Ganesh Chaturthi 2022 Date Muhurta, जानें मूर्ति स्थापना का उत्तम मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को Ganesh Chaturthi का पावन पर्व मनाया जाता है। आये जानते है 2022 में गणेश चतुर्थी कब है।

Ganesh Chaturthi 2022: गणेश महोत्सव का पर्व चतुर्थी तिथि से प्रारंभ होकर 10 दिनों तक चलता है। अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान Ganesh को विदा किया जाता है। उदया तिथि के आधार पर 31 अगस्त को गणेश चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा। मान्यता है कि गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi ) के दिन चंद्रमा को नहीं देखना चाहिए। इससे श्राप मिलता है।

इस वर्ष 31 अगस्त दिन बुधवार के दिन भाद्र शुक्ल चतुर्थी तिथि है। बुधवार के दिन Ganesh Chaturthi का होना इस व्रत के महत्व को और भी कई गुणा बढा रहा है क्योंकि गणेशजी स्वयं बुधवार के देवता हैं।

गणेश चतुर्थी डेट- 31 अगस्त, 2022

गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त (Ganesh Chaturthi 2022 Date Muhurta)

31 अगस्त को सुबह 11 बजकर 05 मिनट से दोपहर 01 बजकर 38 मिनट के बीच भगवान गणेश (Ganesh Chaturthi 2022) की पूजा का शुभ मुहूर्त है। इस दिन रवि योग सुबह 05 बजकर 58 मिनट से दोपहर 12 बजकर 12 मिनट तक रहेगा। इस अवधि में शुभ कार्यों को करना अति उत्तम माना जाता है।

गणपति स्थापना व विसर्जन का शुभ मुहूर्त (Ganesh sthaapana va visarjan Muhurta)

31 अगस्त को गणपति की स्थापना की जाएगी। गणपति स्थापना का शुभ मुहूर्त रात 11 बजकर 05 मिनट से 01 बजकर 38 मिनट तक रहेगा। इसके बाद 09 सितंबर, शुक्रवार को गणेश चतुर्थी के दिन गणपति विसर्जन किया जाएगा। इस योग के बारे में कहा जाता है कि इस योग में सभी अशुभ योगों के प्रभाव को नष्ट करने की क्षमता होती है। यानी विघ्नहर्ता गणेशजी तमाम विघ्नों को दूर करके भक्तों का मंगल करने आ रहे हैं।

मुहूर्त-

  • चतुर्थी तिथि प्रारम्भ – अगस्त 30, 2022 को 03:33 पी एम बजे
  • चतुर्थी तिथि समाप्त – अगस्त 31, 2022 को 03:22 पी एम बजे

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गणेश चतुर्थी यानी भाद्र शुक्ल चतुर्थी तिथि का धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व होने की वजह यह है कि इसी दिन मंगलमूर्ति, विघ्नहर्ता, गजानन गणेशजी का जन्म दोपहर के समय हुआ था। इसलिए गणेश चतुर्थी को गणेश जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है।

गणेश चतुर्थी के दिन गणेशजी की मूर्ति की स्थापना करके कई भक्त 10 दिनों तक इनकी पूजा करते हैं जबकि कुछ भक्त एक दिन, तीन दिन, सात दिन, के लिए भी गणेश प्रतिमा को बैठाते हैं। कहते हैं कि गणेश चतुर्थी के दिन गणेशजी की प्रतिमा को घर में बैठाकर इनकी श्रद्धा भाव से जो लोग पूजा करते हैं उनके तमाम संकट गणेशजी हर लेते हैं।

गणेशजी को लगाएं इन वस्तुओं का भोग (Offer these things to Ganesha)

गणेशजी की पूजा में मोदक का भोग लगाना सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके अलावा मोतीचूर के लड्डू और बेसन के लड्डू भी बप्पा को बेहद प्रिय माने जाते हैं। गणेश उत्सव के पांचवें और छठे दिन खीर का भोग लगाना अच्छा माना जाता है। गणेशजी को मखाने की खीर का भोग लगाया जाता है।

पूजा सामग्री लिस्ट (Ganesh Puja Samagri )

भगवान गणेश की प्रतिमा, लाल कपड़ा, दूर्वा, जनेऊ, कलश, नारियल, पंचामृत, पंचमेवा, गंगाजल, रोली व मौली लाल

पूजा- विधि (Ganesh Puja Vidhi)

  • इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
  • स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
  • इस दिन गणेश जी की प्रतिमा की स्थापना की जाती है।
  • गणपित भगवान का गंगा जल से अभिषेक करें।
  • गणपति की प्रतिमा की स्थापना करें।
  • संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
  • भगवान गणेश को पुष्प अर्पित करें।
  • भगवान गणेश को दूर्वा घास भी अर्पित करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दूर्वा घास चढ़ाने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं।
  • भगवान गणेश को सिंदूर लगाएं।
  • भगवान गणेश का ध्यान करें।
  • गणेश जी को भोग भी लगाएं। आप गणेश जी को मोदक या लड्डूओं का भोग भी लगा सकते हैं।
  • भगवान गणेश की आरती जरूर करें।

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