छत्तीसगढ़-बालोद में थाने में पिटाई की चोट देख पिता की मौत, परिजनों ने थाने के बाहर शव रखकर किया हंगामा

बालोद।

जिले के अर्जुन्दा क्षेत्र में बीते 15 सितंबर को डॉक्टर के साथ मारपीट के मामले पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। जिसमे से एक के पिता की आज इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई। मृतक के परिजनों का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने आरोपी को रातभर थाने में पीटा, जिसके बाद बेटे के शरीर पर चोट देखकर पिता की तबियत बिगड़ गई।

आनन-फानन में परिजन उन्हें अस्पताल ले गए जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इसके बाद आज मृतक के परिजनों ने अर्जुन्दा थाना के बाहर शव रखकर जमकर हंगामा किया। इस दौरान आरोपियों पर कार्रवाई को लेकर गुंडरदेही विधायक कुंवर सिंह निषाद भी परिजनों के साथ थाना परिसर में धरना देने बैठे थे। मामले को तूल पकड़ता देख तीनों पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच कर दिया गया है।
मृतक के परिजनों ने अर्जुन्दा थाना प्रभारी को लिखे पत्र में बताया कि हमारे भाई प्रवीण चंदेल उसके साथी सूर्यकांत शर्मा और सन्नीजीत तिवारी को अर्जुन्दा पुलिस द्वारा 15 सितंबर को पुलिस कस्टडी में रखा गया। इस दौरान पुलिस थाना अर्जुन्दा के ए.एस.आई. विश्वजीत मेश्राम, पुलिस कांस्टेबल विरेन्द्र साहू और पुरानीक साहू ने शराब के नशे में उन्हें रातभर बेरहमी से पीटा, जिससे प्रवीण, सूर्यकांत एऔर सन्नीजीत तीनों को बहुत चोटें आईं। दूसरे दिन जब वे पुलिस कस्टडी से वापस आए, तो घर जाकर बीती रात की घटना की जानकारी परिवारवालों को दी। इस दौरान प्रवीण चंदेल के पिता उनके जख्मों को देखकर सदमा लगने से ब्रेनहेमरेज का शिकार हो गए, जिससे उन्हें पैरालिसिस हो गया। इसके कारण उन्हें 16 सितंबर की रात राजनांदगाँव के यूनाइटेड अस्पताल में भर्ती कराया गया। उपचार के दौरान वे कोमा में चले गए, जिसके बाद उन्हें रायपुर के डी.के.एस. अस्पताल में रिफर किया गया, जहां इलाज के दौरान आज 13 सितंबर की सुबह 9:30 बजे उनकी मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि घटनाक्रम के चार दिन बाद विवेचक विश्वजीत मेश्राम ने शिकायत दर्ज कराने वाले डॉक्टर को उकसाया और जातिगत प्रकरण लगाया गया। मृतक के परिजनों ने पुलिस प्रशासन को प्रवीण के पिता की मौत का जिम्मेदार बताते हुए पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफ.आई.आर. की मांग की थी।

एफआईआर नहीं की गई तो करेंगे उग्र आंदोलन – विधायक कुंवर सिंह
“विधायक कुंवर सिंह ने बताया कि वह मृतक के परिजनों को न्याय दिलाने के लिए थाने के बाहर धरने पर बैठे थे। 7 दिनों के भीतर युवकों की पिटाई के मामले की जांच कर तीनों आरोपी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई का आश्वासन मिला है, अगर मामले में एफआईआर नहीं की जाती है तो उग्र आंदोलन किया जाएगा, जिसकी जवाबदेही पुलिस प्रशासन की होगी।”

जांच के बाद की जाएगी कार्रवाई – एडीशनल एसपी
एडीशनल एसपी अशोक जोशी ने बताया कि पिछले महीने अस्पताल में डॉक्टरों के साथ एक घटना हुई थी। उस घटना में जिन व्यक्तियों ने घटना घटित की थी, उनमें से एक आरोपी के पिता की मृत्यु हो गई है। आरोपी की अभी बेल नहीं हो पाई है, इस वजह से उनकी डेड बॉडी वह लोग लेकर आए थे और उनका यह कहना है कि आरोपी मृतक का इकलौता लड़का है, अगर उसकी बेल हो जाती तो वह मृतक का अंतिम संस्कार कर सकेंगे। एडीशनल एसपी अशोक जोशी ने बताया कि मृतक के परिजनों का यह भी आरोप था कि पुलिस द्वारा आरोपी के साथ मारपीट की गई थी। मामले में जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई करेंगे। एसपी साहब के आदेश पर तीनों पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच कर दिया गया है, 7 दिन बाद जांच रिपोर्ट के आधार पर वैधानिक कार्रवाई करेंगे।

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