रामचरित मानस की चौपाईयां अर्थ सहित पढ़ें रोज, आज चौबीसवां दिन

Ramcharit Manas: भक्तशिरोमणि पूज्यपाद गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित 'श्रीरामचरितमानस' चौपाई अर्थ सहित उज्जवल प्रदेश (ujjwalpradesh.com) आपके लिए लेकर आ रही हैं।

Ramcharit Manas: भक्तशिरोमणि पूज्यपाद गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित ‘श्रीरामचरितमानस’ की 8 चौपाई अर्थ सहित उज्जवल प्रदेश (ujjwalpradesh.com) आपके लिए लेकर आ रही हैं। हम आपके लिए रोजाना गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित ‘श्रीरामचरितमानस’ की 8 चौपाई लेकर आते रहेंगे। उज्जवल प्रदेश (ujjwalpradesh.com) एक नई पहल कर रही हैं जिसके माध्यम से आप सभी को संपूर्ण ‘श्रीरामचरितमानस’ पढ़ने का लाभ मिलें।

श्रीरामचरित मानस (Shri Ramcharit Manas) में जिनके पाठ से मनुष्य जीवन में आने वाली अनेक समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है। वैसे तो संपूर्ण रामायण का पाठ करने से हर तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति हो जाती है, आप चाहे तो हमारे साथ जुड़कर रोजाना पाठ करें और संपूर्ण रामायण का पुण्य फल भी कमाएं। आज हम आपके लिए लेकर आए हैं गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित ‘श्रीरामचरितमानस’ रामायण के प्रथम सोपान बालकांड के दोहा और चौपाई और भावार्थ

आज श्रीरामचरित मानस की 8 चौपाईयां | Today 8 Chaupais of Ramcharit Manas

दोहा
रामकथा मंदाकिनी चित्रकूट चित चारु।
तुलसी सुभग सनेह बन सिय रघुबीर बिहारु॥31॥

भावार्थ: इस प्रकार श्रीरामचन्द्रजी की कथा मन्दाकिनी (गंगा) के समान है, जो इस चित्रकूटरूपी सुन्दर चित्त में बहती है। तुलसीदासजी कहते हैं कि यह स्नेहरूपी वह वन है, जिसमें श्रीसीतारामचन्द्रजी के विहार का वर्णन है।।31।।

चौपाई
रामचरित चिंतामति चारू। संत सुमति तिय सुभग सिंगारू॥
जग मंगल गुनग्राम राम के। दानि मुकुति धन धरम धाम के॥1॥

भावार्थ: श्रीरामचन्द्रजी का चरित्र सुन्दर चिन्तामणि के समान है और वही सन्तजनों की सुन्दर बुद्धिरूपी स्त्री का सुन्दर श्रृंगार है। इस प्रकार श्रीरामचन्द्रजी का गुण-समूह संसार का कल्याण करनेवाला एवं मुक्ति, धन और धर्म को प्रदान करनेवाला है।

सदगुर ग्यान बिराग जोग के। बिबुध बैद भव भीम रोग के॥
जननि जनक सिय राम प्रेम के। बीज सकल ब्रत धरम नेम के॥2॥

भावार्थ: यह रामचरित ज्ञान, वैराग्य और योग का सद्‌गुरु है और यह संसार के भयंकर रोगों का नाश करने के लिए विबुध वैद्य अर्थात् देवताओं के वैद्य अश्विनीकुमार के समान है। यह राम-चरित श्रीसीतारामजी के प्रेम के लिए माता-पिता के समान है और समस्त व्रत, धर्म और नियमों का बीज-स्वरूप है।

समन पाप संताप सोक के। प्रिय पालक परलोक लोक के॥
सचिव सुभट भूपति बिचार के। कुंभज लोभ उदधि अपार के॥3॥

भावार्थ: यह समस्त शोक और पाप-सन्तापों का नाश करनेवाला और लोक-परलोक दोनों ही का प्रिय पालक है। विचाररूपी राजा का शूरवीर मन्त्री है और लोभरूपी अपार समुद्र को सोखने के लिए कुम्भज ऋषि के समान है।

काम कोह कलिमल करिगन के। केहरि सावक जन मन बन के॥
अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के। कामद घन दारिद दवारि के॥4॥

भावार्थ: यह काम, क्रोध और कलियुग के पापरूपी हाथियों के यूथ को नाश करने के लिए सिंह के बच्चे के समान है। यह भगवान् शंकरजी को अतिथि के समान प्रिय और पूजा करने योग्य और यह दरिद्रतारूपी वन की अग्नि को नष्ट करने के लिए जलदाता मेघ के समान है।

मंत्र महामनि बिषय ब्याल के। मेटत कठिन कुअंक भाल के॥
हरन मोह तम दिनकर कर से। सेवक सालि पाल जलधर से॥5॥

भावार्थ: यह राम-कथा मनुष्यों के विषयरूपी सर्प-विष को मिटाने के लिए महामणिरूपी वह अमोघ मंत्र है, जो विधि के लिखे हुए महादारुण खोटे अङ्कों को भी मिटा देती है। इससे मोहरूप अन्धकार का वैसे ही नाश हो जाता है, जैसे सूर्य की किरणों से रात्रि का अन्धकार दूर हो जाता है, अतः यह सेवकरूपी धान की खेती का पालन करने के लिए मेघ के समान है।

अभिमत दानि देवतरु बर से। सेवत सुलभ सुखद हरि हर से॥
सुकबि सरद नभ मन उडगन से। रामभगत जन जीवन धन से॥6॥

भावार्थ: यह इच्छित वस्तु को देने के लिए कल्पवृक्ष के समान दानी, और सेवा करने से अर्थात् कहने- सुनने और विचार से विष्णु और शिवजी के समान सुख देनेवाली है। यह श्रेष्ठ कवियों के हृदयरूपी गगन-मण्डल में तारागण के समान और रामभक्तों के लिए तो मानों उनका जीवन-धन ही है।

सकल सुकृत फल भूरि भोग से। जग हित निरुपधि साधु लोग से॥
सेवक मन मानस मराल से। पावन गंग तरंग माल से॥7॥

भावार्थ: यह समस्त पुण्यरूपी यज्ञादिक फलों के अमित भोग के समान है और संसार का कल्याण करने में निष्कलंक साधुजनों के समान है। सेवकों (भक्तजनों) के मनरूपी मानसरोवर में हंस के समान और पवित्र करने के लिए श्रीगङ्गाजी की लहरों के समान है।

Deepak Vishwakarma

दीपक विश्वकर्मा एक अनुभवी समाचार संपादक और लेखक हैं, जिनके पास 13 वर्षों का गहरा अनुभव है। उन्होंने पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं में कार्य किया है, जिसमें समाचार लेखन, संपादन और कंटेंट निर्माण प्रमुख हैं। दीपक ने कई प्रमुख मीडिया संस्थानों में काम करते हुए संपादकीय टीमों का नेतृत्व किया और सटीक, निष्पक्ष, और प्रभावशाली खबरें तैयार कीं। वे अपनी लेखनी में समाजिक मुद्दों, राजनीति, और संस्कृति पर गहरी समझ और दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं। दीपक का उद्देश्य हमेशा गुणवत्तापूर्ण और प्रामाणिक सामग्री का निर्माण करना रहा है, जिससे लोग सच्ची और सूचनात्मक खबरें प्राप्त कर सकें। वह हमेशा मीडिया की बदलती दुनिया में नई तकनीकों और ट्रेंड्स के साथ अपने काम को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत रहते हैं।

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