दिग्गज इयान चैपल उतरे वॉर्नर के सपोर्ट में , कहा- क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया केवल अपने हितों की रक्षा करता है
इयान चैपल का मानना है कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने कभी अपने खिलाड़ियों के हितों की रक्षा नहीं की और डेविड वॉर्नर ने उन पर लगे कप्तानी प्रतिबंध पर कड़ी प्रतिक्रिया करके अधिकारियों की अपना बचाव करने की प्रवृत्ति का खुलासा किया।
नई दिल्ली. ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल का मानना है कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने कभी अपने खिलाड़ियों के हितों की रक्षा नहीं की और डेविड वॉर्नर ने उन पर लगे कप्तानी प्रतिबंध पर कड़ी प्रतिक्रिया करके अधिकारियों की अपना बचाव करने की प्रवृत्ति का खुलासा किया। वॉर्नर ने बुधवार को उनकी कप्तानी पर लगे आजीवन प्रतिबंध को हटाने की अपील वापस ले ली। उनका कहना था कि समीक्षा पैनल उन्हें सार्वजनिक शर्मिंदगी से गुजारना चाहता है और वह नहीं चाहते कि उनका परिवार ‘क्रिकेट की गंदी लॉन्ड्री के लिए वाशिंग मशीन’ बने।
माइकल क्लार्क सहित कुछ पूर्व खिलाड़ियों ने वॉर्नर का समर्थन किया था और अब इस कड़ी में चैपल का नाम भी जुड़ गया है। चैपल ने ईएसपीएनक्रिकइंफो में अपने कॉलम में लिखा,” मुझे तब अच्छा नहीं लगा जब डेविड वॉर्नर ने अपने पर लगे कप्तानी प्रतिबंध की समीक्षा करने के आग्रह को वापस लेने का फैसला करते हुए क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को आड़े हाथों लिया था।”
उन्होंने कहा,” इससे पता चलता है कि डेविड वॉर्नर का उनके हितों को लेकर अधिकारियों पर भरोसा नहीं था। वॉर्नर का यह बुद्धिमता पूर्ण फैसला था, क्योंकि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया केवल अपने हितों की रक्षा करता है खिलाड़ियों के नहीं।”
चैपल ने कहा, ”युवा खिलाड़ियों को वॉर्नर का आभार व्यक्त करना चाहिए क्योंकि उन्होंने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की केवल अपना बचाव करने की प्रवृत्ति का खुलासा किया। उन्हें भविष्य में इसको ध्यान में रखना चाहिए।”
क्रिकेटर से कमेंटेटर बने चैपल ने कहा, ”सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वॉर्नर का समीक्षा वापस लेने से पता चलता है कि उन पर कप्तानी को लेकर लगाया गया आजीवन प्रतिबंध का फैसला कितना गलत था।”
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2018 में गेंद से छेड़छाड़ में शामिल होने के कारण तत्कालीन ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ और उपकप्तान वॉर्नर को एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया था। स्मिथ पर जहां कप्तानी का प्रतिबंध केवल दो साल के लिए लगाया गया था वही वॉर्नर को इस मामले में आजीवन प्रतिबंधित कर दिया गया था।
चैपल का मानना है कि स्मिथ और वॉर्नर पर कप्तानी को लेकर एक जैसा प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए था। उनकी नजर में स्मिथ का अपराध वॉर्नर से बड़ा था, क्योंकि तब वह टीम की अगुवाई कर रहे थे।