National News: कांग्रेस की मुफ्त-मुफ्त योजनाऐं BJP को सोचने को मजबूर

Latest National News: कर्नाटक में हार का सामना कर रही भाजपा अब आत्ममंथन करने में जुटी है। उसे कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस की मुफ्त की स्कीमों से बहुत नुकसान हुआ। अब उसे ओल्ड पेंशन स्कीम की चिंता सता रही है।

नई दिल्ली. कर्नाटक में फिसड्डी साबित हुई भाजपा अब आत्ममंथन कर रही है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि उसे कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस की मुफ्त की स्कीमों से नुकसान हुआ। महिलाओं के लिए मुफ्त बिजली और ₹2,000 के कांग्रेस के वादों ने भाजपा को 2024 के आम चुनावों के लिए आत्मंथन पर मजबूर कर दिया है।

सूत्रों का कहना है कि विपक्ष के इस तरह के लोकलुभावन उपायों से निपटने के लिए उसे रणनीति तैयार करने की जरूरत है। हालांकि यह और बात है कि भाजपा ने विधानसभा चुनावों के लिए अपने घोषणापत्र में कई लोकलुभावन उपायों की घोषणा की, पर सभी के लिए मुफ्त करने से कतराई। अब उसे ओल्ड पेंशन स्कीम की चिंता रही है, जो उसके लिए आने वाले 2024 लोकसभा चुनाव से पहले टेंशन दे सकता है।

कर्नाटक चुनाव से सबक लेते हुए भाजपा अब नई रणनीति पर आगे बढ़ रही है। पार्टी को डर है कि कांग्रेस और विपक्ष के अन्य दलों की मुफ्त स्कीमें उसे पीछे कर रही है। हालांकि ऐसा नहीं है कि चुनावों में भाजपा ने लोकलुभावन वादों की घोषणा नहीं की, पर औरों के बजाय मुफ्त से परहेज किया। खुद पीएम मोदी भी जनसभाओं के दौरान फ्री स्कीमों पर हमला बोल चुके हैं। भाजपा के सूत्रों का कहना है कि पार्टी का एक बड़ा तबका यमानता है कि फ्री की स्कीमें ज्यादा समय तक सत्ता नहीं दिला सकती।

कर्नाटक चुनाव में भाजपा ने मुफ्त सिलेंडर की घोषणा की, लेकिन केवल त्योहारी सीजन के दौरान बीपीएल परिवारों के लिए। कई विधानसभा चुनावों में घोषणापत्रों का मसौदा तैयार करने में शामिल एक वरिष्ठ भाजपा नेता का कहना है कि मतदाता विपक्षी दलों को वोट देने के लिए मुफ्त की ऐसी घोषणाओं से ललचाते हैं, लेकिन केंद्र में सत्ताधारी दल एक नेशनल खिलाड़ी के रूप में खुद को बड़ी तस्वीर में देखती है, जो ऐसे लोकलुभावन वादों से परे है।

मुफ्त स्कीमों की रेवड़ी

2019 में लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा सभी किसानों के लिए पीएम किसान निधि उपलब्ध कराने जैसे कुछ सार्वभौमिक लाभों के साथ आई थी। यह तब हुआ जब कांग्रेस ने यूनिवर्सल बेसिक इनकम की वकालत की। राज्य विधानसभा चुनावों में, उत्तर प्रदेश की तरह मुफ्त राशन योजना ने भाजपा को अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद की। इसे तब पार्टी के नेताओं ने कोविड महामारी के बाद आवश्यक बताया था।

महंगाई राहत कैंप से कैसे हो मुकाबला

इस साल के अंत में होने वाले मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा चुनावों के साथ, कांग्रेस जो छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सत्ता में है, ने पहले ही ‘मंहगाई राहत कैंप’ जैसे कई उपाय शुरू कर दिए हैं। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनावों में, भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व कृषि ऋण माफी की घोषणा करने के लिए बहुत उत्सुक नहीं था, जैसा कि उसने उत्तर प्रदेश 2017 में दोनों राज्य इकाइयों के सुझावों के बावजूद किया था।

ओल्ड पेंशन स्कीम बढ़ाएगी टेंशन

हिन्दी बेल्ट के राज्यों में भाजपा के लिए एक और चुनौती ओपीएस (पुरानी पेंशन योजना) होगी। भाजपा के एक नेता का कहना है कि इस मुद्दे की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए, केंद्र ने पहले ही पेंशन प्रणाली की समीक्षा के लिए एक समिति की घोषणा कर दी है और आंध्र प्रदेश सरकार के पेंशन मॉडल का भी अध्ययन कर रहा है। पार्टी नेताओं का मानना है कि 2019 में पीएम किसान निधि के आने से 2024 से पहले ऐसे किसी अन्य जन-केंद्रित उपाय से इंकार नहीं किया जा सकता है, लेकिन वही अपनाया जाएगा जो आर्थिक रूप से व्यवहार्य होगा।

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ का लोकप्रिय हिंदी समाचार पोर्टल, आपके शहर
की ताजा खबरें व रोचक जानकारी के लिए हमारे व्हाट्सप ग्रुप से जुड़े…

Join WhatsApp GroupClick Here
HOME PAGEClick Here

MP Board 5th 8th Result 2023: जारी हुआ एमपी बोर्ड 5वीं 8वीं का रिजल्ट, यहां देखें रिजल्ट

Related Articles

Back to top button