Total Solar Eclipse 2024: 52 सालों बाद 8 अप्रैल को लगेगा साल का पहला पूर्ण सूर्य ग्रहण, जाने सूर्य ग्रहण सूतक काल

Total Solar Eclipse 2024: बताया जाता है कि ऐसा ही सूर्य ग्रहण साल 1971 में देखा गया था। सूर्य ग्रहण को सीधे आँखों से नहीं देखना चाहिए। अगर देखना हो तो किसी तरह का सुरक्षित उपकरण आंखों में पहन कर देखना चाहिए।

Total Solar Eclipse 2024: उज्जवल प्रदेश, नई दिल्ली. साल 2024 का पहला सूर्यग्रहण 8 अप्रैल को लगेगा और यह सूर्य ग्रहण भारत में भले ही न दिखाई दे, लेकिन देश के लिए यह सूर्य ग्रहण बेहद खास होने वाला है। इस Solar Eclipse को इसरो का आदित्य एल-1 सैटेलाइट काफी पास से निहारेगा और इस पल के सभी डेटा को संग्रहित करेगा। इसरो द्वारा छोड़ा गया Aditya L1 साल 2023 में प्रक्षेपित किया गया था और इस साल की शुरुआत में लाग्रेंज पॉइंट-1 पर हेलो कक्षा में प्रवेश कर गया था। 8 अप्रैल को पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी के एक सीधी रेखा में रहेंगे और इस दौरान अमेरिका और आसपास के क्षेत्रों में करीब 4 मिनट के लिए अंधेरा छा जाएगा।

इस समय लगेगा Total Solar Eclipse 2024

8 अप्रैल 2024 को सूर्य ग्रहण रात 09:12 मिनट से मध्य रात्रि 01:25 मिनट तक रहेगा , इस ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 25 मिनट तक होगी। खास बात ये है कि इस साल लगने वाली पूर्ण ग्रहण की अवधि काफी ज्यादा देर की है। इससे पहले ऐसा सूर्य ग्रहण 1971 में दिखा था और आगे भी कई सालों तक ऐसा सूर्य ग्रहण नहीं दिखेगा। इस दौरान चंद्रमा सूर्य को 3 मिनट से ज्यादा के लिए कवर कर लेगा।

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भारत का Aditya L1 ऐसे करेगा काम

सूर्य ग्रहण के दौरान भारत के Aditya L1 में लगे दो इंस्ट्रूमेंट्स विसिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (VELC) और सोलर अल्ट्रावायलेट इमेजिंग टेलीस्‍कोप (SUIT) प्राथमिक रूप से सूर्य ग्रहण को ऑब्जर्व करेंगे और लगातार कई तस्वीरें लेंगे। आदित्य एल-1 दुर्लभ ग्रहण के दौरान सूर्य को ऑब्जर्व करने वाला एकमात्र अंतरिक्ष यान नहीं होगा। इस दौरान यूरोप के सोलर ऑर्बिटर के उपकरण भी सूर्य ग्रहण को ऑब्जर्व करने के लिए सक्रिय रहेंगे। (Total Solar Eclipse 2024)

आदित्य-एल1 पर लगे आदित्य पेलोड के लिए प्लाज्मा एनालाइजर पैकेज ने फरवरी में कोरोनल मास इजेक्शन के पहले सौर पवन प्रभाव का पता किया था। इस बीच, 6 मीटर लंबा मैग्नेटोमीटर बूम जनवरी में तैनात किया गया था। सौर ऑर्बिटर पृथ्वी पर हमारे परिप्रेक्ष्य की तुलना में सूर्य का अवलोकन करेगा और सूर्य के बाहरी वातावरण का अध्ययन करेगा।

जानिए कहाँ दिखाई देगा ग्रहण

ये ग्रहण भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल में नहीं दिखाई देगा। भारत के लोगों को ग्रहण को लेकर चिंता करने की बात नहीं है। वहीं, ग्रीनलैंड, आयरलैंड, आइसलैंड, जमैका, नॉर्वे में दिखाई देगा। पनामा, निकारागुआ, कनाडा, मैक्सिको, बरमूडा, कैरेबियन नीदरलैंड, कोलंबिया, कोस्टा राइस, क्यूबा, डोमिनिका, रूस, प्यूर्टो रिको, सेंट मार्टिन वेनेजुएला,स्पेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, अरूबा,यूनाइटेड किंगडम, बहामास सहित कई अन्य देशों में दिखाई देगा।

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ग्रहण के दौरान ध्यान रखें

ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को बाहर नहीं निकलना चाहिए। सूर्य ग्रहण को सीधे आँखों से नहीं देखना चाहिए। अगर देखना हो तो किसी तरह का सुरक्षित उपकरण आंखों में पहन कर देखना चाहिए। सुई धागे से जुड़ा कोई काम नहीं। करना चाहिए। पूजा पाठ नहीं करना चाहिए। सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक ही सीध में आ जाते हैं सूर्य ग्रहण लगता है. साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण जल्द लगने जा रहा है. यह ग्रहण चैत्र नवरात्रि से एक दिन पहले 8 अप्रैल को लगेगा.वैसे तो सूर्य ग्रहण का प्रभाव सभी राशि के जातकों पर पड़ता है लेकिन एक राशि के लोगों पर इसका प्रभाव सबसे ज्यादा पड़ेगा. जानते हैं इस सूर्य ग्रहण से किस राशि के लोगों को सावधान रहना चाहिए और इससे बचने के लिए क्या उपाय करने चाहिए।

सूर्य ग्रहण सूतक काल

सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पूर्व लगता है. इस आधार पर सूर्य ग्रहण का सूतक काल 8 अप्रैल को सुबह में 09:12 बजे से लगना चाहिए. लेकिन यह सूर्य ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा. इस वजह से सूर्य ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा।सूर्य ग्रहण अमेरिका, कनाडा, यूरोप के कुछ पश्चिमी भागों और मेक्सिको में दिखाई देगा. इसके अलावा यह प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर और आर्कटिक में भी देखा जा सकता है।

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