फिल्म डायरेक्टर राकेश सिन्हा का उपन्यास ‘मिर्जापुर का शंभू’
फिल्म डायरेक्टर राकेश सिन्हा का पहला उपन्यास आया है। उपन्यास का नाम है मिर्जापुर का शंभू। किताब को रेडग्राब पब्लिकेशन ने छापा है। सिन्हा ने अपनी लेखनी से कहानी को इस तरह गढ़ा है कि उपन्यास को पढऩे के दौरान पाठक आसानी से अपने आप को कनेक्ट कर पाते हैं।
- शुरू से अंत तक पाठकों को बांधे रखती है शंभू की कहानी
मुंबई/भोपाल. फिल्म डायरेक्टर राकेश सिन्हा का पहला उपन्यास आया है। उपन्यास का नाम है मिर्जापुर का शंभू। किताब को रेडग्राब पब्लिकेशन ने छापा है। सिन्हा ने अपनी लेखनी से कहानी को इस तरह गढ़ा है कि उपन्यास को पढऩे के दौरान पाठक आसानी से अपने आप को कनेक्ट कर पाते हैं। जब आप किताब को पढ़ेंगे तो ऐसा लगेगा कि आप किताब पढऩे की बजाए किसी फिल्म को देख रहे हैं। इसका कारण है सिन्हा का डायरेक्टर और राइटर होना।
कहानी में ऐसे कई मोड़ आते हैं, जहां डायरेक्टर और राइटर की क्रिएटिविटी की जुंगलबंदी आपके रोंगटे खड़े कर देगी। किताबों के शौकीन लोग इसे अमेजन से भी ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं। साथ ही किताब पुस्तक मेलों में भी उपलब्ध है, जहां से इसे आप आसानी से खरीद सकते हैं।
किताब की कहानी कुछ इस तरह है…
शंभू ने अपने गुस्से को सही दिशा दी, काफी उतार-चढ़ाव देखा और कई बार हंसी का पात्र भी बना। लेकिन यकीन मानिए, एंजिला से लगाव, मोटी कायावाली छाया से शादी, रात-दिन गुण्डों की निगरानी में रहना और साड़ी में छिपे एक व्यवसायी के लिए किसी मल्टीनेशनल कम्पनी का ब्राण्ड एम्बेस्डर बनते हुए देश के नामचीन व्यक्ति तक का सफर पूरा करना इतना आसान भी नहीं था। शंभू में इसके अलावा भी कुछ खासियतें थीं, जिसके कारण वह सिर्फ नामचीन होकर संतुष्ट नहीं हुआ। सबकुछ पा लेने के बाद किसी विशेष कारण से क्षणभर में सारी सुख-सुविधाओं का त्याग कर देना भी किसी बिरले व्यक्ति से ही संभव है।
कौन है राइटर राकेश सिन्हा?
चेन्नई से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद सिन्हा ने कई क्षेत्रीय भाषाओं के धारावाहिकों के साथ-साथ दूरदर्शन के भी कई बड़े हिन्दी धारावाहिकों का लेखन-निर्देशन एवं निर्माण किया है। सिन्हा ने भारत में ही नहीं, बल्कि श्रीलंका, सिंगापुर और मलेशिया के प्रतिष्ठित चैनलों में भी अहम पदों पर रहते हुए कई धारावाहिकों का निर्देशन कर टीवी एन्टरटेनमेंट इंडस्ट्री में अपने काम का लोहा मनवाया है। मायलापुर फिल्म अकेडमी, चेन्नई की ओर से धारावाहिक ‘रुद्रवीणा’ को ना केवल सर्वश्रेष्ठ धारावाहिक का सम्मान मिला है, बल्कि कई प्रतिष्ठित मंचों से इन्हें बेस्ट डायरेक्टर का सम्मान हासिल हो चुका है। इनकी लिखी कई कहानियों पर वेबसीरीज, धारावाहिक एवं फिल्में निर्माणाधीन है।