Gwalior News: पन्ना के बाद चंबल की धरती भी उगलेगी हीरा ? ग्वालियर-शिवपुरी में बन रही है संभावना
Gwalior News: मध्य प्रदेश में पन्ना जिले की धरती से 'हीरा' निकलता है जो पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है, अब पन्ना के बाद चंबल की धरती भी हीरा उगल सकती है.
Gwalior News: उज्जवल प्रदेश, ग्वालियर. मध्य प्रदेश में पन्ना जिले की धरती से ‘हीरा’ निकलता है जो पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है, अब पन्ना के बाद चंबल की धरती भी हीरा उगल सकती है. क्योंकि यहां भी हीरा मिलने की संभावना जताई गई है. जियोलॉजी विभाग के सर्वे में ग्वालियर-शिवपुरी जिले के 421 वर्ग किलोमीटर एरिया में हीरा मिलने की संभवना हैं, अगर ऐसा होता है तो यह ग्वालियर चंबल अंचल के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी.
चंबल की मिट्टी अब हीरा उगलेगीं…जी हां, आपने सही सुना है। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने ग्वालियर ओर शिवपुरी जिले के राजस्व, वन और आरक्षित वन भूमि की जानकारी मांगी है। जिसके बाद लगभग 35 लोकेशन के टेंडर होंगे। फिर उसकी नीलामी होगी। दरअसल, पन्ना में हीरा पाया जाता है।
यह विंध्य ग्रुप का हिस्सा है। ग्वालियर भी विंध्य ग्रुप के तहत आता है। मिट्टी और पहाड़ों की एक जैसी स्थिति को देखते हुए जीएसआई ने सर्वे किया था। इसमें ग्वालियर और शिवपुरी में हीरा मिलने की संभावना नजर आई है।
जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के तहत इन गांव की पहाड़ियों पर हीरे संभावना है
- घाटीगांव ब्लॉक: करई, दुर्गसी, बन्हेरी, सेकरा, चुही, बराहना, पटपरी, उम्मेदगढ़, ओबरा, पाटई, मानपुरा, कलवाह, सेमरी, चनगोरा, डागोर, तघई, बडक़ागांव, मोहना, आदि गांव में खनन किया जाएगा
- भितरवार ब्लॉक: भितरी, गधोटा, मावथा, हरसी, खोर, मुसाहरी, सेबई, जतरथी, रिछारी खुर्द, जखवार, बेलगड़ा, डोंगरपुर, मुधारी, रुअर, तालपुर वीरन, बमोर, रिछारी कला, हुरहुरी, रिठोदन, गाजना, श्याऊ, चिटोली, देवरी कला, कैथोड, धोबट, लोढी, करहिया, बैना।
घाटीगांव क्षेत्र के अधिकतर गांव में 100 फीसदी क्षेत्र में खनन को ब्लॉक कर दिया जाएगा। भितरवार के लोढी में 2 फीसदी जगह पर ही खनन ब्लॉक मिलेगा। रिछारी कला में 1 फीसदी जगह पर ब्लॉक मिलेगा। वहीं हीरे की खबर को लेकर ग्रामीण भी काफी खुश नजर आ रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर हीरे की खान यहां पर संचालित होती है तो यहां के लोगों को रोजगार मिलेगा और आमदनी बढ़ेगी।
अभी ग्वालियर ओर शिवपुरी में सफेद और लाल पत्थर का खनन हो रहा है। इसके अलावा आयरन की भी खदान आवंटित है। पनिहार के पास नई खदान आवंटित करने की प्रक्रिया चल रही है। इसके साथ ही कांच की खदान डबरा में दी गई हैं। यहां से निकलने वाले खनिज से कांच तैयार किया जा रहा है। वहीं अब हीरा खनन के लिए ब्लॉक दिया जाना है। ऐसे में कहा जा सकता है कि हीरा मिलने पर ग्वालियर की पहचान भी पन्ना की तरह होगी। रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे।
ग्वालियर खनिच विभाग ने भी किया सर्वे
बता दें कि पन्ना में हीरा पाया जाता है जो विंध्य ग्रुप का हिस्सा है, ग्वालियर भी विंध्य ग्रुप के तहत आता है, मिट्टी और पहाड़ों की एक जैसी स्थिति को देखते हुए जीएसआइ ने सर्वे किया था. इसमें ग्वालियर और शिवपुरी में हीरा मिलने की संभावना नजर आई है, हीरा मिलने पर ग्वालियर की पहचान भी पन्ना की तरह होगी, ग्वालियर के जिला खनिज अधिकारी प्रदीप भूरिया ने बताया कि हीरा खनन के लिए ब्लॉक दिया जाना है. इसके लिए राजस्व, वन और संरक्षित वन की भूमि की जानकारी मांगी गई है. जनाकरी मिलने के बाद भूमि रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी.
ग्वालियर-शिवपुरी जिले के इन गांवों में होगा खनन !
घाटीगांव क्षेत्र के अधिकतर गांव में 100 फीसदी क्षेत्र में खनन का ब्लॉक दिया जाएगा, यहां करई, दुर्गसी, बन्हेरी, सेकरा, चुही, बराहना, पटपरी, उम्मेदगढ़, ओबरा, पाटई, मानपुरा, कलवाह, सेमरी, चनगोरा, डागोर, तघई, बडक़ागांव, मोहना, आदि गांव में खनन किया जाएगा, इसके अलावा ग्वालियर के भितरवार ब्लॉक के भितरी, गधोटा, मावथा, हरसी, खोर, मुसाहरी, सेबई, जतरथी, रिछारी खुर्द, जखवार, बेलगड़ा, डोंगरपुर, मुधारी, रुअर, तालपुर वीरन, बमोर, रिछारी कला, हुरहुरी, रिठोदन, गाजना, श्याऊ, चिटोली, देवरी कला, कैथोड, धोबट, लोढी, करहिया, बैना में कुछ फीसदी ब्लॉक दिया जाएगा. अगर यहां हीरा मिलता है तो इस इलाके की किस्मत चमक सकती है.