विधानसभा सत्र की वंदे मातरम के साथ हुई शुरुआत, मंजूरी मिलते ही ढाई गुना तक बढ़ेगा विधायकों का वेतन

नई दिल्ली
'वंदे मातरम' के नारे के साथ दिल्ली विधानसभा का आज यानी सोमवार से दो दिवसीय मानसून सत्र शुरू हो गया है। इस सत्र में विधायकों के वेतन से संबंधित विधेयक को विधानसभा से अनुमति मिलने की पूरी संभावना जताई जा रही है। इस दौरान राजेंद्र नगर से नवनिवार्चित आम आदमी पार्टी के विधायक दुर्गेश पाठक को विधानसभा सदस्य की शपथ दिलाई गई। स्पीकर रामनिवास गोयल ने उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी। इसी कड़ी में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने विशेष उल्लेख (नियम संख्या 280) के तहत दिल्ली सरकार पर नए स्कूल खोलने की बजाय पुराने स्कूल बंद करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि शहीद अमीरचंद के नाम पर चल रहे लुडलो कैसल स्कूल को बंद किया गया।

इस पर उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बिधूड़ी पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि लुडलो कैसल स्कूल बंद नहीं किया गया। वहां स्पोर्ट्स स्कूल बनाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि आप सरकार स्कूल बंद करने में नहीं बल्कि खोलने में यकीन करती है। बता दें कि दिल्ली के विधायकों की वेतन में बढ़ोतरी को लेकर दिल्ली विधानसभा में बिल पेश करने को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रलय की ओर से छह साल बाद मंजूरी मिल गई है। 2015 में दिल्ली विधानसभा ने विधायकों के वेतन में संशोधन संबंधी विधेयक पास किया था। इसके बाद इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजा था, लेकिन उसके बाद से लगातार यह मामला लटकता आ रहा था।

दिल्ली के विधायकों का वेतन 12 हजार से बढ़कर अब 30 हजार रुपये होगा, जो कि सभी भत्ते मिलाकर 90 हजार हो जाएगा। केंद्र की मंजूरी के बाद अब इस विधेयक को विधानसभा में पास करने के बाद अधिसूचित किए जाने की प्रकिया पूर्ण की जाएगी। आम आदमी पार्टी का कहना है कि दूसरे राज्यों से अभी भी दिल्ली के विधायकों का वेतन कम, जबकि तेलंगाना में 2.50 लाख, महाराष्ट्र में 2.32 लाख रुपये, उत्तर प्रदेश के अंदर 1.87 लाख और जम्मू कश्मीर आदि में 1.60 लाख रुपये वेतन है। सत्र में कोविड-19 नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। सदस्यों को अनिवार्य रूप से कोरोनारोधी टीकाकरण का आखिरी प्रमाण पत्र या जांच रिपोर्ट चार जुलाई से 48 घंटे से पहले का लाना होगा। सदन में पहला विधेयक मंत्रियों के वेतन, दूसरा विधायकों के वेतन, तीसरा चीफ व्हिप, चौथा विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष व पांचवां नेता प्रतिपक्ष के वेतन आदि से संबंधित होगा। राजस्व और कानून मंत्री कैलाश गहलोत की ओर से ये विधेयक पेश किए जाएंगे।

 

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