Satellite Calling: स्मार्टफोन से सैटलाइट कॉल का सपना हुआ सच! ISRO की गेमचेंजर टेक्नोलॉजी
Satellite Calling: इसरो पहली बार अमेरिकी कंपनी एएसटी स्पेसमोबाइल का एक विशाल सैटलाइट लॉन्च करेगा, जिससे स्मार्टफोन से सैटलाइट कॉल और 5जी इंटरनेट कनेक्टिविटी संभव होगी। यह सैटलाइट, जिसका नाम "ब्लूबर्ड" है, अपनी विशालता के लिए खास है और इसका एंटीना 64 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में फैला है। इसे जीएसएलवी रॉकेट के जरिए पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया जाएगा।
Satellite Calling: उज्जवल प्रदेश डेस्क, नई दिल्ली. इसरो (ISRO) पहली बार एक अमेरिकी विशाल सैटलाइट लॉन्च कर रहा है, जो मोबाइल कनेक्टिविटी को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। अब दूरदराज के इलाकों में भी बिना किसी खास उपकरण के, स्मार्टफोन से, सैटलाइट के जरिए 5जी कॉल और इंटरनेट एक्सेस संभव होगा।
यह सैटलाइट तकनीकी रूप से गेमचेंजर साबित होगा, क्योंकि इससे किसी भी सामान्य स्मार्टफोन को सीधे सैटलाइट से जोड़ा जा सकेगा। इसके लिए किसी विशेष उपकरण या सर्विस प्लान की जरूरत नहीं होगी। इस परियोजना का उद्देश्य सैटलाइट कनेक्टिविटी को किफायती बनाकर टेलीकॉम टावरों से दूर इलाकों में भी 5जी ब्रॉडबैंड सर्विस प्रदान करना है। यह कदम न केवल भारत की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को मजबूती देगा, बल्कि वैश्विक कनेक्टिविटी के क्षेत्र में एक नई क्रांति लाएगा।
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स्मार्टफोन से होगी सैटेलाइट कनेक्टिविटी | Satellite Calling
अब स्मार्टफोन पर सैटेलाइट के जरिए कॉल और इंटरनेट का इस्तेमाल करना मुमकिन होगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) पहली बार अमेरिका का एक विशाल सैटेलाइट लॉन्च करने जा रहा है, जिससे सैटेलाइट कनेक्टिविटी सुलभ होगी।
सैटेलाइट की विशेषताएं और आकार | Satellite Features
यह सैटेलाइट इतना बड़ा है कि इसके एंटीना का क्षेत्रफल 64 वर्ग मीटर है, जो एक फुटबॉल मैदान के आधे के बराबर है। ब्लूबर्ड नामक इस सैटेलाइट का वजन लगभग 6000 किलोग्राम है। यह अब तक का सबसे बड़ा सैटेलाइट होगा जिसे भारत के जीएसएलवी रॉकेट द्वारा लॉन्च किया जाएगा।
GSLV के जरिए लॉन्च
इस सैटेलाइट को भारत के मजबूत और भरोसेमंद रॉकेट जीएसएलवी (GSLV) के जरिए पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया जाएगा। लॉन्चिंग की जिम्मेदारी ISRO की वाणिज्यिक इकाई न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) को सौंपी गई है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के अनुसार, यह लॉन्च फरवरी या मार्च 2025 में संभावित है।
कनेक्टिविटी में आएगा बड़ा बदलाव
इस टेक्नोलॉजी के जरिए दूरदराज के इलाकों में भी मोबाइल नेटवर्क सुलभ होगा, जहां अभी तक टेलिकॉम टावरों की पहुंच नहीं है। खास बात यह है कि इसके लिए किसी विशेष सैटेलाइट फोन या उपकरण की आवश्यकता नहीं होगी।
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AST SpaceMobile की नई तकनीक
टेक्सास की कंपनी AST स्पेसमोबाइल इस सैटेलाइट को तैयार कर रही है। यह कंपनी सैटेलाइट से सीधे स्मार्टफोन को कनेक्ट करने की टेक्नोलॉजी ला रही है। इससे 5जी ब्रॉडबैंड सेवा को सस्ती दरों पर उपलब्ध कराया जाएगा। कंपनी ने ISRO की सेवाएं लेने की पुष्टि पहले ही कर दी थी।
गेमचेंजर टेक्नोलॉजी का भविष्य
यह सैटेलाइट परियोजना टेलीकॉम सेक्टर में बड़ा बदलाव लाने की क्षमता रखती है। इसके जरिए न केवल वॉयस कॉल बल्कि वीडियो कॉल और तेज इंटरनेट स्पीड भी संभव होगी। यह उन इलाकों में कनेक्टिविटी का नया द्वार खोलेगी जहां अब तक टेलीकॉम सेवाएं असंभव थीं।
American satellite-based internet provider company AST SpaceMobile has purchased the services of #ISRO's LVM3 rocket to launch the first satellite of their Block 2 BlueBird constellation in mid-2025! 🚀 pic.twitter.com/QEV40Wfy5T
— ISRO Spaceflight (@ISROSpaceflight) November 15, 2024
भारत की अंतरिक्ष सफलता में नया मील का पत्थर
यह मिशन ISRO के लिए भी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है क्योंकि यह पहली बार इतना बड़ा अमेरिकी सैटेलाइट भारतीय रॉकेट से लॉन्च करेगा। इससे भारत की अंतरिक्ष तकनीक को विश्वस्तरीय पहचान मिलेगी और भविष्य में बड़े अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट्स के लिए नए अवसर खुलेंगे।
डिस्क्रिप्शन: ISRO पहली बार एक विशाल अमेरिकी सैटलाइट लॉन्च करेगा, जिससे स्मार्टफोन से सैटलाइट कॉल और 5जी इंटरनेट कनेक्टिविटी संभव होगी। जानें कैसे यह गेमचेंजर तकनीक कनेक्टिविटी को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।
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