Ladli Laxmi-Bahna Yojana : ‘लाड़ली लक्ष्मी-बहना’ पर सरकार ने खोला खजाना, टॉपर छात्राओं को मिलेगी स्कूटी
MP Ladli Laxmi-Bahna Yojana : सरकार के बजट में किसी नए कर का प्रस्ताव नहीं है। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि सरकार की मंशा है कि महिलाएं, परिवार में नेतृत्व करने की भूमिका में आएं।
MP Ladli Laxmi-Bahna Yojana : उज्जवल प्रदेश, भोपाल. मध्यप्रदेश सरकार के बजट में किसी नए कर का प्रस्ताव नहीं है। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि सरकार की मंशा है कि महिलाएं, परिवार में नेतृत्व करने की भूमिका में आएं। इसके साथ ही महिलाएं स्वयं की जरूरतों के लिए आर्थिक रूप से अन्य किसी पर आश्रित न रहें।
लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत बच्चियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इस योजना के तहत अब तक 44 लाख से अधिक लाड़लियों को लाभ मिल चुका है। लाड़ली लक्ष्मी योजना के लिए 929 करोड़ रुपए रखे हैं। महिला स्व-सहायता समूहों के लिए 660 करोड़ रुपए, आहार अनुदान योजना के लिए 300 करोड़, सीएम लाड़ली बहना योजना के लिए आठ हजार करोड़ रुपए, इस तरह नारी कल्याण के लिए 1.2 लाख करोड़ रुपये रखे गए हैं।
हायर सेकेंडरी टॉपर छात्राओं को मिलेगी ई-स्कूटी
- वित्त मंत्री ने कहा कि छात्राओं को विद्यालयों तक पहुंचने के लिए सुविधा देने और निर्भरता कम करने के लिए मुख्यमंत्री बालिका स्कूटी योजना प्रस्तावित है। उच्च शिक्षा के लिए इस योजना में प्रदेश के समस्त उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में प्रथम स्थान पाने वाली छात्राओं को ई स्कूटी प्रदान की जाएगी।
- आहार अनुदान योजना के लिए बजट में 300 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
- प्रसूति सहायता योजना के लिए 400 करोड़
- कन्या विवाह और निकाह योजना के लिए 80 करोड़ रुपए
- एमबीबीएस सीट 2 हजार 55 से बढ़ाकर 3 हजार 605 की जाएंगी।
- बकायादार किसानों के सरकारी संस्थानों से लिए गए कर्ज का ब्याज सरकार भरेगी।
- इंदौर और भोपाल में मेट्रो रेल के लिए 710 करोड़ रुपए का बजट।
- आहार योजना अनुदान के लिए 300 करोड़
- 1 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी जाएंगी।
- खेलों के विकास के लिए 738 करोड़ रुपए।
- सीएम राइज स्कूलों के लिए 3 हजार 230 करोड़
- सलकनपुर में श्रीदेवी महालोक, सागर में संत रविदास स्मारक, ओरछा में रामराजा लोक, चित्रकूट में दिव्य वनवासी राम लोक को डेवलप करने 358 करोड़ रुपए।
- नगरीय निकायों को 842 करोड़, नगरीय विकास के लिए 14 हजार 82 करोड़ , स्थानीय निकायों को 3 हजार 83 करोड़ रु.।
ईडब्लयूएस ‘घर’ की रजिस्ट्री में स्टाम्प शुल्क शून्य
डेवलपर को बिक्री का अधिकार देने वाले विकास अनुबंध पर लगने वाले स्टांप शुल्क 2.5 प्रतिशत को घटाकर 1.5 प्रतिशत किया जा रहा है। ईडब्ल्यूएस के पक्ष में की जाने वाली रजिस्ट्री में लगने वाले स्टांप शुल्क 5 प्रतिशत को घटाकर जीरो प्रतिशत किया गया है। बजट में यह भी कहा गया है कि विकास अनुज्ञा के बदले डेवलपर द्वारा स्थानीय निकाय में बंधक रखने जाने वाले भूखंडों के मामले में स्टांप शुल्क 0.5 प्रतिशत से घटाकर 0.125 प्रतिशत किया जा रहा है।