SEBI Order: सेबी के आदेश को चुनौती देने की तैयारी में हैं किर्लोस्कर ग्रुप की चार कंपनियां
SEBI Order: किर्लोस्कर ग्रुप की 4 कंपनियां SEBI के उस पत्र को कानूनी रूप से चुनौती देने की तैयारी कर रही हैं जिसमें उनसे 11 सितंबर 2009 को किर्लोस्कर परिवार के सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित पारिवारिक समझौता दस्तावेज का खुलासा करने के लिए कहा गया है।
SEBI Order: उज्जवल प्रदेश डेस्क, मुंबई. देश के प्रतिष्ठित औद्योगिक घरानों में से एक किर्लोस्कर ग्रुप (Kirloskar Group) की चार कंपनियां शेयर बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के उस पत्र को कानूनी रूप से चुनौती देने की तैयारी कर रही हैं जिसमें उनसे 11 सितंबर 2009 को किर्लोस्कर परिवार (Kirloskar Group) के सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित पारिवारिक समझौता दस्तावेज का खुलासा करने के लिए कहा गया है।
करीब 130 साल पुराने किर्लोस्कर समूह (Kirloskar Group) की चार कंपनियों- किर्लोस्कर फेरस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, किर्लोस्कर इंडस्ट्रीज लिमिटेड, किर्लोस्कर न्यूमेटिक कंपनी लिमिटेड और किर्लोस्कर ऑयल इंजन लिमिटेड ने शेयर बाजार को अलग-अलग भेजी गई सूचनाओं में सेबी के आदेश को चुनौती देने की अपनी योजना की जानकारी दी।
किर्लोस्कर ग्रुप (Kirloskar Group) की इन चारों कंपनियों ने कहा कि वे पारिवारिक समझौता दस्तावेज (डीएफएस) से बाध्य नहीं हैं और न ही इसका उन पर कोई प्रभाव पड़ता है या उन पर कोई प्रतिबंध या जवाबदेही बनती है। कंपनियों के मुताबिक, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 30 दिसंबर, 2024 को लिखे पत्र में उन्हें सलाह दी है कि वे सेबी सूचीबद्धता दायित्वों और खुलासा शर्तों के नियम के तहत किर्लोस्कर परिवार के सदस्यों के बीच उनकी व्यक्तिगत क्षमता में किए गए पारिवारिक समझौते की जानकारी दें।
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कंपनियों का दावा है कि डीएफएस (DFS) के बाध्यकारी होने का मामला 2018 से ही दीवानी अदालत में विचाराधीन है। उन्होंने कहा, इसके बावजूद सेबी ने उन मामलों पर राय दी है जो विचाराधीन है। सेबी के फैसले में तथ्यात्मक अशुद्धियां होने के साथ अनुबंध कानून, कॉरपोरेट कानून और कंपनी कानून के स्थापित सिद्धांतों की पूरी तरह अनदेखी भी की गई है। कंपनियों ने डीएफएस को बाध्यकारी न मानते हुए कहा कि इस द्स्तावेज का उन पर अलग से कोई प्रभाव नहीं है या न ही कोई प्रतिबंध या देयता है।
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किर्लोस्कर समूह (Kirloskar Group) की परिसंपत्तियों पर नियंत्रण को लेकर किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक संजय किर्लोस्कर और अतुल किर्लोस्कर एवं राहुल किर्लोस्कर के बीच डीएफएस को लेकर 2016 से ही विवाद चल रहा है। राहुल किर्लोस्कर, किर्लोस्कर न्यूमेटिक कंपनी लिमिटेड (KPCL) के कार्यकारी चेयरमैन हैं जबकि अतुल किर्लोस्कर, किर्लोस्कर ऑयल इंजन लिमिटेड (KOEL) के कार्यकारी चेयरमैन हैं।
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