Health Tips: स्ट्रेस के दौरान ही एक्टिव होता है ‘फाइट और फ्लाइट’ रिस्पॉन्स
Health Tips: हमारी लाइफ में खाने-पीने और पहनने के साथ स्ट्रेस भी सामान्य हो गया है। स्ट्रेस हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकता है। हमें इससे बचना चाहिए। हालांकि, थोड़ी सी चिंता करना या स्ट्रेस होना कभी-कभी फायदेमंद भी हो सकता है।
Health Tips: आजकल खराब लाइफस्टाइल और भागदौड़ भरी जिंदगी की वजह से बड़ी संख्या में लोग स्ट्रेस में जी रहे हैं। हमारी लाइफ में खाने-पीने और पहनने के साथ स्ट्रेस भी सामान्य हो गया है। स्ट्रेस हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकता है। हमें इससे बचना चाहिए। हालांकि, थोड़ी सी चिंता करना या स्ट्रेस होना कभी-कभी फायदेमंद भी हो सकता है।
यूनिवर्सिटी ऑफ अलाबामा के साइकेट्री डिपार्टमेंट के रिसर्च वॉइस चेयरमैन रिचर्ड शेल्टन कहते हैं कि शरीर का ‘फाइट और फ्लाइट’ रिस्पॉन्स स्ट्रेस के दौरान ही एक्टिव होता है। यह स्ट्रेस हमारी सुरक्षा के लिए होता है और हमें नुकसान नहीं पहुंचाता है। तनाव के दौरान एल्ड्रेनलिन हॉर्मोन पैदा होता है।
यू-स्ट्रेस भी कहा जाता है गुड स्ट्रेस को | Good Stress Called U-Stress
गुड स्ट्रेस को यू-स्ट्रेस भी कहा जाता है। यह ऐसा स्ट्रेस है, जो पॉजिटिव रिएक्शन पैदा करता है। यह स्ट्रेस हमें किसी मुश्किल और खुशी देने वाले काम को करने के लिए प्रेरित करता है। अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन के अनुसार, गुड स्ट्रेस किसी रोमांचक काम या नई चुनौती का सामना करने पर पैदा होता है। जैसे, रिटायरमेंट की योजना बनाना, नई जॉब पोजीशन के लिए तैयारी करना या किसी स्पोर्ट्स मैच में हिस्सा लेना।
नए खिलाड़ी व ड्राइवल को होता है गुड स्ट्रेस
जब हम कुछ नया और रोमांचक करने जा रहे होते हैं, तो भी हम स्ट्रेस फील करते हैं। इसे ही गुड स्ट्रेस कहा जाता है। इस दौरान उत्साह के साथ ही हम एंग्जाइटी भी महसूस करते हैं। जैसे ड्राइविंग सीखने के दौरान हम स्ट्रेस फील कर सकते हैं। कोई नया खिलाड़ी अपने डेब्यू से पहले और मैच के दौरान गुड स्ट्रेस फील कर सकता है।
मुश्किल हालात का सामना करने की ताकत देता है गुड स्ट्रेस
आमतौर पर थोड़े समय तक थोड़ा-सा स्ट्रेस हमें मुश्किल हालात का सामना करने की ताकत दे सकता है। तनाव हमारे फिजिकल और मेंटल हेल्थ पर कैसे पॉजिटिव असर डाल सकता है। हल्का तनाव ब्रेन के भीतर न्यूरोट्रॉफिन्स नामक केमिकल्स का उत्पादन करता है। यह ब्रेन के न्यूरॉन्स के बीच कनेक्शन को मजबूत करता है। 2017 में एउछक जर्नल (एक्सपेरीमेंटल एंड क्लिनिकल साइंसेज) में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार, स्ट्रेस कुछ विशेष परिस्थितियों जैसे कि परीक्षा देने से पहले, किसी गेम में हिस्सा लेने से पहले याददाश्त को बेहतर बना सकता है।
गुड स्ट्रेस बढ़ाता इम्यूनिटी भी
स्ट्रेस का अनुभव होने पर शरीर खुद को इंजरी या इंफेक्शन से बचाने के लिए तैयार हो जाता है। डॉ. शेल्टन के अनुसार, स्ट्रेस के दौरान इम्यून सिस्टम बचाव की तैयारी करता है। शरीर में इंटरल्यूकिन्स (रोग प्रतिरोधक प्रणाली को नियंत्रित करने वाले केमिकल) का अतिरिक्त उत्पादन होने लगता है। फ्रंटियर्स इन न्यूरो एंडोक्रेनोलॉजी (2018) की एक रिसर्च में यह बात सामने आई कि स्ट्रेस शरीर को चोट लगने पर इम्यूनिटी के जरिए सुरक्षा दे सकता है।
परिस्थितियों का सामना करना आसान हो सकता है स्ट्रेस से
तनावपूर्ण परिस्थितियों से निपटने की क्षमता बढ़ने से भविष्य में इन परिस्थितियों का सामना करना आसान हो सकता है। जब हम स्ट्रेसफुल घटनाओं से दो-चार होते हैं तो ऐसी परिस्थितियों में खुद को कंट्रोल करना सीख जाते हैं। ऐसे में मुश्किल परिस्थितियों में खुद को संभालना पहले की तुलना में आसान हो सकता है।
शरीर की उत्पादकता बढ़ाने में सहायक
हमें लगता है कि तनाव की वजह से हम पर थकान हावी हो सकती है। जबकि स्ट्रेस कभी-कभी हमें काम को जल्दी और बेहतर करने के लिए प्रेरित कर सकता है। जब कोई डेडलाइन हमारे सामने होती है तो तनाव हमें लक्ष्य को समय पर, बेहतर तरीके से और तेजी से पूरा करने में मदद करता है।
तमाम बीमारियों का कारण बन जाता है लंबे वक्त का स्ट्रेस
लंबे समय तक बढ़ा हुआ तनाव एंग्जाइटी, डिप्रेशन, दिल की बीमारियों और अन्य शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकता है। इसलिए, स्ट्रेस को मैनेज करना और सही तरीके से हैंडल करना जरूरी है। तनाव को नियंत्रित करने के लिए व्यायाम, मेडिटेशन, डीप ब्रीदिंग, टाइम मैनेजमेंट और हेल्दी डाइट जैसी आदतें अपनाई जा सकती हैं। साथ ही, जब तनाव ज्यादा बढ़ जाए और हमें इसे संभालने में कठिनाई हो, तो मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट की मदद लेनी चाहिए। सही गाइडेंस से हम अपने जीवन में तनाव को संतुलित कर सकते हैं और खुशहाल जीवन जी सकते हैं।
मेंटल और फिजिकल हेल्थ पर पड़ सकता है नेगेटिव इंपैक्ट
जब तनाव लंबे समय तक बना रहता है तो यह नुकसान पहुंचाता है। इससे हमारी मेंटल और फिजिकल हेल्थ पर नेगेटिव इंपैक्ट पड़ सकता है। तनाव की वजह से हमें थकान और फिजिकल प्रॉब्लम्स हो सकती हैं। स्ट्रेस को पॉजिटिव रूप में लेना और उसे चुनौती के रूप में देखना, न केवल हमें मानसिक रूप से मजबूत बनाता है, बल्कि जीवन में संतुलन बनाए रखने और खुश रहने में मदद करता है। जब हम तनाव को अपनी ताकत के रूप में इस्तेमाल करना सीख लेते हैं, तो यह बैड इमोशन पॉजिटिव रिजल्ट देने लगता है। हालांकि, जब तनाव बढ़ता है और हम इसे कंट्रोल नहीं कर पाते हैं, तो यह हमारी मेंटल और फिजिकल हेल्थ पर नेगेटिव प्रभाव डाल सकता है।