MahaKumbh 2025 में AI से खोए हुए लोगों की तलाश होगी और भी आसान
MahaKumbh 2025: अब खोने वाले लोग परिजनों को ढूंढने के लिए AI खोया-पाया केंद्र का सहारा नहीं लेंगे, बल्कि उन्हें एआई तकनीक की मदद भी मिलेगी।
MahaKumbh 2025 AI: उज्जवल प्रदेश डेस्क, प्रागराज. महाकुंभ (Maha Kumbh) 2025 में श्रद्धालुओं को खोने और ढूंढने के परंपरागत तरीके अब पुराने लग सकते हैं, क्योंकि इस बार एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया जाएगा। अब खोने वाले लोग केवल अपने परिजनों को ढूंढने के लिए कंप्यूटराइज खोया-पाया केंद्र का सहारा नहीं लेंगे, बल्कि उन्हें एआई तकनीक की मदद भी मिलेगी। इस तकनीक का उद्देश्य महाकुंभ में खोने और पाते हुए लोगों की समस्या को डिजिटल रूप से हल करना है।
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कंप्यूटराइज खोया-पाया केंद्र और 1920 हेल्पलाइन नंबर
आपको बता दे कि, महाकुंभ (Maha Kumbh) 2025 की तैयारी जोरों पर है, और इस बार श्रद्धालुओं के लिए खोया-पाया केंद्र का सिस्टम पूरी तरह से कंप्यूटराइज किया गया है। केंद्र में एआई का इस्तेमाल करने का उद्देश्य है कि लोग जल्दी और अधिक प्रभावी तरीके से अपने खोए हुए परिजनों को ढूंढ सकें। इसके अलावा, इस सेवा के लिए 1920 हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है, ताकि कोई भी व्यक्ति इस नंबर पर कॉल करके अपने खोने की जानकारी दे सके और मदद प्राप्त कर सके।
एआई तकनीक का योगदान
महाकुंभ (Maha Kumbh) 2025 में एआई तकनीक का उपयोग खोए हुए व्यक्तियों को ढूंढने के लिए किया जाएगा। ज्ञानप्रकाश, मेजिस्ट्रेट, ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कंप्यूटराइज्ड खोया-पाया केंद्र में अब लोगों की फोटो खींची जाएगी और उनका डेटा एकत्रित किया जाएगा। इस डेटा का इस्तेमाल एआई के माध्यम से किया जाएगा, जिससे खोए हुए व्यक्तियों के बारे में अधिक सटीक जानकारी प्राप्त की जा सके। ज्ञानप्रकाश ने यह भी बताया कि जैसे पहले पुलिस विभाग स्केचिंग के जरिए किसी व्यक्ति की पहचान करने की कोशिश करता था, अब एआई के माध्यम से वही काम ज्यादा तेजी से और सटीक तरीके से किया जाएगा।
मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान
महाकुंभ (Maha Kumbh) 2025 में केवल खोया-पाया केंद्र ही नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं की मानसिक स्थिति पर भी ध्यान दिया जाएगा। इस बार, महाकुंभ में एक परामर्श केंद्र भी बनाया जाएगा जहां लोग अपनी मानसिक समस्याओं पर चर्चा कर सकते हैं। यहां बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए मनोवैज्ञानिक और डॉक्टर्स मौजूद रहेंगे। अगर किसी को घबराहट या मानसिक तनाव महसूस हो रहा है, तो वह वहां जाकर मदद ले सकते हैं। इस पहल का उद्देश्य महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को केवल शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक रूप से भी सहयोग प्रदान करना है।
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खोया-पाया केंद्रों का संचालन और केंद्रियकरण
महाकुंभ (Maha Kumbh) में इस बार कुल 10 कंप्यूटराइज्ड खोया-पाया केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें से एक मुख्य केंद्र होगा। इस केंद्र पर खोए हुए व्यक्तियों के डेटा का संचालन और केंद्रियकरण किया जाएगा। साथ ही, एक एमआईएस सर्वर रूम भी तैयार किया गया है, जहां सभी डेटा को एकत्रित किया जाएगा और जरूरत के अनुसार उसे प्रोसेस किया जाएगा। इससे खोने और पाने वाले लोगों की जानकारी जल्दी और सही तरीके से एक स्थान पर एकत्रित की जा सकेगी।
महाकुंभ में डिजिटल परिवर्तन
महाकुंभ (Maha Kumbh) 2025 में होने वाला यह डिजिटल परिवर्तन भारतीय संस्कृति और परंपराओं में आधुनिकता के जुड़ने का एक बेहतरीन उदाहरण है। पीएम मोदी के डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। इस बदलाव के माध्यम से न केवल खोने और पाने की प्रक्रिया को आसान और तेज बनाया जाएगा, बल्कि इससे महाकुंभ के आयोजन को और अधिक संगठित और सुरक्षित भी बनाया जाएगा।
महाकुंभ (Maha Kumbh) 2025 में हो रहे इन डिजिटल बदलावों से निश्चित ही श्रद्धालुओं को कई तरह की सुविधाएं मिलेंगी। कंप्यूटराइज्ड खोया-पाया केंद्र और एआई की मदद से खोए हुए लोगों को जल्दी ढूंढने में मदद मिलेगी, वहीं मानसिक स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं भी श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ी राहत साबित होंगी। यह डिजिटल परिवर्तन महाकुंभ के आयोजन को और भी सुरक्षित, संगठित और प्रभावी बनाएगा, जिससे इस ऐतिहासिक आयोजन में श्रद्धालुओं का अनुभव और भी बेहतर होगा।