भाई ने इमारत के मेन गेट पर गलती से लगा दिया था ताला, 15 घंटे बाद मिला शहनवाज का शव

पूर्वी दिल्ली
गांधी नगर मार्केट में बुधवार को तीन मंजिला इमारत में लगी भीषण आग पर 9 घंटे की कड़ी मसक्कत के बाद काबू पा लिया गया है। वहीं घटना के करीब 15 घंटे के बाद पुलिस ने एक युवक का शव बरामद किया है। मृतक की पहचान खुरेजी निवासी शहनवाज (19) के रूप में हुई है। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

रात भर चला आग बुझाने का काम
बता दें कि बुधवार शाम साढ़े पांच बजे दमकल को गांधी नगर मार्केट की नेहरू गली में जय अंबे नाम की कपड़ा दुकान में आग लगने की सूचना मिली थी। दुकान के ऊपरी मंजिल पर गोदाम बने हुए हैं। दुकान से शुरू हुई आग देखते ही देखते पूरी इमारत में फैल गई थी। रात करीब साढ़े दस बजे दमकल ने आग पर काबू पाया, रातभर इमारत में कूलिंग का काम चला। सुबह साढ़े आठ बजे इमारत की दूसरी मंजिल से शहनवाज का शव बरामद हुआ।

भाई को गलती से दुकान में किया बंद
बताया जा रहा है जिस तीन मंजिला इमारत में आग लगी, उसके रास्ते दो गलियों में है। आग लगने से कुछ देर पहले ही शहनवाज का बड़ा भाई आफताब दुकान बंद कर बाकी कर्मचारियों के साथ चला गया था। ताला बंद करते समय उसने देखा ही नहीं कि दुकान व ऊपरी मंजिल पर कोई है या नहीं। आफताब दुकान में कुछ सामान भूल आया था। कुछ देर बाद वह सामान लेने दुकान वापस पहुंचा तो दुकान धू-धू कर जल रहा था।

छत के गेट पर भी लगा था ताला
इधर, दुकान में बंद शहनवाज अंदर से मदद की गुहार लगा रहा था। गेट पर ताला लगा होने से आफताब भी बेबस था। उसने आनन फानन में दुकान के मालिक को फोन कर आग की सूचना दी। दुकान में रखे कपड़ों में आग तेजी से फैलने लगा। एक तरफ छोटा भाई जहां जिंदगी बचाने की गुहार लगा रहा था, तो बड़ा भाई  आफताब भी बेबस था। उसने शहनवाज को इमारत के ऊपरी मंजिल पर जाने को कहा। भाई की बात मानकर शहनवाज ऊपर गया तो छत के गेट पर भी ताला लगा हुआ था। उसके पास बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं बचा था। आखिरकार, दम घुटने से उसकी मौत हो गई।

शार्ट सर्किट से आग लगने की संभावना
करीब 15 घंटे बाद गुरुवार को युवक का शव इमारत से बाहर निकाला गया। पुलिस पूरी इमारत की जांच कर पता लगा रही है कि कोई और शव तो नहीं है। आग लगने से 80 लाख रुपये से अधिक का नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है। पुलिस को शुरुआती जांच में शार्ट सर्किट से आग लगने का पता चला है।

 

Deepak Vishwakarma

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