SC Order 2025: सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को दिए निर्देश, नहीं मिटाएंगे EVM का डेटा

SC Order 2025: सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम के सत्यापन के संबंध में नीति बनाने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई की। कोर्ट ने चुनाव आयोग (ECI) से जवाब मांगा है और आदेश दिया है कि फिलहाल EVM से कोई डेटा डिलीट न करें।

SC Order 2025: उज्जवल प्रदेश, नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ईवीएम के सत्यापन के संबंध में नीति बनाने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई की। याचिका में चुनाव आयोग को ईवीएम की मेमोरी/माइक्रोकंट्रोलर की जांच और सत्यापन के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई है। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने चुनाव आयोग (ECI) से जवाब मांगा है और आदेश दिया है कि फिलहाल EVM से कोई डेटा डिलीट न करें और ना ही कोई डेटा रीलोड करें।

दरअसल, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा कोर्ट में ईवीएम के सत्यापन को लेकर याचिका दायर की गई थी। इस पर मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि हम नहीं चाहते कि ईवीएम से छेड़छाड़ हो, हम चाहते हैं कि शायद इंजीनियर यह बता सके कि कोई छेड़छाड़ हुई है या नहीं।

हमारी परेशानी यह है कि हमने इसे सही तरीके से नहीं बताया। इस पर चुनाव आयोग ने कहा कि जिस तरह से आप चाहते हैं, हम उसे पूरा करेंगे। कोर्ट ने आदेश दिया कि वे (ईसीआई) इसे लागू करने की कोशिश कर रहे हैं। आप में से कौन सही है, हमें नहीं पता। हम सिर्फ पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। कोर्ट ने चुनाव आयोग से इस मुद्दे पर 15 दिनों में जवाब दाखिल करने को कहा है।

कोर्ट ने चुनाव आयोग से मांग की है कि “वो आए और प्रमाणित करें कि क्या किया जाता हैं?”

कोर्ट ने कहा कि हम करण सिंह दलाल और एमए 40/2025 की याचिका पर विचार करने के लिए इच्छुक नहीं हैं। हम विस्तृत प्रक्रिया भी नहीं चाहते। हम चाहते हैं कि आप आएं और प्रमाणित करें कि देखिए यह किया जा रहा है। डेटा को मिटाएं या फिर से लोड ना करें। आप बस यही करेंगे कि कोई आकर प्रमाणित करेगा।

कोर्ट ने कहा कि अगर कोई हारने वाला उम्मीदवार स्पष्टीकारण चाहता है तो इस पर इंजीनियर ही स्पष्टीकरण दे सकता है कि ईवीएम से छेड़छाड़ हुई है या नहीं। हम चाहते हैं कि अगर किसी को कोई संदेह है तो वो दूर हो। यह विरोधात्मक नहीं है। कई बार धारणाएं अलग-अलग होती हैं, जो हम बताना चाहते हैं, वह हम नहीं बता पाते। हम नहीं चाहते हैं कि ईवीएम से छेड़छाड़ हो, हम चाहते हैं कि शायद इंजीनियरिंग यह बता सके कि कोई छेड़छाड़ हुई है या नहीं। आप में से कौन सही है, हमें नहीं पता। हम सिर्फ पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।

एडीआर के वकील ने कहा कि “EVM में  छेड़छाड़ होती है या नहीं , इसका जांच करवाया जाए”

सुनवाई के दौरान एडीआर की ओर से पेश हुए एडवोकेट प्रशांत भूषण ने कहा, “हम चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार चुनाव आयोग को जो प्रक्रिया अपनानी है, वह उनके मानक संचालन प्रोटोकॉल के अनुरूप हो। हम चाहते हैं कि कोई व्यक्ति ईवीएम के सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की जांच करे, ताकि यह पता चल सके कि सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर में किसी तरह की छेड़छाड़ की गई है या नहीं।

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अपने पहले के आदेश को स्पष्ट करते हुए कहा, “हम नहीं चाहते थे कि मतगणना तक कोई गड़बड़ी हो (पहले के आदेश के माध्यम से) साथ ही, हम यह भी देखना चाहते थे कि क्या किसी को कोई संदेह है। हम नहीं चाहते थे कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की जाए, हम चाहते थे कि शायद इंजीनियरिंग यह बता सके कि क्या कोई छेड़छाड़ हुई है।”

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