Sleep Talking: क्या आप भी नींद में बड़बड़ाते है, जानें कारण और इलाज
Sleep Talking: नींद में कुछ लोग बड़बड़ाने लगते हैं जिससे ना सिर्फ उनकी नींद टूट जाती है बल्कि कमरे में मौजूद दूसरे लोग भी परेशान हो जाते हैं। नींद में बड़बड़ाना कोई बीमारी नही है लेकिन ये इससे पता चलता है कि आपकी सेहत कुछ गड़बड़ है।
Sleep Talking: नींद में कुछ लोग बड़बड़ाने लगते हैं जिससे ना सिर्फ उनकी नींद टूट जाती है बल्कि कमरे में मौजूद दूसरे लोग भी परेशान हो जाते हैं। नींद में बड़बड़ाना कोई बीमारी नही है लेकिन ये इससे पता चलता है कि आपकी सेहत कुछ गड़बड़ है। आइए हम आपको बताते हैं कि इसके कारण और इलाज।
क्यों बड़बड़ाते हैं नींद में लोग?
नींद में बोलने को बड़बड़ा कहते हैं क्योंकि जब आप बड़बड़ाते हैं तो आपके वाक्य आधे-अधूरे और अस्पष्ट होते हैं। ये एक प्रकार का पैरासोमनिया है जिसका मतलब होता है सोते समय अस्वाभाविक व्यवहार का करना। लेकिन इसे बीमारी नहीं माना जाता। रात में बड़बड़ाते हुए आप कभी-कभी खुद से ही बात करने लगते हैं जो जाहिर है सुनने वाले को अजीब या भद्दा लग सकता है। नींद में बड़बड़ाने वाले एक समय में 30 सेकेंड से ज्यादा नहीं बोलते है।
कौन बड़बड़ाते हैं नींद में?
3 से 10 साल के करीब आधे से ज्यादा बच्चें अपनी नींद में बडबड़ा कर अपनी बात पूरी करते हैं। इसी तरह 5 फीसद बड़े में नींद में बड़बड़ाते हैं। कई बार ऐसा भी होता है कि ऐसे लोग जो बात करते करते सो जाते है, उसी बात को वे नींद में बडबड़ाकर पूरा करते हैं। ऐसा कभी-कभी होता है या कई बार हर रात भी हो सकता है। 2004 के अध्ययन के अनुसार हर 10 में से 1 बच्चा सप्ताह में कई बार नींद में बड़बड़ाता है। ये समस्या लड़कियों और लड़कों में समान होती है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा अनुवाशिंक भी हो सकता है।
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नींद में बड़बड़ाने के लक्षण | Symptoms of Mumbling in Sleep
नींद के चार दौर होते हैं। पहले में नींद लगभग आने की स्थिति होती है। इस स्थिति में कोई भी व्यंक्ति 5 से 10 मिनट तक रहता है और इसके बाद वह नींद के अगले दौर में चला जाता है। दूसरे दौर में व्य्क्ति कम से कम 20 मिनट तक रहता है। इस दौर में दिमाग काफी सक्रिय होता है। तीसरे दौर में व्यबक्ति गहरी नींद में चला जाता है। इस दौरान दिमाग ज्यादा काम नहीं करता है और शरीर आराम की स्थिति में रहता है। इस दौर में आसपास होने वाले शोर शराबे आदि का सोने वाले व्येक्ति पर कोई असर नहीं होता।
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नींद में बड़बड़ाने के कारण | Reasons for Mumbling in Sleep
बुरे या डरावने सपने भी नींद में बड़बड़ाने का कारण होत हैं। कई बार हम जिस बारें में सोच रहे होते है वहीं चीजे हमारे सपनों में आने लगती है। हालांकि डॉक्टर्स इस बात की पुष्टि नहीं करते है। नींद में बड़बड़ाना से कोई नुकसान तो नही होता लेकिन नींदमें बड़बड़ाना विकार या स्वास्थ्य संबंधी बीमारी के ओर संकेत करता है।
REM स्लीप डिसआर्डर | REM Sleep Disorder
सोते हुए चीखने-चिल्लाने या हाथ-पैर चलाने की आदत डिमेंशिया (निद्रारोग) अथवा पार्किंसन जैसी बीमारियों के लक्षण होते हैं। इस बीमारी को आरईएम स्लीप बिहैवियर डिसआर्डर कहा जाता है। आरईएम नींद वो नींद है जिस दौरान इंसान सपने देखता है। इस बात के कई सबूत हैं कि आरईएम नींद की ताजा यादों को प्रोसेस करने में भूमिका होती है। ऐसे लोग नींद में चीखने-चिल्लाने अथवा हाथ-पैर चलाने की जो हरकत करते हैं वह दरअसल उनकी नींद की गतिविधियां होती हैं। आरईएम के अलावा, दवाओं का रिएक्शन, तनाव, मानसिक स्वास्थ्य समस्या से भी लोग नींद में बड़बड़ाने लगते हैं।
क्या है बड़बड़ाने का इलाज | What is the Treatment for Stuttering?
सामान्य तौर पर कोई इलाज जरूरी है। अगर आपको आरईएम या नींद में बहुत ज्यादा बात करने की समस्या हो तो आप किसी साइकोथैरेपिस्ट से मिल सकते है। नींद में बात करने का कारण नींद विकार, दुर्बल चिंता या तनाव हो सकता है। कुछ उपायों से नींद में बड़बड़ाने की संभावना को कम किया जा सकता है। अगर आप किसी के साथ अपना कमरा शेयर करते है तो उसे बोलें कि वो आपको बड़बड़ाने पर जगा दे इससे आप ठीक ढंग से सो सकेंगे।
कैसे पाएं निजात | How to Get Relief
- लें पर्याप्त नींद- थकान की वजह से लोग रात में बड़बडाने लगते हैं। इससे बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में आराम बेहद जरूरी है। इसके लिए पूरी नींद लें और हो सके तो दिन मे भी सेने की आदत डालें। लेकिन दिन के समय आधे घंटे से ज्यादा न सोएं।
- चाय कॉफी कम करें- नींद में बोलने की समस्या से बचने के लिए रात को कैफीन वाली चीजों जैसे चाय-कॉफी के सेवन से परहेज करें। इन्हें पीने से नींद प्रभावित होती है और आप थका-हारा महसूस करते हैं।
- तनाव- बहुत ज्यादा तनाव की वजह से भी नींद में बोलने की समस्या बढ़ती है। ऐसे में अगर आप बहुत ज्यादा तनाव महसूस कर रहे हैं तो कुछ दिनों के लिए अपने काम से आराम लें और कहीं ऐसी जगह पर घूमने के लिए जाएं जहां आप तरोताजा महसूस कर सकें। इसके अलावा आप किताबें पढ़े, गाने सुनें, व्यायाम करें।
- शराब ना पीएं- अगर आप शराब के आदी हैं तो इससे परहेज करें। ज्यादातर लोग रात के समय भी शराब पीते हैं और बड़बडाने लगते हैं। इस समस्या से निजात पाने के लिए आपको शराब छोड़ देनी चाहिए और अगर आप शराब एक बार में नहीं छोड़ पा रहे हैं तो इसे धीरे-धीरे पीना कम कर दें।
- मेडिटेशन- नींद में बड़बडाने की आदत से निजात पाने के लिए तनाव मुक्त रहना आवश्यक है। इसके लिए ऑफस के तनाव को ऑफिस में ही छोड़कर आएं और मेडिटेशन जरूर करें। आप चाहें तो हल्का संगीत सुन सकते हैं या कोई ऐसा काम कर सकते हैं जिसे करने के बाद आपको खुशी महसूस होती हो।
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