिया गया है कि किसी क्षेत्र में पानी का संकट होने पर प्रशासन निजी बोरिंग का भी अधिग्रहण कर सकेगी और उसके जरिए पीने का पानी लोगों को उपलब्ध कराया जा सकेगा.

Sourabh Mathur

सौरभ माथुर एक अनुभवी न्यूज़ एडिटर हैं, जिनके पास 13 वर्षों का एडिटिंग अनुभव है। उन्होंने कई मीडिया हॉउस के संपादकीय टीमों के साथ काम किया है। सौरभ ने समाचार… More »

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