Chaitra Navratri 2024: इस दिन घोड़े पर सवार हो कर आएँगी माँ दुर्गा, जानें शुभ मुहूर्त
Chaitra Navratri 2024: 09 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि शुरू होगी। कलश स्थापना के लिए 09 अप्रैल को सुबह 06 बजकर 11 मिनट से 10 बजकर 23 मिनट तक का शुभ मुहूर्त रहेगा।
Chaitra Navrati 2024 Date and Time : हिंदू धर्म में नवरात्रि में मां दुर्गों के स्वरूपों की पूजा-आराधना का बड़ा महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हर साल चैत्र नवरात्रि, शारदीय नवरात्रि और दो गुप्त नवरात्रि समेत 4 नवरात्रि मनाई जाती है। जिसमें चैत्र और शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों के पूजा-उपासना बेहद खास मानी जाती है।
मान्यता है कि ऐसा करने से मां भगवती अपने भक्तों के सभी कष्ट दूर करती है। साथ ही जीवन सुख-समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद देती है। चैत्र महीने की नवरात्रि भी जल्द शुरू होने वाली है।
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Chaitra Navratri 2024 कब से होगी शुरू
हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 08 अप्रैल की रात को 11 बजकर 50 मिनट से शुरू हो जाएगी जिसका समापन 9 अप्रैल को रात 08 बजकर 30 मिनट होगा। उदया तिथि के आधार पर चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल 2024 से शुरू होगी।
चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना का मुहूर्त
09 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि शुरू होगी। कलश स्थापना के लिए 09 अप्रैल को सुबह 06 बजकर 11 मिनट से 10 बजकर 23 मिनट तक का शुभ मुहूर्त रहेगा। वहीं अगर 09 अप्रैल के अभिजीत मुहूर्त की बात करें तो इस दिन दोपहर 12 बजकर 03 मिनट से लेकर 12 बजकर 54 मिनट तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त में किस भी तरह कोई शुभ कार्य किया जा सकता है। (Chaitra Navratri )
चैत्र नवरत्रि पर घोड़े पर सवार होकर आएंगी देवी दुर्गा
इस बार चैत्र नवरात्रि पर मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आएंगी। मंगलवार को चैत्र नवरात्रि शुरू होने के कारण मां का वाहन घोड़ा होगा। माता का वाहन नवरत्रि के आरंभ होने वार से तय होता है। नवरात्रि पर देवी पूजन और नौ दिन के व्रत का बहुत महत्व है। नवरात्रि के नौ दिनों में व्रत रखने वालों के लिए कुछ नियम होते हैं साथ ही इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों को उनका पसंदीदा भोग लगाकर मां का आशीर्वाद पाया जा सकता है।
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मां दुर्गा के 9 स्वरूपों के पूजन का दिन – Chaitra Navratri
प्रतिपदा तिथि: नवरात्रि के पहले दिन सुख-समृद्धि का प्रतीक मां शैलपुत्री की पूजा का विधान है।
द्वितीय तिथि: नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के ब्रह्माचारिणी स्वरूप की पूजा होती है।
तृतीया तिथि : नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना की जाती है।
चतुर्थी तिथि: नवरात्रि के चौथे दिन मां दुर्गा के चौथे स्वरूप कुष्मांडा माता की पूजा होती है।
पंचमी तिथि: नवरात्रि के पांचवा दिन पवित्रता और आध्यात्मिकता का दिन माना जाता है। इस दिन स्कंदमाता की पूजा होती है।
षष्ठी तिथि: नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है।
सप्तमी तिथि: नवरात्रि का सातवां दिन मां कालरात्रि की पूजा-उपासना के लिए समर्पित है।
अष्टमी तिथि: नवरात्रि के आठवें दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा-उपासना की जाती है।
नवमी तिथि : नवरात्रि के नौवें दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धीदात्री को समर्पित माना जाता है।
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