राजस्थान-जोधपुर में रंगदारी केस में लॉरेंस ने 8 साल बाद कोर्ट में दिए बयान, पुलिस पर झूठा फंसाने का लगाया आरोप

जोधपुर.

पंजाब के कुख्यात और हार्डकोर बदमाश लॉरेंस बिश्नोई और उनके गुर्गों पर ट्रैवल्स कंपनी के मालिक को धमकाने और रंगदारी के मामले में महानगर मजिस्ट्रेट संख्या-7 में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लारेंस के बयान दर्ज किए गए। साबरमती जेल से वीसी के जरिए मजिस्ट्रेट हर्षित आडा के समक्ष लारेंस के बयान दर्ज किए गए।

अधिवक्ता संजय विश्नोई ने बताया कि ट्रैवल्स एजेंसी के मालिक मनीष जैन से रंगदारी और डराने धमकाने एवं फायरिंग करने के मामले में साल 2017 में सरदारपुरा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। लंबे समय से इस मामले में सुनवाई चल रही थी। लारेंस के बयान नहीं हो पा रहे थे। ऐसे में फिजिकली लारेंस को लाना संभव नहीं होने पर पिछली सुनवाई पर वीसी के जरिए बयान करवाने थे, लेकिन तकनीकी खराबी की वजह से बयान नहीं हो पाए थे। आज वीसी के जरिए साबरमती जेल से लारेंस ऑनलाइन कोर्ट के समक्ष पेश हुआ और उसके बयान दर्ज किए गए। लारेंस ने कोर्ट के समक्ष बयान दर्ज कराए। करीब 55 सवाल लारेंस के सामने रखे गए जिन पर उससे जवाब लिए गए। लारेंस ने सभी का जवाब दिया और कहा कि पुलिस ने इस मामले में उसे झूठा फंसाया है, क्योंकि घटना से तीन साल पहले से वह जेल में था। ऐसे में पुलिस केवल उसे फंसाने का प्रयास कर रही है। उसका कहा कि घटना के वक्त जेल में होने से वह घटना को कैसे अंजाम दे सकता है। अधिवक्ता विश्नोई ने कहा कि अभी उसके बयान पूरे नहीं हुए हैं। ऐसे में अगली पेशी पर उसके बयान होने के बाद इस मामले में बयानों पर जिरह होगी। उसके बाद ही इस मामले में कोर्ट की आगे की प्रोसेडिंग होने के साथ फैसला होगा।

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