Kaal Sarp Dosh: कालसर्प दोष से छुटकारा पाने, मोरपंख से करें ये उपाय
लोग चाहते हैं, उनके नए साल की शुरुआत खुशहाल जीवन और सुख-समृद्धि के साथ हो. कई टोटके करते हैं. लेकिन उनके जीवन में कभी खुशहाली नहीं आती है. जिससे लोग काफी परेशान हो जाते हैं. हो सकता है आप के कुंडली में Kaal Sarp Dosh हो.
Kaal Sarp Dosh Upay: आज हम आपको अपने इस लेख में मोर पंख (Morpankh Totke) के कुछ उपायों के बारे में बताएंगे, जिसे करने से आपके जीवन की सारी परेशानियां दूर हो जाएंगी और आपके ऊपर भगवान विष्णु की कृपा हमेशा बनी रहेगी.
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वास्तु शास्त्र के अनुसार मोर पंख (Morpankh Upay) का खास महत्व है. घर में मोर पंख को रखने से वास्तु दोष से छुटकारा मिलता है और घर की आर्थिक स्थिति ठीक रहती है, इसके अलावा घर में मोरपंख लगाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है और घर पर हमेशा भगवान विष्णु की कृपा बनीं रहती है. ऐसे में अगर आप नए साल के पहले दिन मोर पंख खरीदते हैं, तो किन उपायों को करना शुभ होता है.
इस दिशा में मोर पंख रखें, सारे काम होंगे शुभ
कहते हैं कि मोर पंख में सभी देवी-देवताओं का वास होता है. मोरपंख में नवग्रहों की शक्ति होती है. इसे घर में लगाने से बहुत शुभ माना जाता है. सारे संकट दूर हो जाते हैं. इसे घर में हमेशा दक्षिण-पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है. इससे घर में सुख-समृद्धि भी आती है और घर का वातावरण सुखद रहता है.
फिजूलखर्च होने से बचाता है मोर पंख
अगर आपके घर पैसे टिक नहीं पाते हैं और आपको फिजूलखर्ची की आदत लगी रहती है, तो पूजा स्थल पर मोरपंख को रखें. इससे आपसी रिश्तों में भी मधुरता आती है.
कालसर्प दोष से मिलती है मुक्ति
अगर आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है, उससे निजात पाने के लिए अपने तकिए के नीचे 7 मोरपंख रखें और एक सप्ताह बाद उस मोरपंख को किसी कजो दान कर दें, इससे कालसर्प दोष से मुक्ति मिल जाती है.
कालसर्प दोष की पूजा घर पर कैसे करें?
कालसर्प दोष की पूजा घर में भी की जा सकती है. प्रत्येक सोमवार को प्रातः सूर्योदय के समय एक घंटे के भीतर स्नान से निवृत्त होकर शुद्धिपूर्वक शिवलिंग पर 11 अक्षत यानी साबुत चावल के दाने “श्री राम” का उच्चारण करते हुए अर्पित करें एवं मन ही मन अपनी विशेष इच्छा का स्मरण करें. चांदी के सर्प का जोड़ा नाग पंचमी को दूध में रखकर शिवलिंग पर चढ़ाने से भी इस दोष निवारण होता है. सर्प गायत्री जाप या महामृत्युंजय जाप भी इसके निवारण के बड़े उपाय हैं. त्रियंबकेश्वर नासिक या उज्जैन आदि तीर्थ क्षेत्रों में में सर्प पूजा करवाने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है.
कालसर्प योग की शांति कैसे करें?
यदि आपको पता लग चुका है कि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है तो उसके निवारण हेतु आपको कुछ उपाय करने पड़ेंगे. कालसर्प योग कुंडली में ग्रहों की स्थिति के आधार पर मुख्यतः 12 प्रकार के होते हैं किन्तु इन सभी दोषों की पूजा का तरीका एवं उपाय सामान हैं.
आइये हम उन उपायों के बारे में बात करते है जिसको करके आप इस दोष से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं. दोस्तों कालसर्प दोष के निवारण के लिए आप शिवलिंग पर कच्चा दूध मिला हुआ जल चढ़ाएं या कच्चा दूध चढ़ाएं.
ऐसे शिव मंदिर में ताँबे का साँप चढ़ाये जिस पर पहले से कोई साँप ना हो, साँप को कुछ इस तरह से चढ़ाये की वह उस शिवलिंग को आच्छादित करें. इस उपाय से पूर्व ताँबे के साँप की पूजा किसी पंडित से अवश्य कराएं.
कालसर्प दोष का मंत्र क्या है?
नाग गायत्री मंत्र: ‘ॐ नवकुलाय विद्यमहे विषदंताय धीमहि तन्नो सर्प: प्रचोदयात्’
इस मंत्र को कालसर्प दोष निवराण के लिए प्रभावी माना जाता है. इसके अलावा आप ‘ॐ नमः शिवाय’ और ‘ॐ नागदेवताय नम:’ मंत्र का जाप कर सकते हैं. रुद्राक्ष माला से 108 बार जप करना होता है.
कालसर्प दोष को हमेशा के लिए दूर कैसे करें?
कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए सोमवार के दिन शिव मंदिर में सवा लाख बार ‘ओम नम: शिवाय’ मंत्र का जप करें, इसके बाद शिवलिंग पर रूद्राभिषेक करने का विशेष महत्व होता है. साथ ही शिवलिंग पर चांदी के नाग-नागिन अर्पित करें. नाग स्तोत्र का पाठ करें.
सर्प दोष कितने साल तक रहता है?
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में कालसर्पदोष का निर्माण होता है तो माना जाता है कि यदि उसका निवारण न किया जाए तो उसे जीवन के 42 वर्षों तक संघर्ष करना पड़ता है.
कालसर्प दोष के नुकसान क्या है?
इन भ्रान्तियों में माना जाता है कि कालसर्प दोष में जन्म लेने वाला बालक जीवनभर परेशान रहता है. उसका जीवन संघर्षमय हो जाता है. उसके जीवन में महत्वपूर्ण कार्य समय पर पूरे नहीं होते हैं. जीवन में निराशा का भाव रहता है और बार-बार हानि और धोखा उठाना पड़ता है.
काल सर्प योग की पूजा कब करनी चाहिए?
कालसर्प दोष निवारण के लिए नागपंचमी के दिन को सर्वोत्तम माना गया है क्योंकि इस दिन नागों की पूजा का विधान है. इसलिए इस दिन कालसर्प दोष वालों को चांदी का नाग-नागिन का जोड़ा भगवान शिव को अर्पित करने को कहा जाता है इससे कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Ujjwal Pradesh इस लेख की पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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