राजस्थान के अस्पतालों में लागू होगा एबीडीएम, स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा तकनीकी कदम

जयपुर.

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के क्रियान्वयन को लेकर भारत सरकार देश की स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल रूप से सशक्त और समावेशी बनाने के उद्देश्य से विभिन्न प्रमुख घटकों पर प्राथमिकता से कार्य कर रही है। एबीडीएम का उद्देश्य एक ऐसा डिजिटल स्वास्थ्य इको सिस्टम का निर्माण करना है, जो देश के प्रत्येक नागरिक को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं तक आसान और समान पहुंच प्रदान कर सके।

राज्य सरकार का चिकित्सा विभाग 10 महीने पहले निकले इन आदेशों को मिशन मोड में लागू करने जा रहा है। मिशन निदेशक एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) द्वारा जारी आदेशों के अनुसार राजस्थान के सभी जिलों में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के तहत योजना के प्रमुख घटकों को प्राथमिकता से लागू किया जाएगा। इस मिशन का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल रूप में उपलब्ध कराना और स्वास्थ्य संबंधी डेटा का समुचित उपयोग सुनिश्चित करना है। राज्य सरकार ने इसके क्रियान्वयन के लिए आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा), हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री (एचपीआर), और हेल्थकेयर फैसिलिटी रजिस्ट्री (एचएफआर) पर विशेष जोर देने का निर्णय लिया है।

आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा)
प्रत्येक नागरिक का हेल्थ अकाउंट 14 अंकों की आभा आईडी के माध्यम से पहचाना जाएगा। आभा आईडी पोर्टल और एप्स के माध्यम से स्वयं पंजीकरण की सुविधा दी गई है। योजना का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक नागरिक का एक डिजिटल हेल्थ आईडी बनाना है, जो उसकी संपूर्ण स्वास्थ्य जानकारी का डिजिटल रिकॉर्ड होगा। इस आईडी के माध्यम से नागरिक किसी भी अस्पताल या क्लिनिक में अपनी स्वास्थ्य जानकारी आसानी से साझा कर सकेंगे। इससे मरीजों को बार-बार मेडिकल रिपोर्ट्स ले जाने की आवश्यकता नहीं रहेगी और इलाज में होने वाली देरी को भी कम किया जा सकेगा। इसके साथ ही यह मरीजों के समय और पैसे की बचत भी करेगा, क्योंकि उन्हें बार-बार अपने टेस्ट और मेडिकल जानकारी साझा करने की आवश्यकता नहीं होगी।

एचपीआर (हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री)
एचपीआर के तहत राज्य के सभी स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों का पंजीकरण किया जाएगा। यह रजिस्ट्री स्वास्थ्य सेवा में कार्यरत डॉक्टर, नर्स, फार्मासिस्ट और अन्य पेशेवरों की एक व्यापक जानकारी प्रदान करेगी। इससे राज्य में उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं का उपयोग अधिक संगठित और पारदर्शी ढंग से किया जा सकेगा।

एचएफआर (हेल्थकेयर फैसिलिटी रजिस्ट्री)
एचएफआर के तहत राज्य के सभी स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों का पंजीकरण किया जाएगा। इस रजिस्ट्री के माध्यम से नागरिक यह जान सकेंगे कि राज्य में किन-किन स्थानों पर कौन-कौन सी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हैं। इससे लोगों को सही समय पर सही स्थान पर स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी मिलेगी और उपचार में होने वाली जटिलताएं कम होंगी।

मिशन की चुनौतियां और समाधान
मिशन के क्रियान्वयन के दौरान कुछ चुनौतियां भी सामने आ सकती हैं, जिनमें ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सुविधाओं की कमी, स्वास्थ्यकर्मियों और नागरिकों को डिजिटल तकनीक के प्रति जागरूक करना और डेटा गोपनीयता सुनिश्चित करना प्रमुख हैं। राज्य सरकार ने इन चुनौतियों से निपटने के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों और तकनीकी सहायता प्रदान करने की योजना बनाई है। सरकार का यह प्रयास है कि डिजिटल मिशन के सफल क्रियान्वयन से राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और उपलब्धता में सुधार हो। इसके साथ ही डिजिटल रिकॉर्ड के माध्यम से चिकित्सा सेवाओं में पारदर्शिता और कुशलता सुनिश्चित की जा सकेगी।

लाभार्थियों के लिए फायदा
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन से राज्य के लाखों नागरिकों को सीधा लाभ मिलेगा। आभा आईडी और अन्य डिजिटल सुविधाओं से वे न केवल अपनी स्वास्थ्य सेवाओं को सुगम और सुलभ बना सकेंगे, बल्कि इससे उनकी निजी स्वास्थ्य जानकारी भी सुरक्षित रहेगी। राज्य सरकार ने लक्ष्य निर्धारित किया है कि 2025 तक राजस्थान के सभी जिलों में एबीडीएम के सभी घटकों का पूर्ण क्रियान्वयन हो जाएगा।

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