PAHALGAM TERROR ATTACK: सिंधु समझौता तोड़कर अब पाकिस्तान से राजनयिक को बुलाया
PAHALGAM TERROR ATTACK: भारत ने सिंधु जल समझौता तोड़ने का भी ऐलान किया था। नई दिल्ली ने पाकिस्तान के शीर्ष राजनयिक को तलब किया है।

PAHALGAM TERROR ATTACK: उज्जवल प्रदेश, नई दिल्ली। पाकिस्तान के खिलाफ भारत का सख्त रवैया जारी है। खबर है कि नई दिल्ली ने पाकिस्तान (Pakistan) के शीर्ष राजनयिक (Diplomat) को तलब (Called From) किया है। हालांकि, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। खास बात है कि एक दिन पहले ही भारत ने सिंधु जल समझौता (Indus Treaty) तोड़ने (Breaking) का भी ऐलान किया था। मंगलवार को जम्मू और कश्मीर में हुए हमले में 26 पर्यटकों की मौत हो गई थी।
समाचार एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि भारत ने पाकिस्तान के शीर्ष राजनयिक साद अहमद वराइच को तलब किया है। साथ ही सैन्य राजनयिकों के लिए औपचारिक पर्सोना नॉन ग्रेटा नोट सौंपा है। इसका मतलब ऐसे व्यक्ति से होता है, जो स्वीकार्य नहीं है या अवांछित है। खास बात है कि भारत सरकार का यह कदम ऐसे समय पर आया है, जब दो दिन पहले पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हुई और बुधवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सुरक्षा समिति की बैठक हुई है।
पाकिस्तान के खिलाफ भारत का ऐक्शन
सीसीएस की बैठक के बाद देर शाम विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि एक मई तक राजनयिक संबंधों में और कटौती के माध्यम से पाकिस्तानी और भारतीय उच्चायोगों में तैनात लोगों की कुल संख्या घटाकर 55 से 30 कर दी जाएगी। मिस्री ने बताया कि पाकिस्तानी नागरिकों को दक्षेस वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और एसवीईएस वीजा के तहत भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे का समय है।
उन्होंने कहा कि भारत भी इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना, वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा। मिस्री ने कहा, ‘संबंधित उच्चायोगों में ये पद निरस्त माने जाएंगे। दोनों उच्चायोगों से सेवा सलाहकारों के पांच सहायक कर्मचारियों को भी वापस बुलाया जाएगा।’ मिस्री ने कहा कि 1960 की सिंधु जल संधि तत्काल प्रभाव से स्थगित रहेगी, जब तक कि पाकिस्तान सीमापार आतंकवाद को अपना समर्थन विश्वसनीय रूप से बंद नहीं कर देता। अटारी में एकीकृत सीमा चौकी को बंद करने के बारे में मिस्री ने कहा कि जो लोग वैध प्रमाण-पत्र के साथ सीमा पार गए हैं, वे एक मई से पहले उस मार्ग से लौट सकते हैं।