RBI Repo Rate Today: बढ़ा रेपो रेट, 4.90% हुआ, और बढ़ेगा EMI का बोझ
RBI Repo Rate Today खुदरा महंगाई अप्रैल माह में लगातार 7वें महीने में बढ़कर 8 साल के उच्च स्तर 7.79 फीसदी पर पहुंच गई।
मुंबई
RBI Repo Rate Today : भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank) आज अपनी नई मौद्रिक नीति (monetary policy) की घोषणा कर दी है। RBI Repo Rate में एक बार फिर बढ़ोतरी कर दी गई है। आरबीआई (RBI) ने 50 बेसिस पाइंट के बढ़ोतरी करते हुए रेपो रेट 4.90 फीसदी कर दी है। आरबीआआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने कहा है कि दुनियाभर में महंगाई बढ़ी है इसलिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को रेपो रेट बढ़ाना पड़ा है।
आपको बता दें कि भारतीय Reserve Bank की मौद्रिक नीति बैठक 6 जून को शुरू हुई थी और तीन दिन तक चली मैराथन बैठक के बाद आरबीआई ने आज अपने फैसलों के बारे में घोषणा की। रिजर्व बैंक के Repo Rate बढ़ाने के ऐलान के साथ ही शेयर बाजार में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है। Sensex में लगभग 500 अंक की गिरावट आई है।
पहले मई माह में RBI ने बढ़ाया था ब्याज (new monetary policy)
आपको बता दें कि मई माह में भी मौद्रिक नीति (monetary policy) की समीक्षा के बाद आरबीआई ने नीतिगत दरों में ब्याज बढ़ा दिया था, जिसके बाद सभी निजी और सरकारी बैंकों ने भी कर्ज की दरों में बढ़ोतरी की थी। RBI की मौद्रिक नीति समीक्षा में आधार दरों में बढ़ोतरी के संकेत हैं। interest rate : उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक रेपो दरों में 0.25 से 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है।
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RBI गवर्नर दे चुके हैं ब्याज दर बढ़ाने के संकेत
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das,RBI governor) पहले ही ये संभावना जता चुके हैं कि नीतिगत ब्याज दर बढ़ाई जा सकती है, लेकिन इसमें कितनी बढ़ोतरी होगी इसकी जानकारी आज मिल सकती है। RBI पिछले महीने बिना शेड्यूल के हुई मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में RBI Repo Rate Today में 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। 4 मई को मौद्रिक नीति की बैठक के बाद RBI ने अचानक रेपो दर को 40 आधार अंकों से बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत और नकद आरक्षित अनुपात को 50 आधार अंकों से 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.50 प्रतिशत कर दिया।
महंगाई पर काबू करना सबसे बड़ी चुनौती
गौरतलब है कि खुदरा महंगाई अप्रैल माह में लगातार 7वें महीने बढ़कर 8 साल के उच्च स्तर 7.79 फीसदी पर पहुंच गई। दरअसल यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण ईंधन सहित वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि है। थोक कीमतों पर आधारित महंगाई पिछले 13 महीने से दहाई अंक में बनी हुई है और अप्रैल में रिकॉर्ड ऊंचाई 15.08 फीसदी पर पहुंच गई।