Jharkhand Train Accident: लोको पायलट ने बताई कैसे बची सैंकड़ों की जान?
Howrah CSMT Express Train Derails पश्चिमी सिंहभूम जिले में बड़ाबांबो के पास एक बड़ा रेल हादसा हो गया। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई थी तो वही कई लोग घायल हो गए थे। इस घटना के बाद कई ट्रेनों को रद्द करना पड़ा तो कुछ ट्रेनों का मार्ग बदलकर चलाने का फैसला लिया गया है। इस घटना के बाद मुंबई मेल के लोको पायलट ने घटना की आपबीती बताई है।
Howrah CSMT Express Train Derails: चक्रधरपुर. चक्रधरपुर के बड़ाबांबो के पास हुई रेल दुर्घटना के वक्त मुंबई मेल के लोको पायलट ने अगर इमरजेंसी ब्रेक न लगाई होती तो बड़ी संख्या में यात्रियों की जान जा सकती थी। मुंबई मेल के 55 वर्षीय लोको पायलट का केवीएसएस राव का लंबा अनुभव इसमें काम आया और अपनी सूझबूझ से उन्होंने कई लोगों का की जान बचाई।
लोको पायलट केवीवएसएस राव भीषण दुर्घटना के बाद सहायक पायलट आफताब आलम के साथ ग्रामीणों के सहयोग से चक्रधरपुर स्थित इतवारी बाजार पहुंचे। यहां पुराने परिचित चेहरों को देखकर उनकी बेचैनी कम हुई और थोड़ी शांति मिली। लोगों ने उन्हे पानी और चाय दिया।
लोको पायलट ने सुनाई आपबीती
घटना की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि टाटानगर के बाद रास्ते में उन्हें लगातार ग्रीन सिगनल मिला। इसलिए ट्रेन को निर्धारित रफ्तार से (120 किमी प्रति घंटे के आसपास) चला रहे थे। राजखरसावां के बाद बड़ाबाांबो के पहले अचानक बिल्कुल करीब आ जाने पर उन्होंने दुर्घटनाग्रस्त मालगाड़ी को ट्रैक पर देखा।
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उन्होंने आगे बताया कि नजारा देख उन्हें लगा कि सामने साक्षात मौत खड़ी है। एक हजार से अधिक यात्रियों का जीवन दांव पर लगा होने का खयाल आते ही उन्होंने तत्काल इमरजेंसी ब्रेक लगाने का फैसला लिया।
लोको पायलट ने कहा कि इसके बाद ट्रेन की गति धीमी हो गई। हालांकि, पूरी ट्रेन बेपटरी हो गई, लेकिन रफ्तार कम होने के कारण टक्कर से ज्यादा नुकसान नहीं हुआ।
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